बिजली आज के जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। यह राज्य का कर्तव्य है कि वह अन्य आवश्यकताओं के साथ-साथ, इस मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति पर्याप्त मात्रा में सभी लोगों के लिए ऐसी क़ीमत पर करवाये, जो लोगों की ख़रीद क्षमता के भीतर हो। राज्य ने न केवल इस ज़िम्मेदारी को निभाने से इंकार किया है बल्कि बिजली को इजारेदार पूंजीपतियों की मुनाफ़ाखोरी की वस्तु में बदल दिया है।
आगे पढ़ेंAuthor: hindi_cgpiadmin

हरियाणा सरकार किसानों की मांगों के आगे झुकी
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
13 जून, 2023 को हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों की सूरजमुखी के बीज के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) देने, गिरफ़्तार किसानों की रिहाई सहित अन्य मांगों को मान लिया है। इसी के साथ सूरजमुखी फ़सल की एम.एस.पी. को लेकर, 6 जून से चल रहा आंदोलन उसी दिन शाम को ख़त्म हो गया।
ओडिशा में रेलगाड़ी की भयानक टक्कर की सी.बी.आई. जांच :
सरकार की ज़िम्मेदारी पर पर्दा डालने की कोशिश
एक साज़िश की तरह इसकी जांच करने का काम सी.बी.आई. को सौंपने का एकमात्र उद्देश्य है कि अधिकारियों द्वारा रेल सुरक्षा की आपराधिक उपेक्षा से जनता का ध्यान हटाया जा सके।
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अमरीकी डॉलर की दादागीरी
इस वर्ष मार्च के अंतिम सप्ताह में चीन द्वारा संयुक्त अरब-अमीरात (यू.ए.ई.) से खरीदे गए 65,000 टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एल.एन.जी.) के भुगतान के लिए चीन की मुद्रा युआन का उपयोग किया गया था। सऊदी अरब ने अपने तेल का कुछ हिस्सा, युआन मुद्रा में चीन को निर्यात करने में रुचि दिखाई है। सऊदी अरब ने केन्या की तेल कंपनियों को तेल के भुगतान के रूप में केन्या की मुद्रा (करेंसी) केन्याई-शिलिंग को स्वीकार करने के लिए केन्या की सरकार के साथ एक समझौते पर भी बातचीत की है। ये सौदे, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अमरीकी डॉलर के अलावा अन्य मुद्राओं का इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति का हिस्सा हैं, जिसमें हिन्दोस्तान और चीन द्वारा रूसी तेल की ख़रीद भी शामिल है।
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आरोपी को माफ़ करने के रिवाज़ को ख़त्म करो और आरोपी बृज भूषण शरण सिंह को तुरंत गिरफ्तार करो
यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ न्याय के लिये संघर्ष करने वाले पहलवानों पर राज्य के दमन और पुलिस के अत्याचार की निंदा करते हुए, 6 जून, 2023 को महिलाओं और मानवाधिकार संगठनों द्वारा सामूहिक बयान जारी किया गया
आगे पढ़ेंभयानक रेल हादसा :
सैकड़ों जिंदगियों का दुःखद अंत
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि जिस दुर्घटना ने इतने लोगों की क़ीमती जान ली है, उसे पूरी तरह से टाला जा सकता था। दशकों से भारतीय रेलवे द्वारा रेल सुरक्षा की उपेक्षा की गई है। सत्ताधारी पूंजीपति वर्ग ने दिखा दिया है कि उसे रेलगाड़ी से सफ़र करने वाले मेहनतकश लोगों की जान की परवाह नहीं है।
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प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में मज़दूरों और महिलाओं के संगठनों ने जनसभा की
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
1 जून को दिल्ली की ट्रेड यूनियनों व मज़दूर संगठनों ने महिला संगठनों के साथ मिलकर, संसद मार्ग पर एक सभा की। इस सभा में बड़ी संख्या में नौजवान और छात्र शामिल हुए।
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‘महिला आन्दोलन के सामने चुनौतियां’ के विषय पर गोष्ठी
पुरोगामी महिला संगठन के संवाददाता की रिपोर्ट
एन.एफ़.आई.डब्ल्यू. (भारतीय महिला फेडेरशन) ने हाल में अपनी 70 वीं सालगिरह मनायी। इस अवसर पर एक राष्ट्रीय गोष्ठी आयोजित की गयी थी, जिसका विषय था – ‘बलात्कारियों की रिहाई से पहलवानों के संघर्ष तक: महिला आन्दोलन के सामने चुनौतियां’।
आगे पढ़ेंहमारे पाठकों से
गिग मजदूरों की समस्याओं पर
मज़दूर एकता लहर में प्रकाशित गिग मज़दूरों की समस्याओं पर लेख से हमें साफ तौर पर यह दिखाई दे रहा है कि देश का युवा वर्ग किस प्रकार से बेरोज़गारी की समस्या से जूझ रहा है। सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में रोज़गार की कमी के कारण करोड़ों की तादात में युवा ऑनलाइन फूड प्लेटफार्मों, ई कॉमर्स कंपनियों, सामान की डिलीवरी तथा ओला व उबर ड्राइवरों, इत्यादि जैसे काम करने के लिए मजबूर है।
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मणिपुर में क्या समस्या है और इसे कौन पैदा कर रहा है?
मणिपुर की मौजूदा स्थिति के लिए हुक्मरान दोषी हैं, न कि जनता। तबाही और हिंसा के लिए न तो कुकी और न ही मैतेई लोग ज़िम्मेदार हैं। इसके विपरीत, वे इस हिंसा के शिकार हैं। मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा सत्ता में बैठे लोगों द्वारा सुरक्षा बलों, अदालतों और राज्य तंत्र के अन्य अंगों की सहायता से किया गया अपराध है। यह राजकीय आतंकवाद है। आगे पढ़ें