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राजस्थान के नोहर में सिंचाई के पानी के लिये संघर्ष :
किसानों ने लंबी लड़ाई के बाद अपनी मांगों को जीता

राजस्थान के नोहर जिले में सिंचाई की समस्याओं को लेकर रामगढ़ उप तहसील कार्यालय के सामने चल रहा धरना प्रदर्शन, अधिकारियों से वार्ता के बाद 3 दिसंबर को समाप्त हुआ। एस.डी.एम. की अध्यक्षता में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हुई इस वार्ता में विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बनी। संयुक्त किसान संघर्ष समिति नोहर-भादरा अमरसिंह ब्रांच के बैनर तले यह धरना पिछले चैबीस दिनों से लगातार जारी था। किसानों के अडिग संघर्ष ने उनकी विभिन्न मांगों पर वार्ता करने के लिये अधिकारियों को विवश कर दिया।

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बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 30वीं बरसी पर सभा का आयोजन :
राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा और राजकीय आतंक के ख़िलाफ़ संघर्ष जारी है!

“राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा और राजकीय आतंक के ख़िलाफ़ संघर्ष जारी है!”; “एक पर हमला सब पर हमला!” सभा के मुख्य बैनर पर लिखे गये इन नारों ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 30वीं बरसी पर, 6 दिसंबर, 2022 को संसद के सामने आयोजित एक लड़ाकू विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोगों के दृढ संकल्प को प्रकट किया।

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निजी व्यापारियों की कंपनियों के मुनाफ़ों के लिए गेहूं की सरकारी ख़रीद में कटौती

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, गेहूं के आटे का सर्व हिन्द दैनिक औसत खुदरा मूल्य 36.98 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। पिछले एक साल में आटे के खुदरा मूल्य में 17 प्रतिषत की बढ़ोतरी हुई है। जो लोग पहले से ही एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की अब तक की सबसे महंगी दरों का सामना कर रहे हैं, उनपर और बोझ पड़ा है।

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Sangarur_laathi_charge-


पंजाब के खेत मज़दूरों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया

ज़मीन प्राप्ति संघर्ष समिति (जेड.पी.एस.सी.), पंजाब खेत मज़दूर यूनियन, पेंडू मज़दूर यूनियन, पंजाब खेत मज़दूर सभा, मज़दूर मुक्ति मोर्चा, कुल हिंद खेत मज़दूर यूनियन और दिहाड़ी मज़दूर सभा से जुड़े खेत मज़दूरों ने संगरूर में पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास पर 30 नवंबर को एक विशाल रैली का आयोजन किया।

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Vizhinjam-protest


केरल के मछुआरों ने अपनी आजीविका पर हो रहे हमलों का विरोध किया

पिछले कई महीनों से केरल के मछुआरे तिरुवनंतपुरम के विझिंजम में बन रहे बंदरगाह के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बंदरगाह को अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा है, गौतम अडानी इस कंपनी के प्रमुख हैं और वे हिन्दोस्तान के सबसे बड़े कारपोरेट घरानों में से एक हैं।

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बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 30 वीं बरसी पर :
साम्प्रदायिक हिंसा के खिलाफ और ज़मीर के अधिकार की हिफ़ाज़त के लिए अपनी राजनीतिक एकता को और मजबूत करें!


जब हुक्मरान वर्ग मज़हब के आधार पर जनता के किसी विशेष तबके को निशाना बनाता है, तो यह वास्तव में पूरी जनता पर हमला है। यह लोगों की एकता और भाईचारे पर हमला है।

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Thanjavur-_Protest


तमिलनाडु में किसानों के विरोध प्रदर्शन जारी हैं

तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में, किसानों का आंदोलन जारी है। वे अपनी जायज़ मांगों के लिये संघर्ष कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं – सभी उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, यूरिया और अन्य उर्वरकों की उचित मूल्य पर पर्याप्त आपूर्ति, बिजली संशोधन अधिनियम को वापस लेना, बाढ़ की वजह से बरबाद हुई फ़सलों के लिए उचित मुआवज़ा, फ़सल बीमा और गैर कृषि कार्यों के लिए कृषि भूमि के जबरन अधिग्रहण को समाप्त करना।

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दिल्ली की सरहदों पर चले किसानों के विरोध धरने की दूसरी वर्षगांठ


दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसानों के धरने को शुरू करने के पूरे दो साल हो गये हैं। देशभर के किसानों ने राजधानी दिल्ली के आसपास 26 नवंबर, 2020 को शुरू किये गये अपने ऐतिहासिक विरोध की दूसरी वर्षगांठ के अवसर को चिन्हित करने का फ़ैसला किया है। इस दिन हर राज्य की किसान यूनियनें राजभवन के सामने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगी। राज्य के राज्यपाल का ऐसा पद होता है जो केंद्र सरकार के आदेश का पालन करता है।

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Faridkot Protest


पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया

हजारों किसान अपनी लंबित मांगों को पूरा नहीं किए जाने को लेकर 16 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। आंदोलनकारी किसानों ने पंजाब के मानसा, बठिंडा, पटियाला, फरीदकोट, मुकेरियां और अमृतसर में राजमार्गों को बंद कर दिया और उन्होंने जिला प्रशासन के कार्यालयों में धरना प्रदर्शन भी किया।

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बिजली क्षेत्र के मज़दूरों का संघर्ष ज़िन्दाबाद!
बिजली का निजीकरण समाज के हितों के ख़िलाफ़ है!

मज़दूर एकता कमेटी का बयान, 23 नवम्बर, 2022

बिजली संशोधन विधेयक 2022 के विरोध में बिजली क्षेत्र के मज़दूर बड़ी संख्या में दिल्ली के रामलीला मैदान में आये हैं। अन्य क्षेत्रों के मज़दूर भी आपके समर्थन में यहाँ मौजूद हैं। बिजली क्षेत्र के मज़दूरों का संघर्ष, निजीकरण के खि़लाफ़ देशभर में चल रहे संघर्ष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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