भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत की 92वीं सालगिरह पर :
शोषण-दमन से मुक्त हिन्दोस्तान बनाने के शहीदों के सपने को पूरा करना होगा!

मज़दूर एकता कमेटी का बयान, 20 मार्च, 2023

23 मार्च, 1931 को अंग्रेज़ हुक्मरानों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ा दिया था। उन्हें “आतंकवादी” करार दिया गया था। उन्होंने तथा अनगिनत और क्रांतिकारियों ने, अंग्रेज़ हुकूमत को उखाड़ फेंकने और अपने लोगों को गुलामी व हर प्रकार के शोषण-दमन से मुक्त कराने के लिए, अपनी जान की क़ुरबानी दी थी। अंग्रेज़ हुक्मरान उन्हें फांसी पर चढ़ाकर, उनके विचारों और कार्यों को मिटा देना चाहते थे।

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शरणार्थियों पर हमला करने वाले नए विधेयक के ख़िलाफ़ ब्रिटेन में हजारों लोगों का प्रदर्शन

18 मार्च, 2023 को लंदन, ग्लासगो और कार्डिफ शहरों में हजारों लोगों ने ब्रिटिश संसद में पेश किए गए एक कठोर विधेयक के विरोध में जुझारू रैलियों में भाग लिया। यह विधेयक ब्रिटेन में आश्रय मांगने वाले शरणार्थियों को सभी अधिकारों से वंचित करता है। लंदन में प्रदर्शनकारियों ने पोर्टलैंड प्लेस में बीबीसी मुख्यालय के सामने इकट्ठे होकर, पार्लियामेंट स्क्वेयर तक एक जुलूस निकाला और वहीं पर एक सभा आयोजित की।

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आलू और प्याज के उत्पादकों का बार-बार होने वाला संकट :
एकमात्र समाधान-लाभकारी क़ीमतों पर राज्य द्वारा ख़रीद की गारंटी

हिन्दोस्तान में थोक प्याज के सबसे बड़े बाज़ार, महाराष्ट्र के नाशिक में प्याज की क़ीमतें पिछले दो महीनों में लगभग 70 प्रतिशत गिर गई हैं। महाराष्ट्र में प्याज उत्पादक अपनी फ़सल को एक रुपये से दो रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचने को मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल में आलू के किसानों को इसी तरह के संकट का सामना करना पड़ा है। आलू की क़ीमतें 4 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आ गईं, जो उनकी उत्पादन लागत से काफी कम हैं।

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इराक पर अमरीका की अगुवाई में किये गये हमले की 20वीं बरसी :
अमरीका सभी देशों की संप्रभुता और विश्व-शांति का सबसे बड़ा दुश्मन है

19 मार्च को, अमरीका की अगुवाई में, अमरीकी व ब्रिटिश सेनाओं तथा कुछ अन्य देशों की सेनाओं द्वारा इराक पर किये गए हमले की 20वीं बरसी है। वह एक बहुत ही बेरहम, अवैध और बिना किसी उकसाहट के किया गया हमला था।

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उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने 72 घंटे की हड़ताल की

16 मार्च की रात से पूरे उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक बिजली कर्मचारियों ने यूपी राज्य विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 72 घंटे की हड़ताल की। हड़ताल करने वालों में इंजीनियर, जूनीयर इंजीनियर, टेक्नीशियन, परिचालन कर्मचारी, कलर्क और ठेका मज़दूर शामिल थे। उन्होंने काम का बहिष्कार किया और राजधानी लखनऊ सहित राज्यभर के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किये। फर्रुख़ाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, हरदोई, फिरोज़ाबाद, मुरादाबाद, एटा, वाराणसी और रायबरेली से विरोध प्रदर्शनों की सूचना मिली है। राज्य के कई हिस्सों में घंटों तक बिजली की आपूर्ति ठप्प रही।

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पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग :
महाराष्ट्र में मज़दूरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की

पूरे महाराष्ट्र में राज्य सरकार, शिक्षकों और गैर-शिक्षण मज़दूरों तथा अर्ध-सरकारी क्षेत्र के  लाखों मज़दूरों ने 14 मार्च को अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की। वे मांग कर रहे हैं कि महाराष्ट्र सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करे। 13 मार्च को राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ गवरमेंट, सेमी गवरमेंट टीचिंग और नान टीचिंग इप्लाईज़ कोर्डिनेशन कमेटी महाराष्ट्र के प्रतिनिधियों से हुई चर्चा विफल रही, जिसके बाद हड़ताल शुरू की गई।

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पेरिस कम्यून और श्रमजीवी लोकतंत्र की श्रेष्ठता

सरमायदार शासक वर्गों का दावा है कि बहुपार्टीवादी प्रतिनिधित्ववादी लोकतंत्र से बेहतर कोई विकल्प नहीं है
18 मार्च, 1871 को स्थापित हुए पेरिस कम्यून ने दिखाया था कि उससे बेहतर एक विकल्प है – श्रमजीवी लोकतंत्र

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झूठे वादे और झूठे दावे :
अपनी मांगों को लेकर किसानों ने नाशिक से मुंबई की तरफ कूच किया

हजारों किसानों और उनके समर्थकों ने 13 मार्च को महाराष्ट्र के नाशिक से 200 किलोमीटर लंबा जुलूस शुरू किया। उन्होंने 20 या 21 मार्च को किसी समय मुंबई में राज्य विधानसभा के सत्र के दौरान मोर्चा लेकर जाने का दृढ़ निश्चय किया है। यह जुलूस 5 साल पहले 2018 में ऐसे ही लंबे जुलूस की यादें ताजा कर रहा है। उस समय भी हजारों पुरुष और महिला किसान, खेतिहर मज़दूर और उनके समर्थकों ने भीषण गर्मी को झेलते हुए मुंबई शहर की ओर जुलूस निकाला था। उस समय की तरह अब भी पैदल जुलूस के रास्ते में शहरों और गांवों के लोगों द्वारा भोजन और पानी देकर, जुलूस में हिस्सा ले रहे किसानों की मदद की जा रही है। नाशिक से शुरू हुए जुलूस में पूरे महाराष्ट्र के हजारों अन्य किसान रास्ते में विभिन्न स्थानों पर शामिल होंगे।

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया

8 मार्च, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस था, इस अवसर को मनाने के लिये देश के विभिन्न शहरों में बैठकों, विरोध-प्रदर्शनों और सामूहिक रैलियों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर, महिला संगठनों और मज़दूर-संगठनों के साथ-साथ मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठन भी, इन जुझारू विरोध-प्रदर्शनों में एक साथ आए।

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