मज़दूर एकता कमेटी का बयान, 20 मार्च, 2023
23 मार्च, 1931 को अंग्रेज़ हुक्मरानों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ा दिया था। उन्हें “आतंकवादी” करार दिया गया था। उन्होंने तथा अनगिनत और क्रांतिकारियों ने, अंग्रेज़ हुकूमत को उखाड़ फेंकने और अपने लोगों को गुलामी व हर प्रकार के शोषण-दमन से मुक्त कराने के लिए, अपनी जान की क़ुरबानी दी थी। अंग्रेज़ हुक्मरान उन्हें फांसी पर चढ़ाकर, उनके विचारों और कार्यों को मिटा देना चाहते थे।
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