26 मार्च को शहीदी दिवस के अवसर पर, हरियाणा के जिला सिरसा के गांव माधोसिंघाना में मज़दूर एकता कमेटी द्वारा एक सभा का आयोजन किया गया। सभा में आगे उठाये जाने वाले कामों की योजना पर बनाई गई। कई साथी राजस्थान से भी सभा में शामिल हुये थे।
आगे पढ़ेंAuthor: hindi_cgpiadmin

यूगोस्लाविया के ख़िलाफ़ अमरीका के नेतृत्व में आयोजित नाटो युद्ध की 24वीं वर्षगांठ :
अमरीकी साम्राज्यवाद और उसका नाटो सैन्य-गठबंधन – देशों की संप्रभुता के सबसे बड़े दुश्मन
24 मार्च, 1999 को अमरीकी कमान के तहत, नाटो सैन्यबलों ने यूगोस्लाविया के संप्रभु राज्य के ख़िलाफ़ अपना ज़ालिम, दंडनीय आक्रमण शुरू किया था। अमरीका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, कनाडा और नाटो के अन्य सदस्य देशों के सशस्त्र बलों ने यूगोस्लाविया पर बड़े पैमाने पर हवाई बमबारी शुरू की जो 10 जून, 1999 तक चली। इस युद्ध के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनुमति नहीं ली गयी थी।
आगे पढ़ेंतमिलनाडु के किसानों की समस्याओं पर सम्मेलन :
अपने अधिकारों की रक्षा में किसानों की जुझारू एकता को मजबूत करने का दृढ़ संकल्प
तमिलनाडु में तंजावुर के पास अम्मापेट्टई में किसानों की समस्याओं और आगे के रास्ते पर चर्चा करने के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें सूखाग्रत क्षेत्रों में फ़सलों की सिंचाई के लिए पानी की कमी, सभी फ़सलों के लिए सुनिश्चित न्यूनतम समर्थन मूल्य का अभाव, भंडारण और अन्य बुनियादी सुविधाओं में कमी सहित किसानों के सामने अन्य ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की गई।
आगे पढ़ेंएक ऐतिहासिक पहल की 30वीं सालगिरह :
लोगों को सत्ता में लाने की आवश्यकता
हमारे हुक्मरान यह दावा करते हैं कि हिन्दोस्तान दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इस दावे को आज से 30 साल पहले चुनौती दी गयी थी, उन लोगों द्वारा, जो जनसमुदाय की शक्तिहीन स्थिति के खिलाफ आवाज़ उठा रहे थे।

नई दिल्ली में मज़दूर-किसान संघर्ष रैली
नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 5 अप्रैल को मज़दूर-किसान संघर्ष रैली में देश के विभिन्न राज्यों से हजारों मज़दूर और किसान एकत्रित हुए।
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यमन पर अमरीकी आक्रमण :
अमरीकी साम्राज्यवाद के जुर्मों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए!
आठ साल पहले, सऊदी अरब के नेतृत्व में, अरब-देशों में अमरीकी साम्राज्यवाद के सहयोगियों की एक संयुक्त सेना ने, अरब-प्रायद्वीप के एक संप्रभु देश, यमन के ख़िलाफ़ चौतरफा युद्ध शुरू किया था। उस अभियान में 1,50,000 सैनिकों और 100 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया था।
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अमरीकी साम्राज्यवाद और उसके सहयोगियों द्वारा लीबिया पर किये गए जुर्म
बारह साल पहले, मार्च 2011 में अमरीकी नेतृत्व वाली नाटो सेना ने उत्तरी अफ्रीका में लीबिया पर लगातार बमबारी शुरू की थी। उनका उद्देश्य मुअम्मर अल-गद्दाफी की सरकार को हटाना, उसके स्थान पर अपनी पसंद की कठपुतली सरकार स्थापित करना और लीबिया पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना था।
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सरकार द्वारा ख़रीद में कटौती के कारण गेहूं की खुदरा क़ीमतों में तेज़ी आई
देशभर के क़स्बों और शहरों में काम करने वाले लोग जून 2022 से गेहूं की बढ़ती क़ीमतों का सामना कर रहे हैं। गेहूं जैसे ज़रूरी खाद्य पदार्थों की क़ीमतों में वृद्धि ने लोगों पर और बोझ डाल दिया है, जो पहले से ही एल.पी.जी., पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ी हुई क़ीमतों का सामना कर रहे हैं।
शहीदी दिवस के अवसर पर गोष्ठी :
शोषण-दमन से मुक्त हिन्दोस्तान बनाने के संघर्ष को आगे बढ़ायें!
26 मार्च, 2023 को दक्षिण दिल्ली के ओखला ओद्योगिक क्षेत्र फेस-2 में मज़दूर एकता कमेटी ने शहीदी दिवस के अवसर पर सभा रखी। शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को पुष्पांजलि देकर सभा की शुरुआत हुई।
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ब्रिटेन में हड़तालों की लहर
इस साल मार्च के महीने में, सरकार के स्प्रिंग बजट की प्रस्तुति के दिन, ब्रिटेन में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लाखों-लाखों मज़दूरों ने हड़तालों और विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया।
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