Asha-Workers-Strike-Ends


लंबे संघर्ष के बाद आशा कार्यकर्ताओं को वेतन में बढ़ोतरी मिली

हरियाणा में आशा कार्यकर्ताओं को दो महीने से अधिक के लगातार संघर्ष के बाद उनके मासिक वेतन में 2,100 रुपये की वृद्धि की घोषणा से कुछ राहत मिली।

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1984 में सिखों के जनसंहार की 39वीं बरसी :
जनसंहार से सबक


हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 25 अक्तूबर, 2023
हमें राजनीतिक व्यवस्था को बदलने के उद्देश्य से सांप्रदायिकता और सांप्रदायिक हिंसा के ख़िलाफ़ संघर्ष को तेज़ करना होगा, ताकि सरमायदार वर्ग की हुकूमत की जगह पर मज़दूरों, किसानों और सभी मेहनतकशों की हुकूमत स्थापित की जा सके। सिर्फ ऐसा करके ही यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि जीवन का अधिकार, ज़मीर का अधिकार और अन्य सभी मानव अधिकारों व लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन नहीं होगा और किसी के साथ उसकी आस्था के आधार पर भेदभाव नहीं किया जायेगा।

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15 अक्तूबर को गुरुग्राम-जयपुर एक्सप्रेसवे को बंद किया गया
हरियाणा के किसान अपने हक़ों की मांगों के लिये दृढ़ता से डटे हैं

हरियाणा के 15 गांवों के 3,000 से अधिक किसानों ने हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एच.एस.आई.आई.डी.सी.) द्वारा अधिग्रहित उनकी 1,800 एकड़ से अधिक भूमि के लिए उचित मुआवज़े की मांग करते हुए 15 अक्तूबर को रविवार के दिन गुरुग्राम-जयपुर एक्सप्रेसवे को बंद कर दिया।

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फ़िलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिये विश्वव्यापी प्रदर्शन

दुनियाभर के विभिन्न शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं, हजारों लोग फ़िलिस्तीनी लोगों के समर्थन में सड़कों पर उतर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने ग़ाजा पर इज़रायल की बमबारी, बच्चों की हत्या, ग़ाजा में अस्पतालों और आवासीय क्षेत्रों पर की गई बमबारी की कड़ी निंदा की है।

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फ़िलिस्तीनी लोगों के किये जा रहे जनसंहार के लिए अमरीकी समर्थन की निंदा करें!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 21 अक्तूबर, 2023

अमरीकी सरकार ने खुलेआम इज़रायल को अपना राजनीतिक और सैनिक समर्थन दिया है। अल अहली अरब अस्पताल पर बमबारी के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने इज़रायल का दौरा किया और यह घोषणा की कि अमरीका अंत तक इज़रायल के साथ खड़ा रहेगा।

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Who rule India_Cover Hindi


“हिन्दोतान पर कौन राज करता है?” नामक किताब पर चर्चा

हिन्दोस्तान और विदेशों में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के सदस्यों और समर्थकों ने सितंबर व अक्तूबर महीनों के दौरान, कई स्थानों पर मीटिंगें आयोजित की, जिनमें हाल ही में प्रकाशित किताब “हिन्दोस्तान पर कौन राज करता है?” पर चर्चा हुई। इन चर्चाओं में इस विषय को सही तौर पर समझने के महत्व पर ज़ोर दिया गया, क्योंकि इसकी सच्चाई को लोगों से छुपाने के लिए, काफ़ी भ्रम फैलाया गया है।

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संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन पर सरकार द्वारा लगाये गये झूठे आरोपों का विरोध किया

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

संयुक्त किसान मोर्चा (एस.के.एम.) ने किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार द्वारा लगाये गये झूठे आरोपों की सख़्त निन्दा की है। ये सभी आरोप 9 अक्तूबर, 2023 को मीडिया पोर्टल न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ सरकार द्वारा दर्ज़ की गई एफ.आई.आर. में हैं। एस.के.एम. ने इन हमलों की आलोचना करते हुए, एक कड़ा बयान जारी किया है। एस.के.एम. ने इन हमलों की निंदा करने के लिए केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की है। विदित रहे कि एस.के.एम. ने 2020-21 के दौरान दिल्ली की सीमाओं पर साल भर तक चले किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

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संसद का विशेष सत्र :
संसदीय लोकतंत्र की विश्वसनीयता बहाल करने का प्रयास

सच तो यह है कि मौजूदा व्यवस्था को लोगों के लिए विश्वसनीय और स्वीकार्य बनाना संभव नहीं है। श्रमजीवी लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था होगी जिसमें मेहनतकश बहुसंख्यक लोग फै़सले लेने की शक्ति का प्रयोग कर सकेंगे।

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Left Party demo


कम्युनिस्ट पार्टियों ने पत्रकारों पर हमले की कड़ी निंदा की

इस मुद्दे पर कम्युनिस्ट और वामपंथी पार्टियों ने मिलकर, 10 अक्तूबर को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। इस विरोध प्रदर्शन ने देश के सभी लोगों से एकजुट होकर, लोकतांत्रिक अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और ज़मीर के अधिकार पर केंद्र सरकार के बेशर्म हमले का विरोध करने का ज़ोरदार आह्वान किया।

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अनौपचारिक मज़दूरों के अधिकारों के संघर्ष में एक महत्वपूर्ण क़दम

मज़दूर एकता लहर के संवाददाता की रिपोर्ट

अनौपचारिक क्षेत्र के मज़दूरों के लिए एक व्यापक क़ानून बनाने पर काम करने वाले एक समूह (वर्किंग ग्रुप) ने 30 सितंबर और 1 अक्तूबर को नई दिल्ली में परामर्श व योजना के लिये एक मीटिंग आयोजित की। यह मीटिंग देश के विभिन्न भागों में आयोजित की जाने वाली ऐसी तीन मीटिंगों में से दूसरी है। पहली परामर्श व योजना मीटिंग 2-3 सितंबर को बेंगलुरू में हुई थी और तीसरी 14-15 अक्तूबर को मुंबई में होगी।

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