मौजूदा राज्य, पूंजीवादी व्यवस्था और पूंजीपति वर्ग के शासन की रक्षा करता है और उसे क़ायम रखता है। पूंजीपति वर्ग की राजनीतिक पार्टियां और राज्य की सभी संस्थाएं, जिनमें कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका शामिल हैं, महिलाओं के उत्पीड़न और भेदभाव को क़ायम रखती हैं।
आगे पढ़ेंAuthor: hindi_cgpiadmin
शंभू बार्डर पर हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों पर किए गए हमले की निंदा करें
किसानों को दिल्ली आकर केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांग रखने का पूरा अधिकार है। सभी फ़सलों के लिए क़ानूनी तौर पर गारंटीकृत एमएसपी की मांग एक जायज़ मांग है जिसे हमारे देश के मज़दूर वर्ग और लोगों का समर्थन प्राप्त है। शंभू बॉर्डर पर किसानों पर हरियाणा पुलिस द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
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महिलाओं के उत्पीड़न के विरोध में प्रदर्शन
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
16 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर तमाम महिला संगठनों ने मिलकर, महिलाओं पर बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न के खि़लाफ़, – ‘निर्भया से अभया तक’ स्मृति व प्रतिरोध में – इस शीर्षक पर एक संयुक्त जनसभा आयोजित की। जिसमें मेहनतकश महिलाओं व पुरुषों के साथ-साथ, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं व नौजवानों ने भाग लिया।
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बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 32वीं बरसी पर जनसभा
विरोध प्रदर्शन का आयोजन लोक राज संगठन, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी, जमात-ए-इस्लामी-हिंद, लोक पक्ष, सिटिज़न्स फॉर डेमोक्रेसी, स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन, मज़दूर एकता कमेटी, पुरोगामी महिला संगठन, सिख फोरम, सीपीआई (एम-एल) – न्यू प्रोलेतेरियन, यूनाइटेड मुस्लिम फ्रंट ने संयुक्त रूप से किया। भाग लेने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा और लोगों के सांप्रदायिक बंटवारे की राजनीति को ख़त्म करने और संघर्ष को आगे बढ़ाने पर अपने विचार रखे।
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निर्माण कार्यों की कामबंदी के मुआवजे़ को लेकर प्रदर्शन
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
पूंजीवादी व्यवस्था के चलते प्राकृतिक व सामाजिक वातावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। प्रदूषण के लिए यह पूंजीवादी व्यवस्था ज़िम्मेदार है। यह व्यवस्था अनियमित व अनियंत्रित विकास को बढ़ावा देती है, जिसका मुख्य लक्ष्य मुनाफ़ा कमाना है।
देशभर से आये घरेलू कामगारों का जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
12 दिसंबर, 2024 को घरेलू कामगारों ने अपनी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन को घरेलू कामगारों के राष्ट्रीय मंच ने आयोजित किया। इस प्रदर्शन में देशभर से आये 500 से अधिक घरेलू कामगारों ने हिस्सा लिया। सभी कामगारों ने एकमत से अपने अधिकारों और कामगार के रूप में मान्यता दिए जाने की मांग को बुलंद किया।
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आशा मज़दूरों का हैदराबाद में ज़ोरदार प्रदर्शन
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
10 दिसम्बर, 2024 को हजारों की संख्या में आशा मज़दूरों ने आशा वर्कर्स यूनियन की अगुवाई में अपनी मांगों को लेकर हैदराबाद के जिला चिकित्सा एवम स्वास्थ्य कार्यालय का घेराव करके ज़ोरदार प्रदर्शन किया।
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भोपाल गैस रिसाव की त्रासदी की 40वीं बरसी
इस आपदा से हमारे लोगों को क्या सबक लेना चाहिए? यही कि हिन्दोस्तान और विदेश में बड़े पूंजीपति हमारे लोगों का शोषण करके अधिकतम लाभ कमाने के लिए कुछ भी करने से नहीं चूकेंगे। यह कि ये पूंजीपति अपने कार्यों को सुविधाजनक बनाने और लोगों के ख़िलाफ़ अपने अपराधों को छिपाने के लिए राज्य और उसकी सभी एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं। पूंजीपतियों से लोगों को न्याय दिलाने के लिए राज्य के किसी भी अंग पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
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हमें मज़दूर का दर्ज़ा दो!
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर, 29 नवम्बर, 2024 को हजारों की संख्या में, देशभर के अलग-अलग राज्यों से आये आशा मज़दूरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
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नोएडा के किसानों की गिरफ़्तारी
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
3 दिसम्बर, 2024 को उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित राष्ट्रीय दलित स्मारक के अंदर किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे। किसानों को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने दोपहर को जबरन गिरफ़्तार कर लिया। धरना में शामिल बुजुर्ग महिलाओं को भी पुलिस ने गिरफ़्तार किया।
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