पूंजीवाद द्वारा थोपी गई शर्तो के अंतर्गत पर्यावरण संकट का समाधान संभव नहीं
दुनिया भर से 45,000 लोग दिसम्बर, 2009 में जलवायु परिवर्तन पर एक नये विश्वव्यापी समझौते की आशा से कोपेनहेगन पहुंचे। बहुत से लोग ऐसे देशों में से थे, जहां जलवायु परिवर्तन से लोगों की रोजी-रोटी और यहां तक कि जीवन को भी भयंकर खतरा है। परंतु 192 देशों की भागीदारी से हुए इस सम्मेलन का नतीजा सिर्फ इतना ही था कि अमरीका और पांच अन्य देशों ने एक सौदा किया!
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