कोपेनहेगन में जलवायु शिखर सम्मेलन बिना विश्वव्यापी समझौते के समाप्त

 

पूंजीवाद द्वारा थोपी गई शर्तो के अंतर्गत पर्यावरण संकट का समाधान संभव नहीं

दुनिया भर से 45,000 लोग दिसम्बर, 2009 में जलवायु परिवर्तन पर एक नये विश्वव्यापी समझौते की आशा से कोपेनहेगन पहुंचे। बहुत से लोग ऐसे देशों में से थे, जहां जलवायु परिवर्तन से लोगों की रोजी-रोटी और यहां तक कि जीवन को भी भयंकर खतरा है। परंतु 192 देशों की भागीदारी से हुए इस सम्मेलन का नतीजा सिर्फ इतना ही था कि अमरीका और पांच अन्य देशों ने एक सौदा किया!

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यू.एन.आई. कर्मचारियों का संसद पर मार्च

14दिसम्बर, 2009को आर्थिक संकट से जूझ रही लगभग 50साल पुरानी समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया (यू.एन.आई.) को सरकार की ओर से वित्ताीय पैकेज दिए जाने की मांग को लेकर यू.एन.आई. के सैकड़ों कर्मचारियों ने ससंद पर मार्च किया।

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दक्षिण एशिया में शांति के लिए संघर्ष करें! अमरीकी साम्राज्यवाद को इस इलाके से खदेड़ें!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 11 जनवरी, 2009

अधिक से अधिक लोग अब समझने लगे हैं कि दक्षिण एशिया इलाके में शांति गंभीर खतरे में है और यह खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह क्या है?

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दक्षिण एशिया में शांति के लिये संसद पर प्रदर्शन!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने अन्य कई संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जंगखोर ताकतों के खिलाफ़ जोरदार प्रदर्शन किया। यह जंगखोर ताकतें आज हिन्दोस्तान और पाकिस्तान को जंग में झोंकने की धमकी दे रही हैं।

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पार्टी की स्थापना की सालगिरह जोश के साथ मनायी गयी

हमारी पार्टी की स्थापना की 28वीं सालगिरह विभिन्न इलाकों में पार्टी के सदस्यों और शुभचिन्तकों ने बड़े जोश के साथ मनायी। इस महत्वपूर्ण अवसर पर पार्टी के साथियों ने फिर से मजदूर वर्ग के गौरवपूर्णर् कर्तव्य पर अपना विश्वास दोहराया – आदमखोर पूंजीवादी और साम्राज्यवादी व्यवस्था का तख्तापलट करके, अपने प्यारे देश की धरती पर नये शोषण मुक्त समाजवादी समाज की स्थापना कार् कर्तव्य। भाषणों, वक्तव्यों तथा क्

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फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ़ इस्राइल द्वारा जंग मुर्दाबाद!

गाज़ा पर बर्बर हमले की विश्वव्यापक निंदा की परवाह किये बिना, कातिल जाउनवादी सेना, अमरीकी साम्राज्यवादियों से समर्थन पाकर, लगातार तीन हफ्तों तक फिलिस्तीनी लोगों पर हमला करती जा रही है। परन्तु अदम्य फिलिस्तीनी लोग तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुये, आत्म समर्पण करने से इंकार कर रहे हैं और अपने राष्ट्र के लिये लड़ने के संकल्प पर टिके हुये हैं।

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क्यूबा में क्रान्ति की 50वीं सालगिरह जिन्दाबाद!

''तानाशाही की हार हुई। इसकी हमें बेहद खुशी है। लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। हम खुद को इस बहकावे में नहीं रखेंगे कि अब सब कुछ आसान होगा; शायद हमारे आगे का रास्ता काफी मुश्किल होगा।'' 8 जनवरी, 1959 को क्यूबा में क्रांति के नेता फिडेल कास्ट्रो ने अपने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था। उस वक्त कई लोग इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि उन्हें किस तरह की कठिन चुनौतियों का स

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”आतंकवाद से मुक्ति” विषय पर कार्यक्रम

4 जनवरी, 2009 को दक्षिण दिल्ली में स्थित संजय कालोनी में हिन्द नौजवान एकता सभा की ओर से ''नूतन वर्ष में आतंकवाद से मुक्ति'' शीर्षक पर, नौजवानों में प्रतियोगितायें आयोजित की गयीं। अंत में इसी विषय पर एक जन सभा भी की गई।

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तेल कर्मचारियों को कुचलने की कोशिश की निंदा करें!

सार्वजनिक तेल क्षेत्र के कर्मचारियों की 3दिन की लगभग संपूर्ण हड़ताल की वजह से पूरे देशभर का सड़क परिवहन ठप्प होने वाला था। सरकार ने कई कर्मचारियों को हिरासत में लिया या बर्खास्त किया तथा सभी को नौकरी से निकालने की धमकी दे कर, 9जनवरी की शाम तक कर्मचारियों को अपना आंदोलन खत्म करने पर मजबूर किया।

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देशव्यापी ट्रक चालकों का संघर्ष

5 जनवरी से दो लाख से भी अधिक ट्रक चालकों ने, तामिल नाडु, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान राज्यों तथा दिल्ली राजधानी क्षेत्र के बीच माल वाहन की अपनी पुरानी समस्याओं के समाधान के लिये, देशव्यापी हड़ताल शुरु की थी। हड़ताल का नेतृत्व ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (ए.आय.एम.टी.सी.) ने किया, जिसमें 4000से भी अधिक ट्रक चालकों के संगठन शामिल हैं।

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