विदेश में बसे हिन्दोस्तानियों के राजनीतिक उत्पीड़न और अपनी मातृभूमि को वापस जाने के उनके अधिकार पर हमला करने के लिए हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी मनमोहन सिंह सरकार की निंदा करती है।
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उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में विस्तृत जन आन्दोलन
पूरी अरब दुनिया में, उत्तरी अफ्रीका में मोर्रोको से लेकर, एल्जीरिया, लिबिया, सूडान, यमन और बहरीन तक, लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकलकर अपनी जन-विरोधी सरकारों के खिलाफ़ संघर्ष कर रहे हैं। टयूनिशिया और मिस्र में जन बगावत, जिसकी वजह से बेन अली और हुस्नी मुबारक की अलोकप्रिय सरकारें गिरायी गयीं, उससे प्रोत्साहित होकर इन देशों में लोग संघर्ष कर रहे हैं। इस जन आन्दोलन को कुचलने के लिये बरबर दमन का
आगे पढ़ेंग़दर इंटरनेशनल से ली गयी रिपोर्ट : ब्रिटेन में फासीवादी विरोधी लहर
5 फरवरी, 2011 को नस्लवादी और फासीवादी संगठन इ.डी.एल. ने मुसलमान धर्म के लोगों को निशाना बनाते हुए लूटन में एक भड़काऊ कार्यक्रम आयोजित किया। लूटन में मुसलमान समुदाय के काफी लोग रहते हैं। यूनाइट अगेंस्ट फासिज्म (यू.ए.एफ.) ने इस भड़काऊ कार्यक्रम का विरोध करते हुए इसके खिलाफ़ प्रदर्शन आयोजित किया।
आगे पढ़ेंमुम्बई में कम्युनिस्ट पाठशाला
हमारी पार्टी के केन्द्रीय समिति के आह्वान पर महाराष्ट्र इलाका समीति ने 12-13 फरवरी को एक कम्युनिस्ट पाठशाला आयोजित की। पार्टी के सदस्यों तथा मित्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने बीते अक्तूबर में हुये, पार्टी के चौथे महाअधिवेशन के कुछ अहम विषयों का अध्ययन किया व उन पर चर्चा की।
आगे पढ़ेंरेल मज़दूरों ने मांगें उठायीं
रेल मज़दूर यूनियन के झंडे तले रेलवे मज़दूरों ने 25 फरवरी, 2011 को अपनी मांगों पर जोर देने के लिये संसद पर एक प्रदर्शन किया।
आगे पढ़ेंआंगनवाड़ी मज़दूरों का जोशीला प्रदर्शन
हजारों आंगनवाड़ी मज़दूरों ने दिल्ली में 24 फरवरी, 2011 को एक जोशीला प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पूरे देश से महिलायें आयी थीं। आंगनवाड़ी मज़दूरों को वेतन के नाम पर बहुत ही कम पैसे मिलते हैं। महिलाओं ने कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी को इतने कम पैसे में परिवार चलाकर दिखाने की चुनौती दी है। कंगाली की कगार पर रहने को मजबूर करने के लिये आंगनवाड़ी मज़दूरों ने सरकार की निंदा
आगे पढ़ेंआशा और सहिया मज़दूरों ने नियमित होने की मांग रखी
ऑल इंडिया हेल्थ एम्प्लाईज एण्ड वर्कर्स कन्फेडरेशन के झंडे तले देश भर के आशा और सहिया मज़दूर संसद के बाहर 24 फरवरी, 2011 से जमा हैं।
आगे पढ़ेंमजदूरों से साक्षात्कार – 23फरवरी, 2011को संसद पर मजदूरों की रैली में मजदूर एकता लहर के संवाददाता ने साक्षात्कार किया
श्री सौरीबंधु कर, महासचिव, एटक, भुवनेश्वर, ओडिसा
प्र. – इस रैली में क्यों आए हैं?
उ. – ट्रेड यूनियन के संयुक्त बुलावे पर आये हैं।
प्र. – किस तरह के मजदूर ओडिसा से यहां आये हैं?
उ. – आशा मजदूर, एमडीएम वाचिका, आंगनवाड़ी मजदूर, मिड डे मील वर्कर, बीड़ी बनाने वाले मजदूर इत्यादि।
आगे पढ़ेंसाम्राज्यवादियों, लिबिया से दूर रहो!
उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में जनता की बगावत के चलते, बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादी लिबिया में चल रहे गृह युध्द को बहाना बनाकर, वहां सैनिक हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिये उन्होंने लिबिया की स्थिति के बारे में धोखाधड़ी और बढ़ा-चढ़ाकर बातें फैलाने की मुहिम छेड़ रखी है, ताकि अपने सैनिक हस्तक्षेप को उचित ठहरा सकें।
आगे पढ़ेंपूंजीपतियों के हितों की सेवा में केन्द्रीय बजट 2011
संप्रग सरकार के सबसे गहरे विश्वसनीयता के संकट के बीच में, 28 फरवरी, 2011 को वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट को पेश किया।
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