संपादक महोदय,
तमिलनाडु विधान सभा चुनाव पर पार्टी का बयान ‘पार्टी बदलने से नहीं चलेगा, पूरी व्यवस्था बदलनी होगी!’, को मैंने बड़ी रुचि के साथ पढ़ा। यह बयान अपनी बात सीधी और साफ़ तौर से कहता है।
आगे पढ़ेंसंपादक महोदय,
तमिलनाडु विधान सभा चुनाव पर पार्टी का बयान ‘पार्टी बदलने से नहीं चलेगा, पूरी व्यवस्था बदलनी होगी!’, को मैंने बड़ी रुचि के साथ पढ़ा। यह बयान अपनी बात सीधी और साफ़ तौर से कहता है।
आगे पढ़ेंसम्पादक जी,
आगे पढ़ेंप्रिय संपादक,
आगे पढ़ेंहेलेनिक पेट्रोलियम के कर्मचारियों ने 3अप्रैल, 2011से 10दिवसीय हड़ताल शुरू की जिससे आने वाले दिनों में बाजारों में तेल की कमी हो सकती है। एल.पे. के कर्मचारी हड़ताल से “थेसालोनिकी और एलेफसीना में खुल रही (एल.पे.
आगे पढ़ेंफिनलैंड के सैकड़ों मज़दूरों ने रुके हुये वेतन समझौते की प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने के मकसद से चुनिंदा पेपर कारखानों पर दो सप्ताह की हड़ताल करने का फैसला लिया है। ट्रेड यूनियन का कहना है कि हड़ताल अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू हुई और इसमें करीब एक हजार मज़दूर शामिल थे। संभावना है कि इससे यू.पी.एम.-कायमेने कंपनी के कारखाने बंद हो जायेंगे। दुनियाभर के सबसे ज्यादा मैंगज़ीन कागज बनाने वाली इस
आगे पढ़ें5अप्रैल, 2011को हाल के कानूनों के जरिये यूनियनों व मज़दूरों के संगठित होने के अधिकारों पर हमलों (विसकांसिन, ओहायो व अन्य स्थानों पर) और सामाजिक खर्चे पर कटौती के खिलाफ़ पूरे अमरीका में विरोध प्रदर्शन किये गये।
आगे पढ़ेंपश्चिमी अफ्रीका के आयवरी कोस्ट देश में एक जबरदस्त गृहयुद्ध शुरू हो गया जब साम्राज्यवादी ताकतों ने उस देश में सत्ता परिवर्तन लाने के कदम उठाये। रिपोर्टों के अनुसार फ्रांस, अमरीका और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों की शह में अलस्साने उआतारा की ताकतों ने एक हजार तक लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। साम्राज्यवादियों ने वर्तमान राष्ट्रपति लारेंट बाग्बो की जगह उआतारा को लाने की मंशा जता दी है।
आगे पढ़ें17मार्च, 2011से लिबिया पर, उसके आधुनिक इतिहास में सबसे बर्बर साम्राज्यवादी हवाई, समुद्री और ज़मीनी हमले किये जा रहे हैं। अमरीकी और यूरोपीय पनडुब्बियों, युद्ध पोतों व लड़ाकू विमानों से छोड़े गये हजारों बमों और मिसाइलों से लिबिया के सैनिक अड्डों, हवाई अड्डों, सड़कों, बंदरगाहों, तेल भंडारों, हथियार के भंडारों, टैंकों, अस्त्र वाहनों, विमानों तथा सेनाओं को नष्ट किया जा रहा है। इसमें सैकड़ों नागरि
आगे पढ़ेंमाकपा नीत पश्चिम बंगाल की वाम मोर्चा सरकार मजदूरों और किसानों की सरकार नहीं है। वह एक पूंजीवादी सरकार है जो पश्चिम बंगाल की हालतों में पूंजीपतियों की संपूर्ण रणनीति को लागू करती आई है। माकपा के काम का इतिहास यह दिखाता है कि वह कम्युनिस्ट-विरोधी है। 60के दशक में उसने केन्द्र में बैठी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर, कम्युनिस्ट क्रान्तिकारियों की अगुवाई में चल रहे नक्सलबाड़ी किसान आन्दोलन को कुचला था।
आगे पढ़ेंतमिलनाडु में विधान सभा चुनाव के माहौल में लोगों के उम्मीदवार कामरेड टी.
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