संप्रग सरकार संसद के वर्षा सत्र में भूमि अधिग्रहण पर एक बिल का मसौदा पेश करने वाली है। बीते कई वर्षों से देश भर में किसान बलपूर्वक भूमि अधिग्रहण के खिलाफ़ लड़ाकू संघर्ष करते आ रहे हैं। किसान अच्छी तरह समझ रहे हैं कि “सार्वजनिक हित” के नाम पर उनसे छीनी गयी भूमि देशी-विदेशी बड़े-बड़े पूंजीपतियों के निजी हितों और अधिकतम मुनाफों के लिए इस्तेमाल की जा रही है। किसान यह समझ रहे हैं कि अ
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हड़ताली मारुती-सुजुकी मजदूरों के साथ भाईचारे का ज़ोरदार प्रदर्शन
हरियाणा के जिला गुड़गांव स्थित मानेसर की अलग-अलग फैक्टरियों के हज़ारों मजदूरों ने 9 जून, 2011 को मानेसर में मारुती-सुजुकी प्लांट के गेट पर हड़ताली मजदूरों के साथ भाईचारा दर्शाने के लिए एक जोशपूर्ण धरना आयोजित किया।
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एयर इंडिया को दिवालिया बनाने और उसका निजीकरण करने के खिलाफ़ संघर्ष का समर्थन करें!
तेज़ी से बढ़ते हवाई यात्रा उद्योग से अधिकतम मुनाफे कमाने की संभावना से आकर्षित होकर, देशी और विदेशी बड़ी-बड़ी निजी इजारेदार कंपनियां इस क्षेत्र पर हावी होने के लिये आपस में लड़ रही हैं। एयर इंडिया को दिवालिया बनाकर उसका निजीकरण करना इस खेल का एक हिस्सा है।
आगे पढ़ेंतिरुअनंतपुरम में एयर इंडिया मजदूरों ने निजीकरण का विरोध किया
एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज़ लिमिटेड (ए.आई.ए.टी.एस.एल.) के मजदूरों ने तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डे के जमीनी काम को एक विदेशी कंपनी को सौंपने के फैसले का विरोध किया है।
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अपने घरों और रोजी-रोटी की कीमत पर पोस्को प्रोजेक्ट नहीं!
11 जून, 2011 को ओडिसा के जिला जगतसिंहपुर के ढेंकिया पंचायत में 3000 से ज्यादा ग्रामीणों ने पोस्को परियोजना के खिलाफ़ और अपने गांव को बचाने के लिए अपने-अपने घरों से डेढ़ किलोमीटर दूर मानव ढाल बनाकर अपना प्रतिरोध जताया।
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गोरखपुर के मिल मजदूरों की जीत
गोरखपुर की दो मिलों के मजदूरों ने लम्बे संघर्ष के बाद मालिकों के खिलाफ़ अपनी लड़ाई जीती है।
आगे पढ़ेंपरमाणु संयंत्र के खिलाफ़ संघर्ष के 300 दिन
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर क्षेत्र में परमाणु संयंत्र की स्थापना के लिये सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के खिलाफ़ वहां के निवासियों के संघर्ष के 300दिन 12जून, 2011को पूरे हुये।
आंदोलनकारियों को डराने-धमकाने की प्रशासन ने तमाम कोशिशें की हैं परन्तु लोग डटे हुये हैं। वे अपनी उपजाऊ कृषि भूमि और रोजगार के परंपरागत स्रोतों को किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहते हैं।
आगे पढ़ेंमारूती-सुजुकी के मजदूर नेता के साथ साक्षात्कार:
11 जून, 2011 को मारूती सुजुकी के मजदूरों की टूल डाउन हड़ताल, जो 4 जून की दोपहर को शुरू हुई थी, ने अपना आठवां दिन पूरा किया। मजदूर एकता लहर के संवाददाता ने हड़ताली मजदूरों के नेता से बातचीत की। यहां हम साक्षात्कार के कुछ अंश प्रकाशित कर रहे हैं।
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मारुती सुजुकी के मजदूरों के जायज संघर्ष का समर्थन करें!
मारुती सुजुकी के मजदूर मैनेजमेंट द्वारा चलाये जा रहे यूनियन की जगह पर अपना यूनियन बनाने के अधिकार के लिए हड़ताल पर गए हैं। मजदूर अपने काम की बदतर हालातों में सुधार के लिए, वेतन वृद्धि और अन्य जायज मांगों के लिए भी हड़ताल कर रहे हैं। कंपनी के सारे मजदूर, स्थाई, कैजुअल और प्रषिक्षणार्थी, इस संघर्ष में एकजुट हैं।
विधान सभा चुनावों के नतीजे क्या दिखाते हैं?
पश्चिम बंगाल, तामिलनाडु, केरल, असम और पुदुचेरी विधान सभाओं के चुनावों के नतीजे आ गये हैं। मजदूरों, किसानों, आदिवासियों, प्रगतिशील बुद्धिजीवियों और दूसरे मेहनतकशों के, अपने जीवन की बिगड़ती हालतों के खिलाफ़ बढ़ते गुस्से और आक्रोश की पृष्ठभूमि में ये चुनाव हुये। रोजगार की बढ़ती असुरक्षा, मजदूरों के अधिकारों पर हमले, हिन्दोस्तानी और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की अमीरी बढ़ाने के लिये सरकारों द्
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