पश्चिम बंगाल, तामिलनाडु, केरल, असम और पुदुचेरी विधान सभाओं के चुनावों के नतीजे आ गये हैं। मजदूरों, किसानों, आदिवासियों, प्रगतिशील बुद्धिजीवियों और दूसरे मेहनतकशों के, अपने जीवन की बिगड़ती हालतों के खिलाफ़ बढ़ते गुस्से और आक्रोश की पृष्ठभूमि में ये चुनाव हुये। रोजगार की बढ़ती असुरक्षा, मजदूरों के अधिकारों पर हमले, हिन्दोस्तानी और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की अमीरी बढ़ाने के लिये सरकारों द्
आगे पढ़ेंAuthor: hindi_cgpiadmin
प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश का उदारीकरण : अपने संसाधनों की लूट-खसौट का दरवाजा और खुला
वाणिज्य मंत्रालय के तहत औद्योगिक नीति व प्रोत्साहन विभाग (डी.आई.पी.पी.) ने 1अप्रैल, 2011से शुरू होने वाली एक “प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश (एफ.डी.आई.) की समेकित नीति” की घोषणा की है। सरकार के द्वारा विदेशी पूंजी पर पाबंदियों को क्रमशः हटा कर व नियंत्रण को घटा कर, एफ.डी.आई. को प्रोत्साहन देने के जारी प्रयासों का यह एक हिस्सा है।
आगे पढ़ेंराज्य सत्ता में टिके रहने का राज़
संपादक महोदय,
पश्चिम बंगाल और केरल में वामपंथियों की हार को सरमायदारी मीडिया कह रही है कि यह कम्युनिस्टों की हार है। देश की जनता को इसका अच्छी तरह से मूल्यांकन करना होगा कि यह किसकी हार है।
आगे पढ़ेंमिस्र के लोगों ने इस्राइल के साथ संबंध खत्म करने की मांग की
मिस्र अब भी उबल रहा है। केवल मुबारक के शासन के खत्म होने और अंतरिम सरकार के सत्ता में आने से मजदूर और मेहनतकश संतुष्ट नहीं हैं। लोग यह देख रहे हैं कि फ़ौज, जो कि मुबारक शासन की रीढ़ की हड्डी थी, उसकी हुकूमत आज भी बरकरार है, और अंतरिम सरकार मजदूर-विरोधी, अमरीका-परस्त और इस्राइल-परस्त रास्ते पर चल रही है। मिस्र के लोग बुनियादी परिवर्तन की मांग कर रहे हैं।
आगे पढ़ेंइस्राइली सैनिकों ने गाज़ा में प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलायीं
15 मई को गाज़ा में नाक्बा के दिन इस्राइली सैनिकों ने गाज़ा-इस्राइल की सीमा पर इकट्ठे हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाईं। 1948 में जिस दिन इस्राइली जाऊनवादी राज्य का निर्माण किया गया था उसे नाक्बा या “प्रलय का दिन” के रूप में याद किया जाता है। इस गोलीबारी में कम से कम 15लोगों की जान गयी और कई लोग घायल हुए।
आगे पढ़ेंस्पेन में रोजी-रोटी पर हमलों के खिलाफ़ जनसामूहिक प्रदर्शन
मई 2011 के आखिरी दो हफ्तों में स्पेन में दसों-हजारों लोग धरनों और प्रदर्शनों में निकल कर आ रहे हैं। राजधानी मैड्रिड में पुर्टा डेल सोल और कई अन्य सार्वजनिक इमारतों व स्थानों पर ये धरने और प्रदर्शन किये जा रहे हैं। लोग बेरोजगारी और सरकार के “कमर कसो” कदमों का विरोध कर रहे हैं, जिनके चलते स्वास्थ्य और जनकल्याण सेवाओं, पेंशन तथा सरकारी कर्मचारियों के वेतनों में कटौती की जा रही है पर
आगे पढ़ेंएयर इंडिया विमान चालक : समझौते को लागू करवाने का संघर्ष
एयर इंडिया के काम-काज को ठप्प करने वाली 10 दिवसीय हड़ताल और 3दिनों तक एयर इंडिया मैनेजमेंट, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विमान चालकों के बीच बातचीत के बाद, इंडियन कमर्शियल पाइलेट्स एसोसियशन (आई.सी.पी.ए.) ने 6 मई, 2011 को अपनी हड़ताल रोक ली।
आई.सी.पी.ए. ने बताया है कि विमान चालकों, मंत्रालय और एयर इंडिया मैनेजमेंट के बीच समझौते में निम्नलिखित शामिल है।
आगे पढ़ेंतिरुपुर के मजदूरों की दुर्दशा
22 मई, 2011 को नई दिल्ली में तामिलनाडु के तिरुपुर इलाके में कपड़ा मजदूरों की आत्महत्याओं पर कमेटी ऑफ कंसंर्ड सिटीजन-स्टुडेंट्स एण्ड यूथ द्वारा गठित फैक्ट फाइडिंग टीम ने मानव अधिकार
आगे पढ़ेंसहर कारगो कर्मचारियों की हड़ताल
मुम्बई के सहर कारगो कांप्लेक्स में कारगो से काम करने वाले 8000कर्मचारियों ने 26मई, 2011को 24 घंटे की हड़ताल की। ये मजदूर ढांचागत सुविधाओं की कमी तथा बढ़ते भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे थे।
मुम्बई हवाई अड्डे को मुम्बई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एम.आई.ए.एल) नामक निजी कंपनी को सौंपा गया है। एम.आई.ए.एल के साथ समझौते के बाद अगले दिन हड़ताल को रोका गया।
आगे पढ़ेंह्युंडाय मोटर्स मे संघर्ष जारी
ह्युंडाय मोटर्स इंडिया लिमिटेड (एच.एम.आई.एल.) के मज़दूरों और प्रबंधन के बीच संघर्ष और तीखा हो गया है।
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