भूमि अधिग्रहण (संशोधन) बिल: किसके हित में और किस इरादे से?

कोई भी कानून जो पूंजीपतियों के हित में और किसानों या आदिवासियों की मर्जी के खिलाफ़, कृषि भूमि, वन भूमि या खनिज संपन्न भूमि, का अधिग्रहण करने की इजाज़त देता है, वह किसानों और आदिवासियों के मूल अधिकारों का हनन करता है और उसका विरोध करना चाहिये। भूमि अधिग्रहण अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का मकसद है अधिकतम मुनाफे कमाने के लिये जमीन प्राप्त करने के पूंजीवादी इजारेदारों के “अधिकार” को वैधता देना।

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महंगाई के खिलाफ़ मजदूरों का प्रदर्शन

23 जून, 2011 को दिल्ली के विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से महंगाई के खिलाफ़ विरोध दिवस मनाते हुये, जंतर-मंतर पर धरना दिया। कांग्रेस नीत संप्रग सरकार से पेट्रोल-डीजल तथा अन्य जरूरी सामग्रियों की कीमतों को कम करने की मांग की गई।

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महाराष्ट्र में तारापुर के लोगों का अनुभव

सरकार पीडि़त लोगों की परवाह किये बिना परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम चला रही है

सरकार परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर चला रही है। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तामिलनाडु, गुजरात आदि जैसे कुछ राज्यों में लोग इसका डटकर विरोध कर रहे हैं। पर कई नेता और सरकारी वक्ता परमाणु प्लांट के आस-पास रहने वाले लोगों को होने वाले खतरों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। देश भर में वैज्ञानिक और जनहित कार्यकर्ता इन कोशिशों का पर्दाफाश कर रहे हैं।

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एयर इंडिया को बचाने के लिये एयर इंडिया की यूनियनें इकट्ठी हुयीं

एयर इंडिया के विमान चालकों, विमान मिस्त्रियों, तल कर्मचारियों व कक्षकर्मियों, विमान इंजीनियरों, रेडियो अफसरों, उड़ान अफसरों, सर्विस इंजीनियरों व अफसरों का प्रतिनिधित्व करने वाली 10 यूनियनें, 9 जून, 2011 को मुंबई में इकट्ठे हुयीं और उन्होंने “कोर कमेटी ऑफ  जोइंट्सफोरम ऑफ एयर इंडिया एंड इंडियन एयरलाईंस” का गठन करने का फैसला लिया। ये यूनियनें हैं आई.सी.पी.ए.

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साक्षात्कारः मारूती-सुजुकी के मजदूरों की जीत

17 जून, 2011 को हरियाणा के गुड़गांव के मानेसर स्थित मारूती-सुजुकी फैक्टरी के प्रबंधकों के शोषण और अत्याचार के खिलाफ़, लगातार 13दिन के संघर्ष के बाद, वहां के मजदूरों ने जीत हासिल की। प्रबंधकों द्वारा 16 जून, 2011 की रात को निलंबित 11 कर्मचारियों को वापस काम पर लेने और मजदूरों को यूनियन बनाने की इजाज़त देने के समझौते के साथ, यह हड़ताल खत्म हो गयी। हमारे संवाददाता ने देखा कि 13दिन के कड

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मुंबई में मेहनतकश लोगों के संगठनों की संयुक्त सभा

17 जून, 2011 को विभिन्न क्षेत्रों के मेहनतकश लोगों के संगठनों ने मुंबई में एक सभा की। इस सभा में विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं के बारे में तथा अलग-अलग व्यवसायों और उद्योगों के मज़दूरों की आपसी एकता व सहयोग को मजबूत करने के विषय पर चर्चा हुई।

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यूनान में पूंजीवादी सरकार का संकट और गहराया

15 जून, 2011 को यूनान के प्रधान मंत्री जार्ज पापांडू ने यह घोषणा की कि वे अपने मंत्री मंडल में तब्दीलियां करने और खुद प्रधान मंत्री पद से उतरने को तैयार हैं, अगर उनके सामाजिक खर्चे में कटौती करने के कार्यक्रम को लागू करने के लिये, कनजरवेटिव विपक्ष पार्टी न्यू डेमोक्रेसी (एन.डी.) के साथ समझौता करके, राष्ट्रीय एकता की सरकार बनायी जा सके। यह घोषणा उन्होंने ऐसे समय पर की, जब दसों-हजारों लोगों ने

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पाकिस्तान में जारी अमरीकी ड्रोन विमान हमलों की कड़ी निंदा करें!

20 जून, 2011को अमरीकी ड्रोन विमानों ने उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के एक घर और गाड़ी पर मिसाइल से हमला किया जिसमें कम से कम 11व्यक्तियों की मौत हुई। उसी दिन उत्तरी वज़ीरिस्तान के प्रमुख शहर मिरन शाह पर ड्रोन विमान हमलों के खिलाफ 1000 से भी अधिक आदिवासियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने “अमरीका मुर्दाबाद” के नारे लगाये और प्रण लिया कि जब तक मिसाइल हमले रोके नहीं जाते, तब तक वे अ

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भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को कौन नेतृत्व देगा?

संपादक महोदय,

पार्टी के अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट “मजदूरों और किसानों को भ्रष्टाचार खत्म करने के संघर्ष को अगुवाई देनी होगी” बेहद सटीक, शिक्षाप्रद है और इसके लिए मैं पार्टी को धन्यवाद देता हूँ। बदलते हुए राजनीतिक हालातों का वर्ग संघर्ष के आधार पर विश्लेषण करना, यानि मार्क्सवाद-लेनिनवाद के सिद्धांतों का इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए, इसका यह बढि़या उदाहरण है।

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