मजदूर वर्ग और मेहनतकशों की हिमायत करने वाले अखबार और संगठन बतौर, हम मेहनतकशों के नेताओं से यह सवाल कर रहे हैं कि 20 वर्ष पहले शुरू किये गये सुधारों के परिणामों के बारे में हिन्दोस्तान के मेहनतकशों का क्या विचार है। क्या उन सुधारों से मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनसमुदाय को फायदा हुआ है या नुकसान?
आगे पढ़ेंAuthor: hindi_cgpiadmin
का. देवेन यादव, संयोजक, संयुक्त कृति समिति, पश्चिम तथा मध्य रेलवे मोटरमैन्स एसोसिएशन
नई आर्थिक नीति का लाभ पूंजीपतियों के साथ-साथ सरकार को भी हुआ है। इस नीति से सार्वजनिक तथा निजी उद्यमों में बड़े पैमाने पर उसने ठेका मज़दूरी लागू की है।
उदाहरण के तौर पर, रेलवे में साफ़-सफ़ाई ठेकेदार से करवाते हैं। तीसरी तथा चैथी श्रेणी के अनेक पदों को खत्म कर दिया गया है, लेकिन अफ़सरों के पद बढ़ाये गये हैं।
आगे पढ़ेंका. चालके, महाराष्ट्र सर्कल सचिव, नैशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल एम्प्लॉयइज़
मनमोहन सिंह ने 1991 में जो नई आर्थिक नीतियां लागू की थीं, वे मज़दूर वर्ग के लिये विनाशकारी हैं। हमें सौ साल पहले के युग में धकेला गया है। मज़दूर वर्ग के लिये उनसे कुछ भी लाभ नहीं हुआ है। बल्कि बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। मिसाल के तौर पर, सरकार ने 2004 में घोषित कर दिया कि डाक विभाग के नये भर्ती कर्मियों को पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। विश्व बैंक की अपनी नौकरी छोड़ कर मनमोहन सिंह 1991 में वित्त म
आगे पढ़ेंराजन राजे महाराष्ट्र के ठाणे जिले के ट्रेड यूनियन नेता से साक्षात्कार
म.ए.ल.: पहले आप अपनी यूनियन के बारे में हमें बतायें।
आगे पढ़ेंमहाराष्ट्र में जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ संघर्ष
महाराष्ट्र सरकार ने ठाणे जिले में 8 बाँध बनाने का निर्णय करीब 7 साल पहले लिया। ये सभी बाँध ठाणे जिले में स्थित हैं। मगर उनका उद्देश्य यह नहीं है कि जिन इलाकों में वे बनाये जायेंगे उन इलाकों की जनता की सुविधा उनसे हो। वे तो बनाये जायेंगे मुंबई, नवी मुंबई तथा ठाणे शहर को पानी की जरूरत पूरी करने के लिये। जिन नदियों पर वे बनाये जायेंगे उन नदियों के इलाकों में दसियों हजार किसान तथा आदिवासी कई पीढ़
आगे पढ़ेंप्रधानमंत्री को सच्चाई बताने पर बधाई
माननीय संपादक महोदय, हाल ही में हमारे देश के प्रधानमंत्री महामहीम मनमोहन सिंह जी ने सच्चाई उगल दी, जब वे जी-20 (दुनिया की 20महासत्ताओं की) बैठक के बाद वार्ताकारों को संबोधित कर रहे थे। अपने देश में खाद्यान्नों की महंगाई 12प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गयी है। उसका जिक्र करते हुये उन्होंने वार्ताकारों को बताया कि ''बढ़ती महंगाई तो इस बात का प्रतीक है कि हिन्दोस्तान का विकास हो रहा है, वह प्रगति
आगे पढ़ेंभारत संचार निगम लिमिटेड के मज़दूरों ने हड़ताल की योजना बनाई
भारत संचार निगम लिमिटेड (बी.एस.एन.एल) के मज़दूरों ने घोषणा की है कि प्रबंधन और सरकार से अपनी मांगों को पूरा कराने के लिये, 15 नवम्बर, 2011 से, वे हड़ताल पर उतरेंगे। बी.एस.एन.एल.
आगे पढ़ें1984 के सिखों के जनसंहार से सबकों पर जन सभा
कांग्रेस पार्टी और राज्य द्वारा आयोजित सिखों के जनसंहार की 27वीं बरसी के अवसर पर नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 5 नवम्बर, 2011 को एक जनसभा हुई। इस सभा का आयोजक सिख फोरम था, जो गुनहगारों को सज़ा दिलाने के उद्देश्य से, बीते 27 वर्षों से ऐसी सभायें आयोजित करता आया है।
आगे पढ़ेंमारूती-सुजुकी के मजदूर विरोधी प्रचार अभियान की निंदा करें!
मारूती-सुजुकी के मानेसर प्लांट में तीसरी हड़ताल के समाप्त होने के बाद प्रबंधन ने प्लांट के मजदूरों और संपूर्ण मजदूर वर्ग पर जलील हमला किया है। 2 निलंबित नेताओं को धमकी देकर अपनी नौकरियों से इस्तीफा देने को मजबूर करके, प्रबंधन ने इजारेदार पूंजीपतियों की मीडिया के जरिये, इन दोनों नेताओं को पैसे से ''खरीदने'' की अफवाहें फैलायी हैं।
आगे पढ़ेंसुजुकी पावर ट्रेन की यूनियन ने संघर्ष करने का रास्ता चुना
10 नवम्बर, 2011 को मानेसर स्थित सुजुकी पावर ट्रेन के तीन निलंबित नेताओं ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उन पर प्रबंधन पूरा दबाव डाल रहा है कि वे नौकरी से इस्तीफा देकर चले जायें। इसके लिए प्रबंधन भारी रिश्वत देकर उन्हें संघर्ष से पीछे हटने को मजबूर कर रहा है।
आगे पढ़ें