- अन्न तथा सार्वजनिक वितरण केन्द्रीय मंत्री के.वी. थोमस ने हाल ही में घोषित किया कि चूंकि शक्कर का अपेक्षित उत्पादन 242 लाख टन है जबकि अपेक्षित खपत 210 से 215 लाख टन है, इसलिए सरकार 5लाख टन शक्कर की निर्यात के लिए अनुमति दे रही है। उसके इस बयान के आते ही खुले बाजार में शक्कर का भाव बढ़ गया और शक्कर के कारखाना मालिक एवं निर्यात व्यापारी बहुत खुश हुए! आगे पढ़ें
Author: hindi_cgpiadmin
जीविका की रक्षा के लिए किसान संघर्ष की राह पर
महाराष्ट्र से खबर
आगे पढ़ेंराजनीति का अपराधीकरण और नव निर्माण की ज़रूरत
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 28 नवंबर, 2011
इस वर्ष के 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद नामक ऐतिहासिक इमारत के ध्वंस के बाद 19 वर्ष पूरे होंगे और 20वां वर्ष शुरू होगा। बाबरी मस्जिद का ध्वंस भाजपा ने आयोजित किया था, और इसमें उसे नई दिल्ली में सत्ता में बैठी कांग्रेस पार्टी का समर्थन मिला था। उस अपराधी हरकत के बाद संसद की इन दो मुख्य पार्टियों ने व
आगे पढ़ेंआर्थिक सुधार कार्यक्रम पर मजदूर-मेहनतकशों के विचार
मजदूर वर्ग और मेहनतकशों की हिमायत करने वाले अखबार और संगठन बतौर, हम मेहनतकशों के नेताओं से यह सवाल कर रहे हैं कि 20 वर्ष पहले शुरू किये गये सुधारों के परिणामों के बारे में हिन्दोस्तान के मेहनतकशों का क्या विचार हैं। क्या उन सुधारों से मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनसमुदाय को फायदा हुआ है या नुकसान? आगे पढ़ें
अशोक लेलैंड, चेन्नई के यूनियन नेता थिरू कण्णन का साक्षात्कार
म.ए.ल. : कृपया आप हमें अपनी यूनियन के बारे में बताएं।
कण्णन : अशोक लेलैंड की चेन्नई फैक्टरी में हमारे 4000 से अधिक मज़दूर हैं। कमर्शियल वाहनों का उत्पादन करने में हिन्दोस्तान में हमारा दूसरा नंबर है। 2010-2011 में हमारी कुल बिक्री 200 करोड़ अमरीकी डॉलर थी। मैं पिछले 30 सालों से ट्रेड यूनियनों का सक्रिय सदस्य रह चुका हूँ। अशोक लेलैंड के बुजुर्ग ट्रेड यूनियन नेता, थिरू आर. कुचेलार की आगुवाई के मज़दूर यूनियनों के सक्रिय नेताओं में से मैं एक हूँ।
आगे पढ़ेंमजदूर वर्ग के अधिकारों की हिफ़ाज़त में सर्व हिन्द विरोध
8 नवम्बर को अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों से लाखों-लाखों मजदूरों ने रैलियों और जेल-भरो कार्यक्रमों के साथ, सर्व हिन्द विरोध दिवस मनाया। सभी राज्यों की राजधानियों और दूसरे शहरों में ये विरोध कार्यक्रम आयोजित किये गये। रेलवे, बैंक, बीमा, रक्षा, संचार तथा निजी क्षेत्र के बड़े-बड़े उद्योगों के मजदूरों ने सक्रियता से इन विरोध कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
आगे पढ़ें1984 के गुनहगारों को सज़ा दो!
1984 में राज्य द्वारा आयोजित सिखों के कत्लेआम की 27वीं बरसी पर दिल्ली और मुंबई में विरोध रैलियां हुईं।
आगे पढ़ेंगद्दाफ़ी की हत्या और लिबिया के पुनः उपनिवेशीकरण की निंदा करें!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 6 नवम्बर, 2011
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी लिबिया के नेता करनल मुअम्मर गद्दाफ़ी की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा करती है। अमरीका नीत नाटो बलों द्वारा, लिबिया पर अपने नाज़ायज़ व अपराधी कब्ज़े और उस देश के पुनः उपनिवेशीकरण के हिस्से बतौर, यह हत्या की गई थी।
आगे पढ़ेंश्रमिक वर्ग को अर्थव्यवस्था की दिशा बदलने के लिए लड़ना चाहिए!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की महाराष्ट्र प्रादेशिक समिति का बयान, 8 नवम्बर 2011
आगे पढ़ेंमणिपुर में नाकाबंदी : मणिपुर के वर्तमान संकट के लिए हिन्दोस्तानी राज्य की ‘बांटो और राज करो’ की राजनीति जिम्मेदार है
1 अगस्त से, बीते 3 महीनों से, मणिपुर के दो राष्ट्रीय महामार्ग, एन.एच. 39 और एन.एच. 53, पर नाकाबंदी लगी हुई है। एक तरफ, कूकी लोगों के संगठनों ने वर्तमान सेनापति जिले के अंदर, अलग सदर पर्वतीय जिले के निर्माण की मांग को लेकर नाकाबंदी शुरू किया, तो दूसरी तरफ मणिपुर में युनाइटेड नगा काउंसिल (यू.एन.सी.) ने इस मांग का विरोध करने के लिये, अपनी नाकाबंदी लागू कर दी। अब सिर्फ यू.एन.सी.
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