कश्मीर में बर्बर राजकीय आतंकवाद का भयानक सत्यापन

हज़ारों निरपराध कश्मीरियों की निष्ठुर हत्या की भयानक सच्चाई का फिर से सत्यापन हुआ जब 17 अगस्त, 2011 को राज्य मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित हुई। इस रिपोर्ट ने स्पष्ट किया कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुला और बंदीपुर जि़लों में बेनिशान कब्रिस्तान हैं। 38 ऐसे कब्रिस्तानों में जांच करने वाली टीम ने 2,730 कब्रों को पहचाना। उनमें से 2,156 में गुमनाम लोगों की लाशें थी। इस राक्षसी, अमानवी

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पानी की राजनीति : आप ‘आम’ हो या ‘विधायक के खास’

9 सितम्बर, 2011 को संजय कालोनी के निवासियों ने लोक राज समिति की अगुवाई में ओखला औद्योगिक क्षेत्र-2स्थित अधिशासी अभियंता, दिल्ली जल बोर्ड पर एक दिवसीय धरना दिया।

पानी न देने व शिकायतकर्ता के साथ बदसलूकी करने के खिलाफ़, जल बोर्ड में पार्टीवादी राजनीति को खत्म करने के लिए, तथा रिहायशी बस्तियों में पानी का कनेक्शन देने की मांग को लेकर यह धरना दिया गया।

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एयर इंडिया के कैजुवेल मज़दूर संगठित हुये

अपने अधिकारों की पुष्टि के लिये एयर इंडिया के कैजुवेल मज़दूर अपनी यूनियन बनाने का प्रयास कर रहे हैं और संघर्ष की राह पर हैं। वे स्थायी मज़दूरों बतौर मान्यता चाहते हैं और समान काम के लिये स्थायी मज़दूरों के बराबर का वेतन चाहते हैं। चेन्नई में एयर इंडिया के लिये काम करने वाले करीब 500 मज़दूरों ने इसमें पहलकदमी की है। देश भर के विभिन्न हवाई अड्डों में एयर इंडिया के करीब 2500 कैजुवेल मज़दूर हैं।

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अघोषित तालाबंदी के खिलाफ़ मारूती-सुजुकी के मजदूरों का संघर्ष

12 सितम्बर, 2011 को मारूती-सुजुकी इम्प्लाईज यूनियन ने गुड़गांव के कमला नेहरू पार्क से लेकर लघु सचिवालय तक एक विशाल रैली निकाली।

‘गुड कंडक्ट बांड’ की शर्त को हटाने, यूनियन के पदाधिकारियों सहित अन्य सभी मजदूरों को काम पर वापस लेने, यूनियन को मान्यता देने की मांग को लेकर यह रैली निकाली गई। इस रैली में 3000 से ज्यादा मजदूरों ने हिस्सा लिया।

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स्थायी की मांग को लेकर मुंजाल में हड़ताल

12 सितम्बर, 2011 को शाम 4 बजे से हरियाणा के मानेसर के आईएमटी स्थित मुंजाल शोवा के मजदूरों ने स्थायी किये जाने की मांग को लेकर कंपनी के अंदर ही हड़ताल का बिगुल बजा दिया।

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खुदरा व्यापार को बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियों के लिए खोलने का कदम

खुदरा व्यापार में पूंजीपति इज़ारेदार कंपनियों के आने से खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नियंत्रण लाने में मदद होगी, ऐसा दावा करके हिन्दोस्तानी सरकार अपने देश के बहुसंख्यक मेहनतकशों को बुध्दू बनाने की कोशिशकर रही है। इज़ारेदार कंपनियों का असली मकसद आवश्यक चीज़ों को मुनासिब दामों में प्रदान करना नहीं, बल्कि उत्पादकों के खून-पसीने को चूस कर अधिकतम मुनाफ़ा बनाना ही है। सरकार का असली मकसद है इसी के लिए अ

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ब्रिटेन का मज़दूर वर्ग और प्रगतिशील ताकतें नौजवानों पर हमलों के लिये राज्य को दोषी ठहराते हैं!

अगस्त 2011 की शुरुआत में ब्रिटेन के कई शहरों और नगरों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुये और वहां की सड़कों पर दंगे-फसाद हुये। केमरॉन सरकार ने झट से नौजवानों को ''कानून और व्यवस्था की समस्या'' पैदा करने के लिये जिम्मेदार ठहराया, खास तौर पर अश्वेत नौजवानों को। कम्युनिस्टों, विभिन्न मज़दूर वर्ग के संगठनों और प्रगतिशीलराजनीतिक ताकतों ने इस सरकारी दावे का खंडन किया है। उन्होंने कहा है

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साम्राज्यवादियों, सिरिया से दूर हो जाओ!

जैसे-जैसे लिबिया की सरकार को गिराने के लिये उनका भयंकर सैनिक अभियान एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच रहा है, वैसे-वैसे मुख्य पश्चिमी साम्राज्यवादी ताकतें – अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी – सिरिया में उसी अभियान को दोहराने के लिये हालतें तैयार कर रही हैं। ठीक जैसा लिबिया में किया गया था, वैसे ही ये ताकतें दुनिया की मीडिया के जरिये एक धुन में, हर घंटे यह प्रचार कर रही हैं कि सिरिया की सरकार कैसे &#

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एयर इंडिया पर सी.ए.जी. की रिपोर्ट : एयर इंडिया प्रबंधन और सरकार के अपराध साबित हुये

नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सी.ए.जी.) ने एयर इंडिया पर 2005-10 की अवधि के लिये अपनी रिपोर्ट पेशकी है। इसमें प्रबंधन और सरकार को 50 बोइंग विमान की खरीदारी के लिये स्पष्ट रूप से दोषी ठहराया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एयर इंडिया की कार्यवाहियों के स्तर के अनुसार इन विमानों की खरीदारी को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है। यह जानी-मानी बात है कि बोइंग को संकट से बचाने के लिये किये गये इस सौदे

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मुम्बई के रेल चालकों ने अपने ऊपर हमलों का विरोध किया

19 अगस्त, 2011 को मुम्बई में पश्चिम रेलवे की सबर्बन सेवाओं के चालकों ने शाम के 4:30 से 5:30 तक आकस्मिक हड़ताल की। वे अपने सहकर्मी की बर्खास्तगी के खिलाफ़ प्रतिरोध कर रहे थे। इस हड़ताल की वजह से पश्चिम रेलवे की सेवायें पूरी तरह ठप्प हो गयीं। रेल चालकों के इस एकजुट प्रतिरोध को देखकर, अधिकारियों को बर्खास्त मजदूर को वापस लेना पड़ा।

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