21 अक्तूबर, 2011 को रेल कर्मचारियों ने गैंगमैन की भर्ती की माँग के लिए आंदोलन छेड़ा।
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कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के चौथे महाअधिवेशन के दस्तावेज
कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी का चौथा महाअधिवेशन अक्टूबर २०१० के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया गया था.
कामरेड लाल सिंह ने तीसरे महाधिवेशन द्वारा चुनी गयी केंद्रीय समिति की ओर से चौथे महाअधिवेशन की रिपोर्ट पेश कि. इस रिपोर्ट पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी और इसे स्वीकार किया गया. चौथे महाअधिवेशन के फैसले के अनुसार इसे छापने के लिए सम्पादित किया गया है. इस दस्तावेज में चौथे महाअधिवेशन द्वारा पारित किये गए फैसले भी मौजूद है.
(PDF दस्तावेज को डाउनलोड करने के लिए कवर चित्र पर क्लिक करें)
आगे पढ़ेंउदारीकरण और निजीकरण कार्यक्रम के बीस साल पर मज़दूर वर्ग का दृष्टिकोण
24 जुलाई, 1991 के दिन को हमारे देश के इजारेदार पूंजीपति घरानों ने ऐतिहासिक दिन बताया। इस दिन मनमोहन सिंह, जो नरसिंह राव सरकार में वित्तमंत्री थे, उन्होंने अपने बजट भाषण में उदारीकरण और निजीकरण के जरिये हिन्दोस्तानी पूंजी के वैश्वीकरण के कार्यक्रम को पेश किया। इजारेदार पूंजीपति, मीडिया के जरिये प्रचार कर रहे हैं कि हिन्दोस्तान में स्वर्ण अवधि की शुरुआत करने के लिये मनमोहन सिंह की प्रशंसा की ज
आगे पढ़ेंप्रशान्त भूषण पर हमले की निंदा करें! ज़मीर के अधिकार की हिफ़ाज़त में एकजुट हों!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 13 अक्तूबर, 2011
आगे पढ़ेंअमरीकी साम्राज्यवाद द्वारा अफगानिस्तान पर हमले की दसवीं बरसी पर :
साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतें साम्राज्यवादियों को एशिया से बाहर भगाने का वादा करती हैं
9 अक्तूबर, 2011 को नई दिल्ली में साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतों ने एक सार्वजनिक सभा आयोजित की। लोक राज संगठन और जमात ए इस्लामी हिन्द ने म
आगे पढ़ेंभूमि अधिग्रहण और पुनः स्थापन व पुनर्वास विधेयक (2011) का असली मकसद
भूमि अधिग्रहण और पुनः स्थापन व पुनर्वास विधेयक के एक मसौदे पर मंत्रीमंडल ने अपनी सहमति दी। उसे 7 सितंबर, 2011 को संसद में पारित किया गया और 15 सितंबर को संसदीय स्थायी समिति को दिया गया। स्थायी समिति को इस मसौदे पर अपनी रिपोर्ट अगले तीन महीने के अन्दर देनी है। सरकार का इरादा है कि संसद के अगामी शीत सत्र में इस मसौदे को कानून बतौर पास किया जाये।
आगे पढ़ेंकामरेड सुशीला चैन का देहान्त
एक अथक कम्युनिस्ट कार्यकर्ता और पंजाब में स्त्री आन्दोलन की एक वरिष्ट नेता, कामरेड सुशीला चैन 28 सितम्बर, 2011 को इस संसार को अलविदा कर गईं। वे 88 वर्ष की थीं। मजदूर एकता लहर उनके इस असामयिक देहांत पर शोक प्रकट करती है और हम उनके पति कामरेड चैन सिंह चैन व समस्त परिवार क
आगे पढ़ेंकॉमरेड गुरशरन सिंह
कॉमरेड गुरशरन सिंह, जो एक जाने-माने सांस्कृतिक कार्यकर्ता, एक नाटककार और एक क्रांतिकारी बुद्धिजीवी थे, उनकी मृत्यु 82 वर्ष की उम्र में, 27 सितम्बर, 2011 को हुई। मज़दूर एकता लहर उनके शोकाकुल परिवार को, इस असामयिक मौत के लिये, हार्दिक शोक प्रकट करती है।
आगे पढ़ेंनोहर में शहीद भगत सिंह के जन्म की सालगिरह मनाई गयी
मज़दूरों, किसानों, विद्यार्थियों और नौजवानों ने शहीद भगत सिंह के जन्म की सालगिरह के अवसर पर नोहर में एक जोशीली सभा आयोजित की।
सभा का आयोजन लोक राज संगठन की नोहर समिति ने किया था।
आगे पढ़ेंअफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा मुर्दाबाद! काबुल में विरोध प्रदर्शन
“हम तभी सुरक्षित महसूस करेंगे जब अमरीकी सेना यहां से जायेगी”, यह मनोभाव अफ़गानिस्तान के लोगों ने अमरीकी हमले की दसवीं बरसी पर, 7 अक्टूबर, 2011 को एकमत से व्यक्त किया। प्रदर्शनकारी स्पष्टता से मांग कर रहे थे कि अमरीकी व दूसरे विदेशी सैनिक उनके देश से वापस जायें। अफ़गानिस्तान के लोगों का संदेश था, “हम चाहते हैं कि अमरीकी सेना और उसके नाटो सहयोगी तुरंत हमारे देश से बाहर जायें।
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