जनता के खिलाफ़ शासकों के घिनावने अपराधों को कभी बुलाया या माफ़ किया नहीं जा सकता!
गुजरात में मार्च 2002 में मुसलमानों के भयानक जनसंहार के बाद दस वर्ष बीत चुके हैं। उन भयावह दिनों की यादें आज भी पीड़ितों तथा सभी ज़मीर वाले हिन्दोस्तानी लोगों के दिल दहलाती हैं – अहमदाबाद और गुजरात के दूसरे शहरों व गांवों में हथियारबंद गुंडे पेट्रोल बम, त्रिशूल तथा वोटर लिस्ट लिये सड़कों पर घूमते हुये,
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