अमरीकी साम्राज्यवाद का विरोध करने वाले देशों और सरकारों के लिये मुसीबतें पैदा करने के लिये अमरीकी साम्राज्यवाद ने एक हथियार का इस्तेमाल करने में निपुणता हासिल की है। वह है, उन देशों के अंदर विध्वंसकारी गुटों को तैयार करना और उन्हें सहायता देना। ऐसे गुटों को तोड़-फोड़ करने, हत्यायें करने और दूसरी अपराधी हरकतें करने के लिये प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे उन देशों में अस्थिरता ला सकें।
आगे पढ़ेंAuthor: hindi_cgpiadmin
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के दो साल बाद :
शिक्षा का अधिकार अभी भी एक सपना
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 1अप्रैल, 2010को लागू हुआ था। बहुत प्रचार किया गया है कि यह संप्रग सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो हमारे देश के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा सुनिश्चित कराने के प्रति सरकार की तथाकथित वचनबध्दता को दर्शाता है।
आगे पढ़ेंआर्थिक सुधार कार्यक्रम पर मजदूर-मेहनतकशों के विचार
मजदूर वर्ग और मेहनतकशों की हिमायत करने वाले अखबार और संगठन बतौर, हम मेहनतकशों के नेताओं से यह सवाल कर रहे हैं कि 20 वर्ष पहले शुरू किये गये सुधारों के परिणामों के बारे में हिन्दोस्तान के मेहनतकशों का क्या विचार है। क्या उन सुधारों से मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनसमुदाय को फायदा हुआ है या नुकसान? आगे पढ़ें
हनुमानगढ़ के अनार किसान कर्जे में डूबे :
किसानों की ओर राजस्थान व केन्द्र सरकार के बेरुखा रवैया
2005-06 से राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में अनार की पौध लगाने वाले किसानों में से सैंकड़ों दीवालिया हो गये हैं। पिछले चार वर्षों से वे मांग कर रहे हैं कि केन्द्र व राज्य सरकारों के कृषि व बागवानी विभाग, किसानों से किये अपने वादे पूरे करें। परन्तु किसानों की मांगों की कोई सुनवाई नहीं हुयी है। जैसा कि किसान बताते हैं, जिम्मेदारी क
आगे पढ़ेंकानपुर में मजदूरों का धरना
उत्तर प्रदेश के कानपुर के मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर 8अप्रैल, 2012को शिक्षक पार्क परेड में एक दिवसीय धरना दिया।
आगे पढ़ेंनई दिल्ली में हुई ब्रिक्स शिखर बैठक का ऐलान क्या दिखाता है?
ब्रिक्स देशों – ब्राज़ील, रूस, हिन्दोस्तान, चीन और दक्षिण अफ्रीका – के नेता मार्च के अंत में नई दिल्ली में मिले। ब्रिक्स एक हाल में बनाया गया देशों का समूह है (दक्षिण अफ्रीका सबसे हाल का सदस्य है) जो दुनिया के मंच पर उभर कर आ रहा है। मिलाकर इन देशों में दुनिया की आबादी का 43 प्रतिशत रहती है और पूरी दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का 40 प्रतिशत इन देशों से है। हाल के वर्षों में इन देशों ने, अलग-अल
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पुनर्वास कालोनी मदनपुर खादर में महिला दिवस मनाया गया
पूर्वी दिल्ली की एक पुनर्वास कालोनी मदनपुर खादर में 31 मार्च, 2012 को महिला दिवस मनाया गया। सभा को पुरोगामी महिला संगठन और लोक राज संगठन ने आयोजित किया था। इस सभा में इस इलाके की घरेलू महिलाओं, स्कूलों और कालेजों के छात्र-छात्राओं, नौजवान लड़के-लड़कियों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सभा की शुरुआत में पुरोगामी महिला संगठन की तरफ से महिला दिवस के ऐतिहासिक संघर्ष पर एक प्रस्तुति पेश की
आगे पढ़ेंवी.आई. लेनिन की 142वीं सालगिरह पर : लेनिनवाद जिन्दाबाद!
22 अप्रैल मजदूर वर्ग को महान क्रान्तिकारी नेता व शिक्षक, वी.आई. लेनिन की 142वीं सालगिरह है।
आगे पढ़ेंपंजाब चुनाव का नतीजा :
सिर्फ मज़दूरों और किसानों की सत्ता ही पंजाब को संकट से बाहर निकाल सकती है!
हाल में हुये पंजाब विधान सभा चुनाव में, कुल 117 सीटों में से 68 जीत कर अकाली दल-भाजपा गठबंधन सत्ता में कायम रहा है, जबकि कांग्रेस पार्टी को कुल मिला कर 46 सीटें मिली हैं। पूंजीवादी ''विशेषज्ञ'' दावा करते हैं कि पंजाबी लोगों ने अपने ''लोकतांत्रिक अधिकार''का उपयोग कर के अकाली
आगे पढ़ेंअवैध मानव व्यापार :
पूंजीवादी व्यवस्था में शोषण का एक अमानवीय स्वरूप
हाल के दिनों में, मीडिया में कई चौंकाने वाली कहानियां प्रकाशित की गई हैं, कि किस तरह जवान महिलाओं और लड़कियों को कुछ एजेंसियों द्वारा देश के अलग-अलग इलाकों से दिल्ली व अन्य शहरों में लाया जाता है, जहां उन्हें वेश्यावृति या घरेलू दासता में जबरदस्ती धकेला जाता है और बर्बरतापूर्ण शोषण का सामना करना पड़ता है।
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