दिल्ली में प्रथम मजदूर वर्ग गोष्ठी में गंभीर चर्चा हुई :

आगे का रास्ता : एक लक्ष्य, एक कार्यक्रम, राजनीतिक सत्ता के लिये!

एक महत्वपूर्ण और नई दिशा दिखाने वाली दो-दिवसीय गोष्ठी दिल्ली में 23-24 दिसंबर, 2011 को लोक आवाज़ पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रिब्यूटर्स द्वारा आयोजित की गई थी। कम्युनिस्ट आन्दोलन की विभिन्न धाराओं और पार्टियों से कार्यकर्ताओं व संगठनकर्ताओं ने इस गोष्ठी में भाग लिया।

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राजस्थान के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल

केंद्र के समान वेतनमान और समयबध्द पदोन्नति की मांग को लेकर 21 दिसम्बर से राजस्थान के सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल चल रही है। 6000 चिकित्सक  बहादुरी से अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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पश्चिम रेलवे के मोटरमैन का संघर्ष

23-25 नवंबर, 2011 के दौरान पश्चिम रेलवे के मोटरमैन ने, वेस्टर्न रेलवे मोटरमैंस एसोसिएशन के झंडे तले संगठित होकर, हड़ताल की। इसकी वजह से ट्रेनों की सेवा अस्त-व्यस्त हो गयी थी। किसी प्लेटफार्म में सिग्नल पार करने के लिये एक मोटरमैन को निलंबित कर दिया गया था,इन फैसले के खिलाफ़ यह हड़ताल की गयी थी।

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हम अपनी धरती मां को नहीं बेचते!

परमाणु परियोजनाओं के खिलाफ़ पूरे देश में जन प्रतिरोध बढ़ रहा है। हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव तथा उस इलाके के हजारों किसान भी जमकर विरोध कर रहे हैं। गोरखपुर गांव में सरकार ने परमाणु बिजली परियोजना लगाने की योजना बनाई है। सरकार ने बड़े ही बेशर्मी से घोषित किया है कि उस इलाके की जमीन बंजर है। इससे गुस्सा हुये किसान गत 400 से ज्यादा दिन से सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं। धरने पर बैठे

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वोल्टास के मजदूर 200 दिनों से भूख हड़ताल पर

21 दिसम्बर, 2011 को मुंबई में टाटा की मालिकी की कंपनी, वोल्टास के मुख्य कार्यालय पर एक गेट मीटिंग की गई। यह मजदूरों की, अपने अधिकारों की हिफाजत में लगातार भूख हड़ताल का 200 वां दिन था।

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मजदूर वर्ग के लिये राज्य सत्ता को अपने हाथ में लेने की जरूरत

मजदूर वर्ग के लिये राज्य सत्ता को अपने हाथ में लेने की जरूरत

मजदूर वर्ग के लिये राज्य सत्ता को अपने हाथ में लेने की जरूरत23-24 दिसम्बर, 2011 को मजदूर वर्ग गोष्ठी में प्रारंभिक दस्तावेज कामरेड लाल सिंह ने हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति की ओर से पेश किया। मजदूर वर्ग के लिये राज्य सत्ता को अपने हाथ में लेने की जरूरत शीर्षक के इस दस्तावेज को, गोष्ठी में हुई चर्चा के आधार पर, संपादित किया गया है और केन्द्रीय समिति के फैसले के अनुसार प्रकाशित किया जा रहा है।

(PDF दस्तावेज को डाउनलोड करने के लिए कवर चित्र पर क्लिक करें)

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मानव अधिकार और इजारेदार पूंजीपतियों के “अधिकतम मुनाफों के अधिकार” के बीच टक्कर!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 8 दिसम्बर, 2011

इस वर्ष 10 दिसम्बर को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मानव अधिकारों के घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर के 63 वर्ष पूरे होंगे। आज से 21 वर्ष पहले, जब सोवियत संघ विघटित होने जा रहा था, तब 14नवम्बर को यूरोपीय राज्यों ने, अमरीका और कनाडा सहित, पैरिस चार्टर पर हस्ताक्षर किया था। पैरिस चार्टर में यह ऐलान कि

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मानव अधिकारों की रक्षा में जोरदार प्रदर्शन और रैली

संयुक्त राष्ट्र द्वारा अधिकारों की सार्वभौम घोषणापत्र को अपनाने की 63वीं सालगिरह पर 10 दिसंबर, 2011 को नई दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन और रैली की गई।

इस प्रदर्शन व रैली का आयोजन लोक राज संगठन ने किया था।

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पाकिस्तान के खिलाफ़ नाटो के हमले की निंदा करे!

26 नवम्बर को अमरीका की अगुवाई में अफ़गानिस्तान के नज़दीक पाकिस्तान की भूमि पर मिला-जुला हवाई तथा ज़मीनी हमला हुआ, जिसमें पाकिस्तान के 24 सैनिकों की मौत हुई और उससे ज्यादा घायल हुए। पाकिस्तानी नागरिक तथा सरकार ने एक होकर गुस्से की प्रतिक्रियाएं कीं और देश भर में विरोध प्रदर्शन किये गये। इतने सारे लोगों को मौत की कगार में ढकेलने वाले अमरीका की अगुवाई में किये गये हमले का मज़दूर एकता लहर कड़ा विरोध

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