संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता के लिये फिलिस्तीन का प्रयास

शुक्रवार, 23 सितम्बर, 2011 को संयुक्त राष्ट्र में आये सैकड़ों प्रतिनिधियों ने खड़े होकर फिलिस्तीनी नेता, महमूद अब्बास के भाषण की प्रशंसा की, जिसमें उन्होंने फिलिस्तीन की संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता की अर्जी की पृष्ठभूमि दी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव से आवेदन किया कि फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य राज्य बतौर मान्यता दी जाये। दूसरी तरफ, अमरीका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सुरक्षा परिषद

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अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक घटनायें : अमरीका में गहराता संकट और मज़दूर वर्ग पर बढ़ता बोझ

इतिहास में सबसे बड़ी राजकोषीय आर्थिक सहायता के बावजूद, अमरीकी अर्थव्यवस्था अभी तक 2007के दिसम्बर से शुरू हुई विश्वव्यापी आर्थिक मंदी से सम्भल नहीं पायी है।

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मारूती-सुजुकी के मजदूरों के समर्थन में हरियाणा भवन पर प्रदर्शन

22 सितम्बर, 2011 को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष के समर्थन में मजदूर एकता कमेटी, लोक राज संगठन सहित कई अन्य संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दिल्ली स्थित मंडी हाऊस से लेकर हरियाणा भवन तक जोरदार रैली निकाली और प्रदर्शन किय

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वोल्टास के श्रमिकों का संसद पर धरना

वोल्टास लि.एयर कंडीशनिंग और इंजीनियरिंग सेवाओं के लिए टाटा समूह की जानी-मानी कंपनी है। इसमें पिछले 15 वर्षों से स्थायी श्रमिकों की भर्ती बंद है। यहां के श्रमिक अपनी मांगों को लेकर कंपनी के मुंबई स्थित चिंचपोकली कार्यालय पर पिछले 142 दिनों से लगातार क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं। इसी बीच प्रबंधन ने पुलिस के द्वारा उन्हें धमकाने, हटाने और शारीरिक चोट पहुंचाने की कई बार असफल कोशिश की है। नेतृत्वकारी श्रमिकों को निलंबित भी कर दिया गया था।

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साम्राज्यवादियों, लिबिया छोड़ो!

अगस्त में नाटो के हथियारों के सहारे से लिबिया की बाग़ी ताक़तों ने राजधानी त्रिपोली पर कब्ज़ा जमाया। इसके पहले यही संकेत मिल रहे थे कि अमरीका, बर्तानिया तथा और देशों के लोग तेजी से लिबिया में दखलंदाज़ी का विरोध कर रहे थे और उन सरकारों पर दबाव बढ़ रहा था। अब जब अभूतपूर्व बमबारी के सहारे सेनायें त्रिपोली में घुस गयीं, तब लिबिया में नाटो के खूनी और बर्बर हस्तक्षेप को तुरंत “कामयाब” घ

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लोक राज की जरूरत

मजदूर एकता लहर के संवाददाता ने सिरसा हरियाणा में 28अगस्त 2011को हुई आम चर्चा में हिस्सा लिया। इस सभा में महंगाई, भ्रष्टाचार, सर्वव्यापक सार्वजनिक वितरण व्यवस्था, भूमि अधिग्रहण, राजकीय आतंकवाद, जैसे लोगों से सारोकार रखने वाले मसलों और खास तौर से लोगों के हाथों में सत्ता कैसे आयेगी, इस बात पर चर्चा हुई। चर्चा में लोगों की सक्रिय भागीदारी और उसका उच्च स्तर यह दिखाता है कि अब लोग इस बात से सचेत

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दिल्ली उच्च न्यायालय में बम विस्फोट

7 सितम्बर, 2011 को दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट पर हुये बम विस्फोट से अभी तक 13 जानें गयी हैं। तकरीबन 100लोग बुरी तरह घायल हुये हैं। हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी अपने लोगों पर इस जानलेवा हमले की कड़ी निंदा करती है और उन सभी परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट करती है जिनके परिजन मारे गये या घायल हुये।

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दिल्ली में बिजली दर में जबरदस्त बढ़ोतरी का विरोध करें

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की दिल्ली इलाका समिति का बयान, 9 सितम्बर 2011

सरकार का दावा है कि वह हमारे मेहनत की कमाई का सिर्फ 600 करोड़ रु. ऐंठने वाली है। पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों के जरिये हजारों करोड़ों रुपयों से कंपनियों, नेताओं और अफसरों की जेबें भरी जा चुकी हैं। इसमें दूसरे तरीकों से लूट की वह बहुत बड़ी राशि शामिल नहीं है जिसके बारे में लोग सचेत हैं और जिसको भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लोगों के आंदोलन ने उठाया है।

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जनता के विरोध-प्रदर्शन पर गोलियां बरसाने वाली सरकार मुर्दाबाद!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की महाराष्ट्र इलाका समिति का बयान, अगस्त 2011

अलग-अलग दांवपेंचों के बावजूद जब जनता का विरोध बढ़ता ही जाता है तो उसे ज़बरदस्ती से पैरों तले रौंदने के लिए गोलियों का इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। चाहे किसी भी पार्टी की सरकार राज्य में या केंद्र में क्यों न हो, यही दिखायी देता है। महाराष्ट्र हो या उत्तर प्रदेश, गुजरात हो या ओडि़सा, तमिलनाडु हो य

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राष्ट्रों और लोगों के आत्म-निर्धारण के अधिकार के उल्लंघन का कोई औचित्य नहीं हो सकता!

संप्रभु राज्यों में खुद को गठित करके, और किसी भी तरह की दखलंदाज़ी के बिना, राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास का अपना पसंदीदा मार्ग चुनने के राष्ट्रों और लोगों के अधिकार का प्रतिज्ञापन, यह आधुनिक दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण अग्रिम विकासों में एक है। लेकिन इस अधिकार पर अमरीका और साम्राज्यवादी शक्तियां बड़ा आक्रमण कर रही हैं, खुद के रणनैतिक फ़ायदों के लिए देशों की आज़ादी तथा संप्रभुत

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