दुनिया भर में उत्साह के साथ मई दिवस मनाया गया

1 मई, 2012 को दुनिया भर में मज़दूरों ने रैलियों व प्रदर्शनों में भाग ले कर, अधिकारों पर हो रहे सबतरफे हमलों के प्रतिरोध में आवाज़ें उठाईं। उन्होंने पूंजीवादी व्यवस्था को खत्म करके एक शोषणमुक्त समाज बनाने के अपने संकल्प को दोहराया।

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किसानों की तबाही का कारण इजारेदार-पूंजीवादी व्यापारी कंपनियों की हिफ़ाज़त करने वाली केन्द्र सरकार

मनमोहन सिंह सरकार और कांग्रेस पार्टी दावा करती हैं कि वे “आम आदमी” के हित में काम कर रही हैं, परन्तु मजदूर वर्ग और किसान दोनों ही तेज़ी से कंगाली और तबाही की ओर धकेले जा रहे हैं।

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प्यारे कामरेड प्रो. दलीप सिंह के देहान्त पर शोक

बड़े दुख के साथ मजदूर एकता लहर यह घोषणा करती है कि हमारे प्यारे कामरेड प्रो. दलीप सिंह का 22 अप्रैल, 2012 को मुम्बई में देहान्त हो गया वे 78 वर्ष के थे।

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सीरिया के खिलाफ़ नाटो की साजिशों की भर्तसना करो!

अमरीकी साम्राज्यवाद और उसके सहयोगियों द्वारा सीरिया में अस्साद सरकार का तख्ता पलटने और वहां “सत्ता परिवर्तन” करने की सबसे नवीनतम योजनायें सामने आयी हैं। अस्साद सरकार अमरीकी योजनाओं में रोड़ा है और पिछले एक साल से भी अधिक समय से अमरीका, अस्साद सरकार को गिराने के मकसद से, खुल्लम-खुल्ला सीरिया में बगावती ताकतों को उकसाता आया है, उनको पैसा देता और उनका समर्थन करता आया है। इसका नतीजा

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नौकरी और वेतन के बिना काम : महिला स्वास्थ्य कर्मियों का शोषण

एक्रेडिटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट ‘मान्यताप्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) या ‘आशा’ – जिस नाम से वे आमतौर पर जानी जाती हैं – और आंगनवाड़ी कर्मी वे महिलाएं हैं, जिन्हें सरकार के स्वास्थ्य व पोषण (मां-शिशु) कार्यक्रम में काम करने के लिये गांव समुदाय से चुना जाता है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत महिला स्वास्थ्य कर्मी ‘आशा’ के नाम से जानी जाती हैं। रा

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पडघा, महाराष्ट्र में मई दिवस

“संगठित हो, हुक्मरान बनो और समाज को बदल डालो!”, लोक राज संगठन की पडघा समिति के इस आह्वान का स्वागत करके, दो सौ से अधिक नागरिक 6 मई की सभा में शामिल हुए।

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रेल चालकों के प्रति रेलवे मंत्रालय के बेरुख़े बर्ताव की निंदा करो!

जैसा कि मज़दूर एकता लहर के मार्च 1 से 15 के अंक में प्रकाशित किया गया था, केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ने रेल चालकों की शिकायतों पर विचार करने के लिये एक राष्ट्रीय ट्रिब्यूनल नियुक्त किया था। सरकार को ऐसा करना पड़ा क्योंकि रेल चालकों ने 3 व 4 मई, 2010 को दो दिवसीय आंदोलन किया, जिससे मुंबई की रेल सेवायें  पूरी तरह से ठप्प हो गयी थीं। आंदोलन के और तेज़ होने के ख़तरे को टालने के लिये ट्रिब्यूनल

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सभी मजदूरों के सर्वव्यापी अधिकारों के लिये संघर्ष करें!

निजीकरण और उदारीकरण कार्यक्रम को हरायें!

मई दिवस 2012 के अवसर पर हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का आह्वान

मजदूर साथियो!

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उत्तरी कोरिया पर साम्राज्यवादी दबाव फिर शुरू

अमरीकी साम्राज्यवादियों ने उत्तरी कोरिया पर एक बार फिर दबाव डालना और उसे धमकाना शुरू किया। इस बार उनका बहाना उत्तरी कोरिया द्वारा 13 अप्रैल को एक उपग्रह प्रक्षेपित करने की कोशिश थी। जबकि उपग्रह प्रक्षेपण पर संयुक्त राष्ट्र का या किसी और अंतर्राष्ट्रीय संधि का उल्लंघन नही होता है, फिर भी अमरीका ने उत्तरी कोरिया को जा रहे 2,40,000 टन खाद्य पदार्थों से भरे एक जहाज को रद्द कर दिया और जापान ने उत

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ईरानी आतंकवादियों का अमरीकी साम्राज्यवादी प्रशिक्षण

अमरीकी साम्राज्यवाद का विरोध करने वाले देशों और सरकारों के लिये मुसीबतें पैदा करने के लिये अमरीकी साम्राज्यवाद ने एक हथियार का इस्तेमाल करने में निपुणता हासिल की है। वह है, उन देशों के अंदर विध्वंसकारी गुटों को तैयार करना और उन्हें सहायता देना। ऐसे गुटों को तोड़-फोड़ करने, हत्यायें करने और दूसरी अपराधी हरकतें करने के लिये प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे उन देशों में अस्थिरता ला सकें।

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