तेलंगाना के विषय पर बिठाई गई श्रीकृष्ण समिति ने 30 दिसम्बर, 2010 को केन्द्रीय सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में समस्या को हल करने के 6 विकल्प दिये गये हैं। एक प्रस्ताव को ”सबसे पसंद प्रस्ताव” बताया गया है और दूसरे प्रस्ताव पर इसके बाद विचार किया जायेगा। बाकी चार विकल्पों के बारे में समिति ने खुद ही कहा है कि इन्हें अमल में नहीं लाया जा सकता। श्रीकृष्ण समिति को संप
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श्रीकृष्ण समिति ने तेलंगाना पर रिपोर्ट पेश की : लोगों को जानबूझकर भड़काने की कोशिश की निंदा करें!
यह लोकतंत्र पूंजीतंत्र है!
संपादक महोदय,
मजदूर एकता लहर के दिसम्बर 16-31, 2010 के अंक 24 के पृष्ट 5 पर प्रकाशित शीर्षक
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राडिया टेप्स
संपादक महोदय,
दुनियाभर में मज़दूरों और दबे कुचले लोगों के शक्तिशाली संघर्ष
2010 के साल में दुनियाभर में मज़दूरों और दबे कुचले लोगों के शक्तिशाली संघर्ष हुये। आगे पढ़ें
श्रमिकों ने सरकार को अपनी ताकत दिखाई
17 दिसम्बर, 2010 को हरियाणा के जिला सिरसा में, राजकीय अध्यापक संघ की अगुवाई में, सैकड़ों अध्यापकों ने अनुबंधित अध्यापकों को नियमित करने की मांग को लेक
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2010 में सभी क्षेत्र के मजदूरों और किसानों के बहादुर संघर्ष
2010 में हमारे देश के मजदूरों और किसानों के बड़े-बड़े संघर्ष देखने में आये। मजदूर और किसान अपनी रो
आगे पढ़ेंचीनी प्रधानमंत्री की हिन्दोस्तान यात्रा
चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की हाल की हिन्दोस्तान यात्रा के दौरान समाचार माध्यम की प्रतिक्रिया में मुख्य तौर पर वे दो विचार आगे रखे गये जिनका हिन्दोस्तानी राज्य प्रचार करना चाहता था – कि चीन एक महाशक्ति है और एक प्रतिस्पर्धी भी।
डा. बिनायक सेन को दोषी ठहराये जाने के खिलाफ : राजकीय आतंकवाद के खिलाफ़ व ज़मीर के अधिकार की हिफाज़त में संघर्ष को आगे बढ़ाएं
24 दिसम्बर, 2010 को रायपुर सेशंस कोर्ट ने डा. बिनायक सेन को ”देशद्रोह” और ”हिन्दोस्तानी राज्य के खिलाफ़ जंग छेड़ने” के लिए दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सज़ा दी। आई.पी.सी., छत्तीसगढ़ स्पेशल पब्लिक सेफ्टी एक्ट और यू.ए.पी.ए.
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