अमरीकी साम्राज्यवाद द्वारा अफगानिस्तान पर हमले की दसवीं बरसी पर :

साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतें साम्राज्यवादियों को एशिया से बाहर भगाने का वादा करती हैं

9 अक्तूबर, 2011 को नई दिल्ली में साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतों ने एक सार्वजनिक सभा आयोजित की। लोक राज संगठन और जमात ए इस्लामी हिन्द ने म

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भूमि अधिग्रहण और पुनः स्थापन व पुनर्वास विधेयक (2011) का असली मकसद

भूमि अधिग्रहण और पुनः स्थापन व पुनर्वास विधेयक के एक मसौदे पर मंत्रीमंडल ने अपनी सहमति दी। उसे 7 सितंबर, 2011 को संसद में पारित किया गया और 15 सितंबर को संसदीय स्थायी समिति को दिया गया। स्थायी समिति को इस मसौदे पर अपनी रिपोर्ट अगले तीन महीने के अन्दर देनी है। सरकार का इरादा है कि संसद के अगामी शीत सत्र में इस मसौदे को कानून बतौर पास किया जाये।

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कामरेड सुशीला चैन का देहान्त

एक अथक कम्युनिस्ट कार्यकर्ता और पंजाब में स्त्री आन्दोलन की एक वरिष्ट नेता, कामरेड सुशीला चैन 28 सितम्बर, 2011 को इस संसार को अलविदा कर गईं। वे 88 वर्ष की थीं। मजदूर एकता लहर उनके इस असामयिक देहांत पर शोक प्रकट करती है और हम उनके पति कामरेड चैन सिंह चैन व समस्त परिवार क

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कॉमरेड गुरशरन सिंह

कॉमरेड गुरशरन सिंह, जो एक जाने-माने सांस्कृतिक कार्यकर्ता, एक नाटककार और एक क्रांतिकारी बुद्धिजीवी थे, उनकी मृत्यु 82 वर्ष की उम्र में, 27 सितम्बर, 2011 को हुई। मज़दूर एकता लहर उनके शोकाकुल परिवार को, इस असामयिक मौत के लिये, हार्दिक शोक प्रकट करती है।

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नोहर में शहीद भगत सिंह के जन्म की सालगिरह मनाई गयी

मज़दूरों, किसानों, विद्यार्थियों और नौजवानों ने शहीद भगत सिंह के जन्म की सालगिरह के अवसर पर नोहर में एक जोशीली सभा आयोजित की।

सभा का आयोजन लोक राज संगठन की नोहर समिति ने किया था।

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अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा मुर्दाबाद! काबुल में विरोध प्रदर्शन

“हम तभी सुरक्षित महसूस करेंगे जब अमरीकी सेना यहां से जायेगी”, यह मनोभाव अफ़गानिस्तान के लोगों ने अमरीकी हमले की दसवीं बरसी पर, 7 अक्टूबर, 2011 को एकमत से व्यक्त किया। प्रदर्शनकारी स्पष्टता से मांग कर रहे थे कि अमरीकी व दूसरे विदेशी सैनिक उनके देश से वापस जायें। अफ़गानिस्तान के लोगों का संदेश था, “हम चाहते हैं कि अमरीकी सेना और उसके नाटो सहयोगी तुरंत हमारे देश से बाहर जायें।

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यूनान के मज़दूरों का शक्तिशाली संघर्ष

सितंबर 2011 के अंतिम सप्ताह में, यूनान के एथेंस और दूसरे शहरों में दसियों-हजारों लोग, अपने जीविका पर सरकार द्वारा हमले की एक नयी लहर के विरोध में सड़कों पर उतरे।

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मारूती सुजुकी के मजदूरों के समर्थन में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

१५ अक्तूबर २०११ को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष के समर्थन में मजदूर एकता कमेटी, आल इंडिया फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियन्स,  इंकलाबी मजदूर केंद्र, इंडियन फेडरेशन आफ ट्रेड युनियन, इंडियन काउंसिल आफ ट्रेड यूनियन्स, मजदूर एकता केंद्र, सहित कई अन्य संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और मारूति-सुजुकी के प्रबंधन तथा हरियाणा सरकार का पुतला

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बड़े बैंकों के खिलाफ़ अमरीका में विरोध बढ़ा

अमरीका के बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों के बोर्डरूमों में बैठने वाले अरबपति अमीरों के न्यू यॉर्क स्थित घरों के सामने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने 11 अक्तूबर, 2011 को जुलूस निकाला।

प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे, “बैंकों को बचा लिया, हमें डुबा दिया” और “अरे तुम अरबपतियों, अपना उचित हिस्सा चुकाओ”। उनकी तख्तियों पर लिखा था “हम 99 प्रतिशत हैं।”

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कूड़ंगकुलम परमाणु परियोजना के खिलाफ़ विशाल जनप्रतिरोध

तमिलनाडु में कूड़ंगकुलम परमाणु परियोजना के खिलाफ़ जन प्रतिरोध उभर आया है। इसमें दसों-हजारों मजदूरों, किसानों, मछुआरों और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया है।

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