पेंशन फंड का चोरी-छिपे निजीकरण का विरोध करो!

पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एण्ड डेवलपमेंट अथारिटी (पी.एफ.आर.डी.ए.) विधेयक के ज़रिये पेंशन “सुधार“ हिन्दोस्तानी बड़े पूंजीपतियों के तात्कालिक वैधानिक एजेंडा के लिये एक अहम विषय है।

पी.एफ.आर.डी.ए. विधेयक के मूल लक्षण इस प्रकार हैं:

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परमाणु परियोजनाओं का विरोध

22 अगस्त को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में परमाणु ऊर्जा के बारे में जनसुनवाई आयोजित की गयी थी। कुडनकुलम (तमिलनाडु), जैतापुर (महाराष्ट्र), चुटका (मध्य प्रदेश), गोरखपुर (हरियाणा), बांसवाड़ा (राजस्थान), हरिपुर (पश्चिम बंगाल), मीठी विरदी ( गुजरात), कोव

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भूमि कानून के पीछे सरकार के असली उद्देश्य का पर्दाफाश

भूमि अधिग्रहण तथा पुनर्वास एवं पुनःस्थापन (एल.ए.आर.आर.) विधेयक 2011, को मंत्रीमंडल द्वारा स्वीकृति अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में अपेक्षित है। इसके नये अवतार को भूमि अधिग्रहण उचित भरपाई अधिकार, पुनर्वास एवं पुनःस्थापन तथा पारदर्षिता (आर.सी.आर.आर.टी.एल.ए.) विधेयक 2012 का नाम दिया गया है। अभी के लिये, मंत्रीमंडल के सदस्यों द्वारा इस विधेयक की समीक्षा करने के लिये इसे संसद में पेश करने से टाला

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भूमि उपलब्ध

मुंबई में मोटरमैन तथा यात्री संगठनों ने मिलकर एक सभा आयोजित की। इस तरह की सभा पहली बार आयोजित की गयी और मजदूर एकता लहर के संवाददाता को शामिल होने का मौका मिला। 28 जुलाई की यह सभा 5 घंटे से ज्यादा समय चली। हमारे संवाददाता ने यह रिपोर्ट पेश की।

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मुंबई के बिजली क्षेत्र कर्मचारी बने “मेस्मा” के शिकार!

मुंबई इलेक्ट्रिक कर्मचारी यूनियन के मजदूरों पर महाराष्ट्र सरकार की सक्रिय मदद से मैनेजमेंट ने “मेस्मा” का उपयोग करके हमला किया। हमारे संवाददाता ने यूनियन नेता श्री. शंकर से वार्तालाप किया, उसके कुछ अंश …

म.ए.ल.: आप हमें अपनी यूनियन के बारे में कुछ बताइये।

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बैंकिंग सुधारों के खिलाफ़ बैंककर्मी व अधिकारी आगे आये

बैंकिंग क्षेत्र में पूंजीपतियों के हितों में किये जा रहे सुधारों, खंडेलवाल समिति की सिफारिशों के एकतरफा कार्यान्वयन करने, बैंक नौकरियों की आउटसोर्सिंग करने, मानव संसाधन के मुद्दों पर मनमाना दिशा-निर्देशों के लागू करने, ग्रामीण शाखाओं को  बंद करने, आदि के खिलाफ़ देशभर के बैंक कर्मचारी 22-23 अगस्त को हड़ताल पर उतरे। 27 सरकारी बैंकों की 87,000 शाखाओं, निजी क्षेत्र के 12 बैंकों तथा 8 विदेशी

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पूर्वोत्तर के लोगों की असुरक्षा के लिये केन्द्रीय सत्ताधारी जिम्मेदार

“मनुष्यों की जिन्दगी और अधिकारों की रक्षा करने की जगह आज केन्द्रीय सत्ताधारी पूर्वोत्तर के विभिन्न लोगों के बीच तंग व साम्प्रदायिक आधार पर एक आतंक और असुरक्षा का वातावरण बना रहे हैं, ” हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के प्रवक्ता कामरेड प्रकाश राव ने 27 अगस्त के दिन दिल्ली में लोक राज संगठन द्वारा पूर्वोत्तर के लोगों की असुरक्षा के लिये कौन जिम्मेदार?

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सिर्फ मज़दूर वर्ग ही हिन्दोस्तान को बचा सकता है!

सिर्फ एकजुट मज़दूर वर्ग ही हिन्दोस्तान को बचा सकता है!

सिर्फ मज़दूर वर्ग ही हिन्दोस्तान को बचा सकता है! हिन्दोस्तान की ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, ३० अगस्त २०१२

(PDF दस्तावेज को डाउनलोड करने के लिए कवर चित्र पर क्लिक करें)

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साम्राज्यवादियों द्वारा सीरिया की संप्रभुता के खुलेआम हनन का डटकर विरोध करें!

दूसरे देशों व लोगों की आज़ादी और संप्रभुता का आदर करने के असूल की पूरी तरह अवहेलना करते हुए, अमरीकी साम्राज्यवाद और उसके मित्रों ने सीरिया की सरकार का तख्ता पलट करने और उस देश पर अपना प्रभुत्व जमाने के इरादे से, अपना सैनिक और राजनीतिक अभियान तेज कर दिया है। अपने इस अभियान को सही ठहराने के लिए अमरीकी साम्राज्यवाद यह ऐलान कर रहा है कि ''जिसकी लाठी उसकी भैंस'', कि अपनी अधिक सैनिक

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हिन्द-ईरान संबंधों में साम्राज्यवादी दखलंदाजी का विरोध करें!

ईरान से हिन्दोस्तान के संबंध, जो प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक बहुत गहरे रहे हैं, अब अमरीकी साम्राज्यवाद के नेतृत्व में ईरान पर हमलावर कार्यवाइयों से दबाव में आ रहे हैं। यह तब देखा गया जब हिन्दोस्तान ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के विचार-विमर्श में, अमरीका तथा दूसरे साम्राज्यवादियों के समर्थन में और ईरान के खिलाफ़ मत दिया। ईरान से हिन्दोस्तान द्वारा कच

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