बिजली मज़दूरों ने निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने बिजली के निजीकरण के विरोध में आंदोलन तेज़ कर दिया है। 25 जनवरी, 2025 को प्रदेशभर में बिजली कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर निजीकरण के खि़लाफ़ विरोध प्रदर्शन किया।

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आयुध फैक्ट्री में विस्फोट :
मुनाफ़ा कमाने की लालच श्रमिकों को मौत की ओर धकेल रही है

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

24 जनवरी, 2025 को महाराष्ट्र के जिला भंडारा के जवाहर नगर इलाके में स्थित आयुध निर्माण फैक्ट्री में विस्फोट होने से 8 मजदूरों की मौत हो गयी है। घायल 5 मजदूरों का ईलाज चल रहा है।

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ट्रैक मेंटेनरों ने प्रदर्शन किया

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

दक्षिण मध्य रेलवे के हज़ारों ट्रैक मेंटेनरों ने 17  जनवरी, 2025 को ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन से संबंधित साउथ सेंट्रल रेलवे मज़दूर यूनियन के तत्वाधान में प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन केन्द्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीति को लेकर था।

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रेल चालकों ने देशभर में प्रदर्शन किया

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसियेशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) ने अपनी मांगों को लेकर पूरे देश में 22 जनवरी, 2025 को प्रदर्शन आयोजित किया। यह प्रदर्शन भारतीय रेल के 68 डिविज़नों में आयोजित किया गया। इन प्रदर्शनों में हजारों रेल चालकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की। हरेक लॉबी पर गेट मीटिंगें और प्लेटफार्मों पर सभायें व रैलियां आयोजित की गईं। साथ ही सभी कर्मचारियों ने काला बिल्ला लगाकर सुचारू रूप से गाड़ियों का परिचालन किया।

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छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों का आंदोलन

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

बीएड सहायक शिक्षकों ने समायोजन (एडजस्टमेंट) की मांग को लेकर, 19 जनवरी, 2025 को 10 घंटे तक चक्काजाम किया। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में शिक्षक और उनके परिजन शामिल हुये थे। शिक्षकों ने सरकार के खि़लाफ़ नारेबाजी की और अपनी बहाली की मांग की।

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कोयले की खदानों में 9 मज़दूर ज़िन्दा दफ़न

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

6 जनवरी, 2025 को असम के दीमा हसाओ जिले में एक कोयला खदान में पानी भर जाने से 9 मज़दूर ज़िंदा दफ़न हो गए। मात्र 4 मज़दूरों के शवों को निकाला जा सका है। ये मृतक मज़दूर असम और पश्चिम बंगाल के हैं। कोयले की खदान में पानी भर जाने से कोयला निकालते हुये मज़दूर फंस गए जबकि 25 मज़दूर समय रहते बाहर निकल गए।

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केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मज़दूरों और किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने के अभियान की घोषणा की

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने सरकार द्वारा अपनाए जा रहे मज़दूर-विरोधी, किसान-विरोधी, जन-विरोधी रास्ते की निंदा करने के लिए 5 फरवरी को पूरे हिन्दोस्तान में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। इसके बाद चारों श्रम संहिताओं के ख़िलाफ़ सर्व हिन्द अभियान चलाया जाएगा। यूनियनों ने घोषणा की है कि अगर केंद्र सरकार श्रम संहिताओं के नियमों को अधिसूचित करने के लिए आगे बढ़ती है तो वे आम हड़ताल का आयोजन करेंगे।

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हिन्दोस्तानी गणराज्य सरमायदारी हुकूमत का हथकंडा है

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 21 जनवरी 2025

इस वर्ष 26 जनवरी को हिन्दोस्तान को एक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किये जाने की 75वीं सालगिरह है। हमारे देश के हुक्मरानों का दावा है कि इस गणराज्य ने सभी हिन्दोस्तानी लोगों की बहुत अच्छी सेवा की है। लेकिन, पूरे देश में मज़दूरों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के बड़े-बड़े विरोध प्रदर्शनों से पता चलता है कि हिन्दोस्तानी  गणराज्य अपने सभी नागरिकों को सुख और सुरक्षा नहीं प्रदान कर रहा है। यह केवल एक धनी अल्पसंख्यक वर्ग के हितों की सेवा कर रहा है – यानि पूंजीपति वर्ग, जिसकी अगुवाई इजारेदार पूंजीवादी घरानों द्वारा किया जाता है।

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कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी में मेरा अनुभव

संपादक महोदय, हिन्दोस्तान कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की 44वीं वर्षगांठ पर मुझे भी शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं जब से इस पार्टी में आई हूं, मेरा यह अनुभव रहा है कि यह पार्टी हमेशा मेहतनकश लोगों की आवाज़ को बुलंद करने का काम करती आई है। यह सरमायदारी व्यवस्था के खि़लाफ़ लोगों की आवाज़ को बुलंद करने का काम

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एकजुट संघर्ष ही हमें इंसाफ दिला सकता है

संपादक महोदय, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की 44वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में पेश किए गए पार्टी महासचिव के भाषण पर अपने कुछ विचार देना चाहती हूं। मेरे विचार विशेषकर महिलाओं की स्थिति पर हैं। आज हर एक स्तर पर चाहे वह कार्यस्थल पर हो या सार्वजनिक स्थल पर हों या कहीं पर भी हों, महिलाओं को दोहरे शोषण

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