250215-Britain-LondonPalestineSolid-Quds-01


लंदन में गाज़ा के फ़िलिस्तीनी लोगों के समर्थन में विशाल प्रदर्शन

15 फरवरी को लंदन में व्हाइट हॉल से अमरीकी दूतावास तक ‘नेशनल मार्च फॉर फ़िलिस्तीन’ के बैनर तले 1,50,000 से अधिक लोगों ने फ़िलिस्तीनी लोगों के समर्थन में एक शक्तिशाली प्रदर्शन और मार्च किया।

आगे पढ़ें
Maruti-Suizuki-1

मारुति सुज़ुकी :
मज़दूर घोर अन्यायपूर्ण काम की हालतों के खि़लाफ़ एकजुट हैं

गुड़गांव के मानेसर में मारुति सुज़ुकी के मज़दूर 2012 में उन पर हुए बड़े हमले के बाद से, कंपनी के खि़लाफ़ अपना संघर्ष करते आ रहे हैं। उस हमले में 546 स्थाई मज़दूरों को और 1,800 ठेका-मज़दूरों को बखऱ्ास्त कर दिया गया था, जबकि लगभग 147 मज़दूरों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाकर उन्हें जेल में बंद कर दिया गया

आगे पढ़ें

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 :
महिलाएं मांग रही हैं सभी शोषण और उत्पीड़न से मुक्ति!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 3 मार्च, 2025

आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता यह है कि महिलाएं अपने लड़ाकू संगठनों का निर्माण करें तथा उन्हें मजबूत करें, और मज़दूर वर्ग व अन्य सभी शोषित और उत्पीड़ित लोगों के साथ अपनी एकता को मजबूत करें। हम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य या उसके किसी भी संस्थान पर निर्भर नहीं रह सकते। संगठित आत्मरक्षा के लिए सभी मेहनतकश व उत्पीड़ित लोगों के साथ एकता बनाना ही एकमात्र रास्ता है!

आगे पढ़ें

एक देश, एक चुनाव :
ताक़त का ख़तरनाक संकेन्द्रण

असली सवाल यह नहीं है कि चुनाव एक साथ होने चाहिए या अलग-अलग समय पर, बल्कि असली सवाल यह है कि क्या लोगों को राजनीतिक सत्ता से बाहर रखा जाना चाहिए। चुनाव एक साथ हो या अलग-अलग समय पर – इस तरह की तकनीकी बातों पर बहस करने से, वर्तमान व्यवस्था में आम लोगों को पूरी तरह से दरकिनार करने की हालतें नहीं बदलेंगी। पूरी राजनीतिक प्रक्रिया में मूलभूत परिवर्तन की सख़्त ज़रूरत है।

आगे पढ़ें

केंद्रीय बजट 2025-26 :
इजारेदार पूंजीपतियों की सेवा में

बजट, वास्तव में, धन को उसके सृजनकर्ताओं, अर्थात मज़दूरों और किसानों से लेकर, उसे हड़पने वालों, अर्थात पूंजीपतियों के बीच पुनर्वितरित करने के लिए एक सुव्यवस्थित तंत्र के रूप में कार्य करता है।

आगे पढ़ें

‌राष्ट्रीय कृषि बाज़ार सुधार नीति :
किसान-विरोधी और जन-विरोधी नीति

किसानों और मज़दूरों, दोनों के संगठनों को प्रस्तावित नीति का कड़ा विरोध करना चाहिए और इसे वापस लेने की मांग करनी चाहिए। किसानों को एम.एस.पी. पर गारंटीकृत ख़रीद के लिए संघर्ष जारी रखना चाहिए। यह कृषि को पूंजीवादी लालच को पूरा करने की दिशा में चलाने के खि़लाफ़ संघर्ष का हिस्सा है। यह खाद्य का उत्पादन करने वालों को सुरक्षित रोज़ी-रोटी दिलाने और सभी के लिए सस्ती क़ीमतों पर पर्याप्त खाद्य मुहैया कराने की सेवा में है।

आगे पढ़ें


हिन्दोस्तान में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) की भूमिका

उन्होंने देश को पूंजीवादी रास्ते पर ले जाने के लिए हिन्दोस्तानी सरमायदार वर्ग की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने हमारे देश की भूमि और श्रम के लगातार बढ़ते शोषण और लूट में योगदान दिया है, जिसके माध्यम से हिन्दोस्तानी और विदेशी पूंजीपतियों ने पिछले 77 वर्षों और उससे भी अधिक समय में बेशुमार धन अर्जित किया है। उन्होंने हमारे देश में अति अमीर पूंजीपतियों और ग़रीब मेहनतकश जनता के बीच की खाई को लगातार बढ़ाने में योगदान दिया है।

आगे पढ़ें

पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के पांच साल बाद :
दंगा नहीं बल्कि राजकीय आतंकवाद का एक कांड

मज़दूरों, किसानों और अन्य सभी मेहनतकश लोगों को अपने धार्मिक विश्वासों को एक तरफ़ रखकर, शासक सरमायदार वर्ग के ख़िलाफ़ एकजुट होने की सख़्त ज़रूरत है। हमें राजकीय आतंकवाद के ख़िलाफ़ एकजुट होना चाहिए। हमें मांग करनी चाहिए कि लोगों के किसी भी हिस्से पर हमला करने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए। हमें मांग करनी चाहिए कि जब भी लोगों के किसी भी तबके पर हमला हो तो सरकार में बैठे लोगों को ज़िम्मेदार ठहराया जाए।

आगे पढ़ें


स्मार्ट मीटर लगाने के खि़लाफ़ व्यापक विरोध प्रदर्शन

कामगार एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

2025 के जनवरी महीने में देश के कई हिस्सों में बिजली कर्मचारियों के संगठनों, अन्य कर्मचारी संगठनों और जन संगठनों ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर (पी.एस.एम.) लगाने के कार्यक्रम का विरोध तेज़ कर दिया।

आगे पढ़ें


अमरीका द्वारा निर्वासित आप्रवासियों के प्रति हिन्दोस्तानी राज्य का शर्मनाक रवैया

हिन्दोस्तान के लोग इस दर्दनाक और अपमानजनक दृश्य को देखकर हैरान थे कि हमारे 104 लोगों को अमरीका से क्रूरतापूर्वक निर्वासित किया गया। उनको गुनहगार्रों की तरह हथकड़ियों और जंजीरों में जकड़कर, 40 घंटे की एक कष्टदायक उड़ान के बाद, अमरीकी सैन्य विमान के द्वारा हिन्दोस्तान लाया गया।

आगे पढ़ें