गुनहगारों को सज़ा दिलाने और साम्प्रदायिक हिंसा रोकने का संघर्ष हिन्दोस्तान के नवनिर्माण के संघर्ष का हिस्सा है

4 नवंबर, 2012 की विचार गोष्ठी में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के प्रवक्ता का भाषण:

साथियों और दोस्तों!

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“पूंजी की कमी” का हौवा

खुदरा व्यापार और अन्य क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश के द्वार खोलने की कोशिश की सफाई में, प्रधान मंत्री व तथाकथित अर्थशास्त्री तर्क देते हैं कि अगर अपनी अर्थव्यवस्था को डूबने से बचाना है तो अधिक मात्रा में विदेशी पूंजी जरूरी है। वे ऐसी धारणा बनाते हैं मानो हिन्दोस्तानी अर्थव्यवस्था और उसकी वृद्धि की संभावनाओं में “पूंजी की कमी”  की गंभीर समस्या है।


इस तर्क का प्रभावशाली

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मेहनतकश लोगों के ऊपर बढ़ता बोझ

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.)


हिन्दोस्तान के पूंजीपतियों ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) के लगाने के प्रस्ताव का पूरी तरह से समर्थन किया है। सी.आई.आई., एफ.आई.सी.सी.आई. (फिक्की), एसोचैम, इत्यादि बड़े पूंजीपतियों के संगठनों ने सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के संवर्धन में मंदी को खत्म करने के लिये, जी.एस.टी.

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मारुति-सुजुकी के मजदूरों की भूख हड़ताल

8 तथा 9 नवम्बर, 2012 को गुड़गांव के मानेसर स्थित मारुति-सुजुकी के मजदूरों ने बर्खास्त मजदूरों को काम पर वापस लेने व जेल में बंद मजदूरों को अविलंब रिहा करने की मांग को लेकर, मारुति-सुजुकी वर्कर्स यूनियन की अगुवाई में, जिला श्रम आयुक्त कार्यालय के बाहर दो दिवसीय भूख हड़ताल की।

इस भूख हड़ताल में पीडि़त परिवारों के सदस्यों के अलावा, विभिन्न ट्रेड यूनियनों व मजदूर संगठनों ने भाग लिया।

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रेलवे गार्ड के मुखिया से साक्षात्कार

कॉमरेड ए. के. श्रीवास्तव, ऑल इंडिया गार्ड्स काऊंसिल (ए.आई.जी.सी.) के महासचिव हैं। हमारे संवाददाता ने पिछले 20 वर्षों की आर्थिक सुधार नीति और रेलवे के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में काम की परिस्थिति के बारे में सूचना लेने के लिये उनसे साक्षात्कार किया।

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सुधार कार्यक्रम का बढ़ता विरोध

माननीय संपादक महोदय,

मजदूर एकता लहर का 16-31 अक्तूबर का अंक इंटरनेट पर पढ़ा। उसमें सभी महत्वपूर्ण खबरें हैं। पूंजीवादी-साम्राज्यवादी सुधार कार्यक्रम का बढ़ता विरोध इस लेख पर मैं कुछ टिप्पणी करना चाहूँगा।

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पी.पी.पी., आर.टी.आई. के दायरे से बाहर

माननीय संपादक महोदय,

मजदूर एकता लहर के 16-31 अक्तूबर के अंक में एक लेख में “निजीकरण के अप्रत्यक्ष तरीकों” के बारे में आपने कई उदाहरण दिए थे। मैं कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण जोड़ना चाहूँगा।

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अभियान द्वारा प्रधानमंत्री को दिया गया ज्ञापन

माननीय प्रधानमंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह

महोदय,

विषय: नवम्बर 1984 का नरसंहार-गुनहगारों को सजा मिले ताकि सांप्रदायिक हिंसा पर रोक लगे एवं भविष्य सुरक्षित हो

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1984 के लिये इंसाफ अभियान : गुनहगारों को सज़ा दो! पीडि़तों को बदनाम करना बंद करो!

1984 में सिखों के कत्लेआम के पीडि़तों के लिये इंसाफ की मांग करते हुये, एक गंभीर व जोशपूर्ण अभियान 21 अक्तूबर, 2012 को अमृतसर में जलियांवाला बाग से, एक दिल दहलाने वाली चित्र प्रदर्शनी के साथ शुरू हुआ।


1984 के जन संहार, जिसके दौरान दिल्ली, कानपुर और अन्य जगहों पर 7000 से अधिक लोग मारे गये थे, उसके पीडि़तों के लिये इंसाफ की मांग करने वाले इस अभियान के संदर्भ में, कई संगठनों और व्यक्तियों न

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