“हिन्दोस्तानी लोकतंत्र” का असली चेहरा
9 फरवरी की सुबह को, अत्यंत गुप्त रूप से हिन्दोस्तानी राज्य ने मोहम्मद अफ़ज़ल गुरु को फांसी पर चढ़ाया और दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही उसे दफना दिया। उसके परिवार और बाकी देशवासियों को फांसी हो जाने के बाद ही उसकी जानकारी मिली। अफ़ज़ल गुरु की फांसी एक बेशर्म और कायरतापूर्ण हरकत है जिसे कानून और न्
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