विश्व व्यापार संगठन का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन :
सबसे शक्तिशाली साम्राज्यवादी राज्यों और इजारेदार पूंजीपतियों की सेवा में
यूक्रेन में पिछले दो वर्षों से रूस के ख़िलाफ़ अमरीका व नाटो का परोक्षी युद्ध
आज यह समय की मांग है कि इस युद्ध को समाप्त करने और इस इलाके में स्थायी शांति लाने के लिए, बातचीत करके समाधान निकाला जाए।
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मौजूदा पूंजीवादी व्यवस्था में मज़दूरों के जीवन और स्वास्थ्य की कोई क़ीमत नहीं है
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, मार्च के महीने के सिर्फ एक सप्ताह, 16 मार्च-22 मार्च, में देशभर के विभिन्न कार्य स्थलों पर, निर्माण स्थलों पर या सीवर की सफाई में लगे, 30 से अधिक मज़दूरों ने अपनी जान गंवा दी। मौतों की वास्तविक संख्या कहीं अधिक होने की संभावना है, क्योंकि अधिकांश ऐसे मामले कभी रिपोर्ट ही नहीं किए जाते। समाचार रिपोर्टों में इन कार्यस्थलों पर घायल हुए मज़दूरों की संख्या शामिल नहीं होती है, जो अक्सर इतने गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं कि वे काम में अक्षम हो जाते हैं।
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स्टेशन मास्टरों, लोको-पायलटों एवं अन्य रेल मज़दूरों की जायज़ मांग का समर्थन करें!
रेलवे कर्मचारियों की अन्यायपूर्ण बर्ख़ास्तगी को तुरंत रद्द करो!
मार्च, 2024 के दौरान भारतीय रेल के विभिन्न विभागों के मज़दूरों द्वारा – भारतीय रेल के निजीकरण को तत्काल रोकने, ओ.पी.एस. लागू करने, सभी रिक्तियों को भरने, हिदोस्तान की सरकार के श्रम और रोज़गार मंत्रालय के काम और आराम की अवधि (एच.ओ.ई.आर.) नियमों के समय के अनुसार ड्यूटी करने, कामकाजी परिस्थितियों में सुधार, कुछ कर्मचारियों को अन्यायपूर्ण अनुशासनात्मक प्राधिकरण द्वारा लगाए गए दंड को तत्काल वापस लेने, आदि विभिन्न मांगों को लेकर देश के सभी क्षेत्रों में कई आंदोलन किए गये।
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एम.एस.ई.डब्ल्यू.एफ. ने स्मार्ट मीटर का विरोध करने का निर्णय लिया
कामगार एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
13 मार्च, 2024 को महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन (एम.एस.ई.डब्ल्यू.एफ.) ने “स्मार्ट मीटर – मिथक और वास्तविकता” विषय पर एक ज़ूम मीटिंग आयोजित की। उन्होंने प्रस्तुति करने के लिए कामगार एकता कमेटी (के.ई.सी.) को आमंत्रित किया। ज़ूम मीटिंग में पूरे महाराष्ट्र से एम.एस.ई.डब्ल्यू.एफ. के 75 से अधिक पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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