अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, 8 मार्च, 2025, नई दिल्ली में एक दर्जन से अधिक महिला संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक विशाल रैली में मनाया गया।
आगे पढ़ें
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, 8 मार्च, 2025, नई दिल्ली में एक दर्जन से अधिक महिला संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक विशाल रैली में मनाया गया।
आगे पढ़ेंसैकड़ों आईटी मज़दूर अपने भयंकर शोषण, काम के लंबे घंटों, असंभव कार्य लक्ष्यों और नौकरी की गंभीर असुरक्षा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए इकट्ठा हुए।
आगे पढ़ेंअमरीका में ट्रम्प शासन द्वारा घोषित जन-विरोधी क़दमों का पूरे अमरीका में सभी क्षेत्रों के मेहनतकश लोगों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। विभिन्न राष्ट्रीयताओं और सामाजिक तबकों के लोग, युवा और वृद्ध, सभी क्षेत्रों के लोग, चाहे वे किसी भी राजनीतिक संबद्धता से जुड़े हों, एकजुट होकर व्यापक विरोध करने के लिए आगे आ रहे हैं।
आगे पढ़ेंपूरे देश में किसान सभी फ़सलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की क़ानूनी गारंटी के लिए अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं। इस आंदोलन के तहत उन्होंने अलग-अलग जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर रैलियां निकालीं। केंद्र और राज्य सरकारों ने आंदोलनकारी किसानों पर पुलिसिया दमन का इस्तेमाल किया, ताकि उन्हें अपनी विरोध रैलियों को निकालने से रोका जा सके।
आगे पढ़ें1 फरवरी को 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिजली और बीमा सहित कई क्षेत्रों में निजीकरण कार्यक्रम के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कई नीतिगत घोषणाएं कीं।
आगे पढ़ेंकामगार एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
23 फरवरी, 2025 को नागपुर में आयोजित बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और इंजीनियरों के सभी यूनियनों और एसोसिएशनों के राष्ट्रीय अधिवेशन में, पूरे हिन्दोस्तान से उनके 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से बिजली के निजीकरण के ख़िलाफ़ लड़ने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। यह अधिवेशन राष्ट्रीय विद्युत कर्मचारी और इंजीनियर समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) की पहल पर आयोजित किया गया था, जो हिन्दोस्तान के बिजली क्षेत्र के अधिकांश मज़दूरों को एकजुट करने वाली एक छत्र संस्था है।
आगे पढ़ेंसभी ज़मीर वाले महिलाओं और पुरुषों को एक ऐसी नई व्यवस्था स्थापित करने के नज़रिए से इस संघर्ष में आगे आना होगे, जिस व्यवस्था में सभी के ज़मीर के अधिकार सहित सभी मानवाधिकारों की गारंटी सुनिश्चित की जा सके और इन अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए उपयुक्त तंत्र बनाए जाएं।
आगे पढ़ें15 फरवरी को लंदन में व्हाइट हॉल से अमरीकी दूतावास तक ‘नेशनल मार्च फॉर फ़िलिस्तीन’ के बैनर तले 1,50,000 से अधिक लोगों ने फ़िलिस्तीनी लोगों के समर्थन में एक शक्तिशाली प्रदर्शन और मार्च किया।
आगे पढ़ेंगुड़गांव के मानेसर में मारुति सुज़ुकी के मज़दूर 2012 में उन पर हुए बड़े हमले के बाद से, कंपनी के खि़लाफ़ अपना संघर्ष करते आ रहे हैं। उस हमले में 546 स्थाई मज़दूरों को और 1,800 ठेका-मज़दूरों को बखऱ्ास्त कर दिया गया था, जबकि लगभग 147 मज़दूरों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाकर उन्हें जेल में बंद कर दिया गया
आगे पढ़ेंहिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 3 मार्च, 2025
आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता यह है कि महिलाएं अपने लड़ाकू संगठनों का निर्माण करें तथा उन्हें मजबूत करें, और मज़दूर वर्ग व अन्य सभी शोषित और उत्पीड़ित लोगों के साथ अपनी एकता को मजबूत करें। हम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य या उसके किसी भी संस्थान पर निर्भर नहीं रह सकते। संगठित आत्मरक्षा के लिए सभी मेहनतकश व उत्पीड़ित लोगों के साथ एकता बनाना ही एकमात्र रास्ता है!
आगे पढ़ें