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तेलंगाना के अस्पतालों के ठेका मजदूरों का संघर्ष

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

8 फरवरी, 2025 को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में तेलेंगाना वैद्य विधाना परिषद (टीवीवीपी) के तहत आने वाले विभिन्न क्षेत्रीय और जिला अस्पतालों में सफाई और सुरक्षा सेवाओं के लिए कार्यरत 4,000 से ज्यादा ठेका कर्मचारियों ने बकाया वेतन के लिए प्रदर्शन किया।

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Haryana_2025-02-06_PWD


लोक निर्माण विभाग के मज़दूरों का विरोध प्रदर्शन

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

हरियाणा में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) कर्मचारी ने अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन गर्वमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन की अगुवाई में किया जा रहा है। पानीपत में 6 फरवरी को पीडब्ल्यूडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। वहां से रोष जुलूस निकालते हुए लघु सचिवालय पहुंचकर कर्मचारियों ने सरकार के खि़लाफ़ नारे लगाए। उन्होंने जिला उपायुक्त के ज़रिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। इस तरह के विरोध प्रदर्शन 29 जनवरी को कुरुक्षेत्र और 3 फरवरी को करनाल और अंबाला में हुये हैं।

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1 Feb punjab pensioner worker dharna


पेंशनधारकों की भूख हड़ताल

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

पंजाब सरकार पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा की अगुवाई में 8 फरवरी, 2025 को पेंशनधारकों ने अपनी मांगों को लेकर अलग-अलग जिला मुख्यालयों – फगवाड़ा, जलंधर, फाज़िल्का और बंगा आदि पर भूख हड़ताल आयोजित की।

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लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए आशा मज़दूरों का संघर्ष

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

11 फरवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आशा मज़दूरों ने आशा वर्कर्स यूनियन की अगुवाई में अपनी मांगों को लेकर ज़ोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में आशा मज़दूर और सहायिकाएं शामिल हुईं।

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काम से एक दिन की छुट्टी :
मुंबई के मिल-मज़दूरों का संघर्ष

हमारे देश के विकास-लक्ष्यों में योगदान देने के नाम पर, हाल ही में, कुछ जाने-माने उद्योगपति, मज़दूरों के लिए 70 घंटे और यहां तक कि 90 घंटे तक का लंबा कार्य-सप्ताह निर्धारित करने की सिफ़ारिश कर रहे हैं। वे इस हक़ीक़त की अनदेखी कर रहे हैं कि सप्ताह में एक दिन आराम के साथ 8 घंटे प्रतिदिन काम का समय, देश का का़नून है। यह बहुत ज़रूरी है कि पूंजीपतियों को इस तरह की बयानबाजी करने की किसी भी क़ीमत पर अनुमति न दी जाये। हम सबको आज अपने देश के मज़दूरों के एक बहादुर संघर्ष के इतिहास को याद करने का अवसर है – इसी संघर्ष के माध्यम से ही, हिन्दोस्तान के मज़दूर वर्ग ने इस क़ानून को स्थापित करने में सफलता प्राप्त की थी।

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गाज़ा में युद्ध-विराम समझौता :
अपने राष्ट्रीय अधिकारों के लिए फ़िलिस्तीनी लोगों का बहादुर संघर्ष अमर रहे

पिछले पंद्रह महीनों में, फिलिस्तीनी लोगों ने, पूरी दुनिया को, अपने अदम्य साहस और अपने संघर्ष को जारी रखने के अपने दृढ़ संकल्प को स्पष्ट दिखाया है – अपनी मातृभूमि पर इज़रायली क़ब्जे़ को ख़त्म करने के लिए उनका बहादुर संघर्ष जारी रहेगा चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी बलिदान क्यों न देना पड़े, ।

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी, बहादुर फिलिस्तीनी लोगों और उनके न्यायपूर्ण संघर्ष को सलाम करती है। इस संघर्ष में, हिन्दोस्तान के लोग फिलिस्तीनी लोगों के साथ खड़े हैं।

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ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भारी विरोध प्रदर्शन हुए

20 जनवरी 2025 को संयुक्त राज्य अमरीका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में कई भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए, जबकि देश भर में हजारों कामकाजी लोगों ने उनके जन-विरोधी एजेंडे के ख़िलाफ़ कड़ाके की ठंड का सामना करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किए।

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सोशल मीडिया पोस्ट हटाने के लिए पुलिस की शक्तियों को बढ़ाया गया

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को उपराज्यपाल (एलजी) द्वारा सोशल मीडिया कंपनियों और अन्य बिचैलियों को “हटाने के आदेश” जारी करने का अधिकार दिया गया है। उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2020 के तहत “अवैध सामग्री” के रूप में वर्गीकृत की जा सकने वाली सामग्री को हटाने का अधिकार दिया गया है।

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एनएसए सुलिवन की हिन्दोस्तान यात्रा :
अमरीकी साम्राज्यवाद हिन्दोस्तान को अपनी आधिपत्यवादी महत्वाकांक्षाओं से अधिक निकटता से जोड़ने के लिए परमाणु सहयोग का लालच दे रहा है

हथियारों, सामग्रियों और उन्नत प्रौद्योगिकियों की आपूर्ति के माध्यम से, अमरीकी साम्राज्यवाद हिन्दोस्तानी राज्य और उसकी नीतियों को और अधिक बारीकी से नियंत्रित और हेरफेर कर सकता है। वे हमारे लोगों को अपने हितों के लिए उत्पन्न संघर्षों और तनावों में और अधिक घसीट सकता है, जो हमारी अपनी शांति और सुरक्षा को ख़तरे में डालता है।

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कारखानों और औद्योगिक इलाकों में दुर्घटनाओं के लिए पूंजीपति और सरकार जिम्मेदार हैं

अर्थव्यवस्था के हर उद्योग और क्षेत्र के मज़दूरों को सुरक्षा मानकों की एक संहिता और उसके सख्त पालन के लिए अपना संघर्ष जारी रखना चाहिए। सभी कार्य स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष, शासक पूंजीपति वर्ग के मजदूर-विरोधी हमले के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग के संघर्ष का हिस्सा है।

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