नाइंसाफ़ी के खिलाफ़ विरोध करने के अधिकार का खुलेआम हनन

मौजूदा व्यवस्था, जिसे ‘दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र’ कहा जाता है, वास्तव में पूंजीपति वर्ग की क्रूर हुक्मशाही है। सत्तारूढ़ पूंजीपति वर्ग ने खुद को लोगों के मानवीय और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला करने, हमारे देश के लोगों की एकता और एकजुटता को तोड़ने की शक्ति दे दी है।

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कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन जारी

कोलकाता में जूनियर डॉक्टर, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर, अपना विरोध धरना और प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं, जो 11 सितंबर से शुरू हुआ था।

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सभी मेहनतकश लोगों के लिए राज्य द्वारा गारंटीकृत पेंशन के संघर्ष को आगे बढ़ाएं

24 अगस्त, 2024 को केंद्र सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की घोषणा की। यह घोषणा सरकारी कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर किए गए बड़े पैमाने पर और निरंतर संघर्षों के मद्देनजर की गई है।

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ब्रिटेन द्वारा इज़राइल को हथियार दिये जाने के विरोध में जूलूस

7 सितंबर को लंदन के पिकाडिली सर्कस से हजारों लोगों ने लंदन में इज़राइली दूतावास तक जुलूस आयोजित किया। इज़राइल द्वारा गाज़ा पर की जा रही बमबारी और ब्रिटिश सरकार द्वारा इज़राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) को दिए जा रहे लगातार समर्थन के विरोध में इस विशाल विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले फ़िलिस्तीन

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दिल्ली के सरकारी स्कूलों के ठेका मज़दूरों की हड़ताल!

मज़दूर एकता लहर के संवाददाता की रिपोर्ट दिल्ली सरकार के अधीन चलने वाले सैकड़ों सरकारी स्कूलों में कार्यरत ठेका मज़दूरों ने तीन महीने के बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर, 4 सितम्बर, 2024 को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कीं। अपने-अपने स्कूलों के गेट के बाहर, जोशीली नारेबाजी करते हुए वे धरने पर बैठे हैं। इन प्रदर्शनकारियों में सफाईकर्मी, सिक्योरिटी

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अमरीका के साथ बढ़ता सैन्य गठबंधन हमारे लोगों के हितों के ख़िलाफ़

हिन्दोस्तान का शासक वर्ग, अमरीका के साथ अपने सैन्य गठबंधन को क़दम-दर-क़दम, मजबूत कर रहा है और देश की अर्थव्यवस्था का और अधिक सैन्यीकरण कर रहा है। जबकि इसे सुरक्षा सुनिश्चित करने के नाम पर किया जा रहा है, हक़ीक़त में यह अमरीका और हिन्दोस्तान, दोनों के शासक वर्गों के आक्रामक साम्राज्यवादी उद्देश्यों से प्रेरित है।

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किसान अपनी मांगों के लिए संघर्ष जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध

किसान नेताओं ने लगातार पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू बैरियर को तुरंत खोलने की मांग की है। वे शंभू में बैरिकेड हटाए जाने पर अपने ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ दिल्ली जाने और सरकार के सामने अपनी मांगें रखने के लिए दृढ़ हैं। ऐसा करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है। मज़दूर वर्ग और मेहनतकश लोग और सभी लोकतांत्रिक सोच वाले लोग किसानों के न्यायपूर्ण संघर्ष में उनके साथ हैं।

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हज़ारों मज़दूर अपना रोज़गार खो रहे हैं

31 अगस्त 2024 को, डंजो कंपनी ने व्यवसाय के ख़र्च में कटौती करने के लिए अपने 200 मज़दूरों में से 150, यानी अपने कार्यबल के 75 प्रतिशत को नौकरी से निकाल दिया। इन मज़दूरों को ईमेल के जरिए इस फ़ैसले के बारे में बताया गया।

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इज़राइल फ़िलिस्तीनी लोगों के खि़लाफ़ अपना आक्रमण बढ़ा रहा है

पिछले 11 महीनों में यह बात बहुत स्पष्ट हो गई है कि अमरीका के समर्थन के बलबूते पर, इज़रायली राज्य, अपने नरसंहारी हमलों को बढ़ा कर तथा उन्हें और तेज़ कर के फ़िलिस्तीनी लोगों को उनकी मातृभूमि से बाहर निकालने के अपने एजेंडे को पूरा करने की भरसक कोशिश कर रहा है।

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महाराष्ट्र के ठेका मज़दूरों ने मुंबई में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया

23 अगस्त 2024 को मुंबई के आज़ाद मैदान में ’वर्कर्स एम्प्लॉइज ज्वाइंट एक्शन कमेटी महाराष्ट्र’ द्वारा बुलाए गए संयुक्त विरोध प्रदर्शन में विभिन्न ट्रेड यूनियनों से जुड़े ठेका मज़दूरों ने भाग लिया।

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