10 जुलाई, 2011 को हरियाणा के जिला गुड़गांव स्थित मारूती-सुजुकी के मानेसर प्लांट के श्रमिकों ने मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन के झंडे तले ताऊ देवीलाल स्पोर्ट काम्प्लेक्स में सभा आयोजित की। यह सभा प्रबंधकों द्वारा श्रमिकों की एकता को तोड़ने के लिए फैलाये जा रहे अफवाहों और प्लांट के श्रमिकों के समक्ष आने वाली समस्याओं पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।
10 जुलाई, 2011 को हरियाणा के जिला गुड़गांव स्थित मारूती-सुजुकी के मानेसर प्लांट के श्रमिकों ने मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन के झंडे तले ताऊ देवीलाल स्पोर्ट काम्प्लेक्स में सभा आयोजित की। यह सभा प्रबंधकों द्वारा श्रमिकों की एकता को तोड़ने के लिए फैलाये जा रहे अफवाहों और प्लांट के श्रमिकों के समक्ष आने वाली समस्याओं पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।
इस सभा में स्थायी, प्रशिक्षु, अप्रेंटिस, केजुअल तथा ठेके पर काम करने वाले सभी प्रकार के श्रमिक शामिल हुए। इसमें लगभग 3000 श्रमिकों ने इस उम्मीद से जोश और उत्साह से भाग लिया कि भविष्य में यह यूनियन उनके अधिकारों और हितों की हिफाज़त करने में सदैव आगे रहेगा। सभा में नौजवान श्रमिक बुलंद आवाज में ‘मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन जिंदाबाद!’, ‘इंकलाब जिंदाबाद!’ का नारा बुलंद कर रहे थे।
विदित रहे कि मारूती-सुजुकी लिमिटेड, ऑटो उद्योग की अग्रणी कंपनी है। गुड़गांव में इसके दो प्लांट – गुड़गांव प्लांट तथा मानेसर प्लांट हैं। हाल ही में मानेसर प्लांट के श्रमिकों ने खुद के शोषण को खत्म करने व यूनियन बनाने के अधिकार सहित अन्य मांगों को लेकर 4 जून, 2011 से हड़ताल करके प्लांट के अंदर ही अनिश्चितकालीन धरना दिया। अंततः 13 दिन के लंबे संघर्ष के बाद प्रबंधकों के द्वारा श्रमिकों की मांगों को स्वीकार करने पर ही श्रमिक काम पर लौटे।
अब श्रमिकों की जीत से घबराया हुआ प्रबंधन पूरी कोशिश कर रहा है कि श्रमिकों की एकता, जो संघर्ष के दौरान बनी है, उसे तोड़ा जाये। इस एकता को तोड़ने के लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। प्रबंधन ने गुड़गांव प्लांट की मारूती उद्योग कामगार यूनियन (मुकु), जो प्रबंधन द्वारा मान्यताप्राप्त और उनका विश्वासपात्र यूनियन है, उसके चुनाव की घोषणा कर दी। प्रबंधन जबरदस्ती इस यूनियन को मानेसर प्लांट के श्रमिकों पर थोप रहा है। जबकि यहां के श्रमिक उसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
मानेसर स्थित प्लांट में 13 दिन के संघर्ष से पूर्व, यहां के श्रमिकों को मारूती उद्योग कामगार यूनियन का सदस्य बनने के लिए प्रबंधन द्वारा मजबूर किया जाता था। श्रमिकों ने बताया कि गुड़गांव प्लांट के श्रमिकों का वहां का प्रबंधन खूब शोषण करता है। यदि वहां का कोई श्रमिक मारूती उद्योग कामगार यूनियन के किसी पद के लिए खड़ा होकर श्रमिकों के लिए आवाज़ उठाने की कोशिश करना चाहता है, तो प्रबंधन उसे ऐसा नहीं करने देता। यूनियन के उन पदाधिकारियों को खड़ा होने के लिए प्रबंधन चुनाव करता है, जो उनके श्रमिक विरोधी कदम उठाने के लिए उसके हां में हां मिलाये।
मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन के महासचिव शिव कुमार ने सभा में स्पष्ट किया कि प्रबंधन ने कुछ श्रमिकों को प्रलोभन देकर मानेसर प्लांट के श्रमिकों से नामांकन तो करवा दिया लेकिन अब जो श्रमिक नामांकन वापस लेना चाहते हैं, प्रबंधन उन्हें नामांकन वापिस न लेने का दबाव बना रहा है। प्रबंधन मानेसर प्लांट के अंदर अराजकता और अव्यवस्था का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहा है, ताकि मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन को संकट का सामना करना पड़े। हमें श्रमिकों पर पूरा विश्वास है कि वे ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे श्रमिकों की एकता को खतरा उत्पन्न हो। उन्होंने श्रमिकों से अनुशासन को बनाये रखने की अपील की।
उन्होंने बताया कि 13 दिन के संघर्ष के बाद, कंपनी के अंदर हालात बदले हुए हैं। संघर्ष से पूर्व जहां श्रमिकों पर काम का अत्यधिक दबाव था, अब कम है। प्रबंधकों द्वारा बार-बार श्रमिकों को जलील करने पर अंकुश लगा है। प्लांट में श्रमिकों के खिलाफ़ चल रही गलत गतिविधियों को काबू में किया जा रहा है।
प्लांट के अंदर काम के दौरान, आने वाली समस्याओं के बारे में कई श्रमिकों ने पदाधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखी। यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि हम सभी मिलकर आने वाले दिनों में इन समस्याओं के खिलाफ़ लड़ेंगे। पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि समय-समय पर श्रमिकों के अधिकारों के अतिक्रमण होने पर वे मारूती-सुजुकी प्रबंधन, जिला श्रम उपायुक्त तथा श्रम उपायुक्त, चंडीगढ़ को भी अवगत कराते रहे हैं।
सभा में उपस्थित श्रमिकों ने सर्वसम्मति से माना कि मानेसर प्लांट में मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन ही एकमात्र यूनियन है, जो श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करती है और उनके हक में आवाज़ बुलंद करती है।
इस सभा में उपस्थित सदस्यों ने मुकु के उस सक्रिय कार्यकर्ता का स्वागत किया, जिन्होंने हाल ही में मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने कहा कि वे ऐसे यूनियन के साथ खड़ा होना पसंद करेंगे, जो श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने में सदैव तत्पर रहे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रबंधकों का ऐसा यूनियन जिसका अब कोई आधार नहीं, उसका चुनाव कराना हास्यास्पद है।
यूनियन के अध्यक्ष सोनू गुर्जर ने मजदूर एकता लहर को बताया कि प्रबंधन हमारी एकता को तोड़ने का काफी प्रयास कर रहा है। यूनियन भी उसका उचित तरीके से जवाब देगा। हमने श्रमिकों के हितों और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए नया यूनियन बनाने का प्रस्ताव रखा है, यह हमारा अधिकार है। प्रबंधन को श्रमिकों के इस अधिकार का अतिक्रमण बिल्कुल नहीं करना चाहिए। प्रबंधन की किसी भी चाल को हम अपनी एकता और अनुशासन से नाकामयाब करके दिखा देंगे। हम श्रमिक हैं, प्लांट हमारी रोजी-रोटी का आधार है। जब हमारे ऊपर शोषण-जुल्म होता है, तभी हम हड़ताल जैसा कठोर कदम उठाते हैं। प्लांट के अंदर अराजकता का माहौल सदैव श्रमिकों के खिलाफ़ और प्रबंधकों के पक्ष में जाता है।
3 घंटे से ज्यादा चली यूनियन की इस सभा को लोकतांत्रिक पद्धति से चलाया गया। अंत में श्रमिकों के सभी पदाधिकारियों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर अपनी मजबूत और फौलादी एकता को श्रमिकों के सामने प्रदर्शित किया।