सरकार नरेगा के मजदूरों की मांग मानने को मजबूर

राजस्थान के नरेगा मजदूरों, जो 2 अक्तूबर से जयपुर के सिटी सर्कल पर धरना दे रहे थे, को आखिर में जीत मिली। राज्य सरकार ने उनकी मांगों को मानते हुये लिखित में समझौता किया है। इन मांगों में यह मांग शामिल है कि महात्मा गांध

राजस्थान के नरेगा मजदूरों, जो 2 अक्तूबर से जयपुर के सिटी सर्कल पर धरना दे रहे थे, को आखिर में जीत मिली। राज्य सरकार ने उनकी मांगों को मानते हुये लिखित में समझौता किया है। इन मांगों में यह मांग शामिल है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत वेतन दर को राज्य के न्यूनतम वेतन दर के साथ जोड़ा जाये और इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ा जाये। अब मजदूरों के वेतन मुद्रास्फीति के अनुसार, समय-समय पर संशोधित किये जायेंगे। इसके अलावा अब इन मजदूरों का पंजीकृत यूनियन भी होगी।

इसके अलावा राज्य सरकार ने वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 के अनुसार, समय पर वेतन न पाने वाले मजदूरों को मुआवज़ा देने की सहमति दी है। श्रम विभाग यह सुनिश्चित करने के लिये एक अफसर को नियुक्त करेगा, कि वेतन पाने में देर होने पर मजदूरों को 1500 से 3000 रुपये तक काम का मुआवज़ा मिलेगा, ऐसा नरेगा मजदूरों के नेताओं ने बताया।

इसी तरह सरकार ने ये आश्वासन दिया है कि टौंक जिले के गुडलिया गांव में नरेगा मजदूरों को एक रुपया वेतन देने वाले दोषी अफसरों के खिलाफ़ कार्यवाही की जायेगी। इसी घटना की वजह से पूरे राजस्थान में यह आंदोलन शुरू हुआ।

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *