महंगाई के खिलाफ़ मजदूरों का प्रदर्शन

23 जून, 2011 को दिल्ली के विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से महंगाई के खिलाफ़ विरोध दिवस मनाते हुये, जंतर-मंतर पर धरना दिया। कांग्रेस नीत संप्रग सरकार से पेट्रोल-डीजल तथा अन्य जरूरी सामग्रियों की कीमतों को कम करने की मांग की गई।

महंगाई के खिलाफ़ पूरे देश में विरोध दिवस के अवसर पर देश के अलग-अलग औद्योगिक केन्द्रों, राजधानियों तथा वित्तीय केन्द्रों में मजदूरों ने महंगाई के खिलाफ़ बड़े-बड़े जुलूस और प्रदर्शन आयोजित किये।

धरने को संबोधित करते हुए, मजदूर एकता कमेटी की तरफ से बिरजू नायक ने कहा कि महंगाई आज चरमसीमा पर है। लोग महंगाई से जूझ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस नीत का पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस व केरोसीन का दाम बढ़ाना देश के लोगों के हितों के खिलाफ़ है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था पूंजीवादी है। सरकार की हरेक नीति पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रखकर बनायी जाती है। देश के प्राकृतिक साधनों से लेकर लोगों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से बनाये गये सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण करके सरकार उन्हें पूंजीपतियों को सौंप रही है। पहले दिल्ली में दिल्ली विद्युत बोर्ड का निजीकरण किया गया। अब दिल्ली जल बोर्ड को निजीकरण करने पर तुली हुई है, ताकि पूंजीपति पानी जैसी प्राकृतिक साधन, जिस पर लोगों का अधिकार है, उससे मुनाफा कमा सके। पिछले 60 वर्षों का अनुभव यही दिखाता है कि अपने देश के पूंजीपति इतने अमीर हमें लूटते-लूटते हो गए, कि अब दुनिया के पूंजीपतियों के बराबर टक्कर लेने लगे हैं जबकि देश के श्रमिक वर्ग अपनी कठिन हालतों से निकलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हम वर्तमान पूंजीपतियों के राज की कड़ी निंदा करते हैं, जो देश के लोगों के प्रति जवाबदेह नहीं है। सरकार चाहे संप्रग की हो या राजग की या किसी और पार्टी की, वह पूंजीपतियों के हित में ही काम करती रही है। हमारे संघर्ष का उद्देश्य होना चाहिये मजदूर वर्ग का राज स्थापित करना।

सभी ट्रेड यूनियनों के वक्ताओं ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों को बढ़ाना घोर निंदनीय है, ऐसे में जब महंगाई से देश के लोग पहले से त्रस्त हैं। उन्होंने बढ़ी हुई कीमत को तुरंत वापस लेने और भविष्य में इनकी कीमत न बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल तथा एलपीजी की कीमतों में वृद्धि से जरूरी खाद्य सामग्रियों की कीमतों में वृद्धि होती है, जिससे लोगों के जीवनस्तर और रहन-सहन पर बुरा असर पड़ रहा है।

इस धरने में मजदूर एकता कमेटी, आई.एन.टी.यू.सी., ए.आई.टी.यू.सी. सी.आई.टी.यू., ए.आई.यू.टी.यू.सी., ए.आ.ई.सी.सी.टी.यू., यू.टी.यू.सी., टी.यू.सी.सी. शामिल हुए।

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *