पाकिस्तान में जारी अमरीकी ड्रोन विमान हमलों की कड़ी निंदा करें!

20 जून, 2011को अमरीकी ड्रोन विमानों ने उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के एक घर और गाड़ी पर मिसाइल से हमला किया जिसमें कम से कम 11व्यक्तियों की मौत हुई। उसी दिन उत्तरी वज़ीरिस्तान के प्रमुख शहर मिरन शाह पर ड्रोन विमान हमलों के खिलाफ 1000 से भी अधिक आदिवासियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने “अमरीका मुर्दाबाद” के नारे लगाये और प्रण लिया कि जब तक मिसाइल हमले रोके नहीं जाते, तब तक वे अ

20 जून, 2011को अमरीकी ड्रोन विमानों ने उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के एक घर और गाड़ी पर मिसाइल से हमला किया जिसमें कम से कम 11व्यक्तियों की मौत हुई। उसी दिन उत्तरी वज़ीरिस्तान के प्रमुख शहर मिरन शाह पर ड्रोन विमान हमलों के खिलाफ 1000 से भी अधिक आदिवासियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने “अमरीका मुर्दाबाद” के नारे लगाये और प्रण लिया कि जब तक मिसाइल हमले रोके नहीं जाते, तब तक वे अपने प्रदर्शन जारी रखेंगे।

2 मई की कार्यवाही, जिसमें ओसामा बिन लादिन को तथाकथित मार दिया गया था, इसके पश्चात अमरीका ने पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी आदिवासी इलाकों पर ड्रोन विमानों से हमले बढ़ा दिये हैं। अधिकतर हमले वज़ीरिस्तान के उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में हुये हैं जबकि हाल के हमले कुर्रम में भी किये गये हैं, तथाकथित तालिबान और अल-कायदा के लड़ाकों के खिलाफ़।

8जून को उत्तरी वज़ीरिस्तान में अमरीकी मिसाइल हमलों में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई थी। हमले दो ड्रोन विमानों से और एक दूसरे से मिनटों के अंतर में किये गये थे। इनमें से दो मिसाइलें गाडि़यों पर लगी और एक पास के आंगन में। हमले अफग़ानिस्तान सीमा समीप शवाल पहाड़ी इलाके में जोयनराय गांव में किये गये थे। दक्षिणी वज़ीरिस्तान में किये गये हमलों, जिसमें 18 लोगों की मौत हुयी थी, उसके दो दिन के बाद ही यह हमला किया गया।

अमरीका ड्रोन विमान द्वारा हमलों की पुष्टि नहीं करता है। परन्तु सी.आई.ए. तथा अमरीकी सेना के सिवाय ऐसी कोई ताकते नहीं हैं जो इस इलाके में बिना चालक (ड्रोन) विमानों का इस्तेमाल करती है।

अमरीका को पाकिस्तान में ऐसे सैनिक हमले करने का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्तान की जनता ऐसे हमलों के खिलाफ़ हैं। पाकिस्तान की संसद ने मिसाइल हमलों का अंत करने का प्रस्ताव पारित किया है, परन्तु अमरीका ने उसे नज़रअंदाज किया है।

अमरीकी ड्रोन विमानों से अंधाधुंध किये गये हमले पाकिस्तान की संप्रभुता का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन हैं। ऐसे हमलों के लिये अमरीका सभी शांति प्रिय लोगों की भत्र्सना का पात्र है।

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