हड़ताली मारुती-सुजुकी मजदूरों के साथ भाईचारे का ज़ोरदार प्रदर्शन

हरियाणा के जिला गुड़गांव स्थित मानेसर की अलग-अलग फैक्टरियों के हज़ारों मजदूरों ने 9 जून, 2011 को मानेसर में मारुती-सुजुकी प्लांट के गेट पर हड़ताली मजदूरों के साथ भाईचारा दर्शाने के लिए एक जोशपूर्ण धरना आयोजित किया।

हरियाणा के जिला गुड़गांव स्थित मानेसर की अलग-अलग फैक्टरियों के हज़ारों मजदूरों ने 9 जून, 2011 को मानेसर में मारुती-सुजुकी प्लांट के गेट पर हड़ताली मजदूरों के साथ भाईचारा दर्शाने के लिए एक जोशपूर्ण धरना आयोजित किया।

8 जून, 2011 को स्थानीय ट्रेड यूनियनों की सभा में गठित “ज्वाइंट एक्षन कमिटी फार सोलिडैरिटी विद मारुती वर्कर्स” द्वारा यह धरना आयोजित की गयी थी। मारुती-सुजुकी प्लांट के 2000 मजदूर 4जून से टूल डाउन हड़ताल पर हैं। वे अपने यूनियन मारुती-सुजुकी एम्प्लाइज़ यूनियन की मान्यता की मांग को लेकर और अपने बहुत शोषक काम के हालात व कम वेतन के खिलाफ़ संघर्ष कर रहे हैं। प्लांट में सारा उत्पादन ठप्प हो गया है।

अधिकतम मजदूर हड़ताल में शामिल हैं, जिससे यह साबित होता है कि मजदूर नए यूनियन को ही अपना यूनियन मानते हैं। परन्तु मारुती-सुजुकी मैनजमेंट ने इस यूनियन को मान्यता देने से इनकार कर दिया है और हड़ताल को “गैर कानूनी” करार दिया है, यह बहाना देकर कि “गैर मान्यता प्राप्त” यूनियन ने हड़ताल को आयोजित किया है! 11 मजदूरों को निलंबित किया गया है। मैनजमेंट ने पानी-बिजली की सप्लाई काट दी है और कैंटीन को बंद कर दिया है, ताकि मजदूरों को संघर्ष छोड़ने को मजबूर किया जा सके। जो मजदूर बाहर जाता है, उसे अन्दर नहीं आने दिया जाता है। पर इन तानाशाही कदमों से मजदूरों का संकल्प और बढ़ गया है। अपने हाथों में बैनर लेकर और तनी मुट्ठियों के साथ, उन्होंने गेट के बाहर भाषण दे रहे दूसरे फैक्ट्रियों के मजदूरों का स्वागत किया। मजदूरों ने मांग की है कि पहले की मांगों के साथ-साथ मैनेजमेंट निलंबन के आदेश को फ़ौरन वापस ले और लिख कर दे कि मजदूरों को उत्पीडि़त नहीं किया जाएगा।

प्लांट के गेट पर बहुत ही जोशीला दृश्य था। अलग-अलग कंपनियों की विभिन्न यूनियनों के 40 से अधिक नेता धरने पर बैठे थे। हरेक नेता ने मजदूरों के समर्थन में भाषण दिया। हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी और मजदूर एकता कमेटी की ओर से मजदूरों को समर्थन देते हुए, प्रकाश राव ने एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने मारुती के मजदूरों के समर्थन में गुड़गाँव-मानेसर क्षेत्र के ट्रेड यूनियनों की ज्वाइंट एक्शन कमिटी के काम को सराहा। संतोष कुमार ने लोक राज संगठन की ओर से मजदूरों को समर्थन दिया। एटक के का.सचदेवा ने यह वादा किया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियन मारुती-सुजुकी मजदूरों के संघर्ष को अपना संघर्ष मानकर उसे उठायेंगे। सीटू के का.सतबीर सिंह और होंडा के सुरेश गौड़ ने भी रैली को संबोधित किया। हीरो-होंडा, हिताची, ओमैक्स, रीको, सत्यम कंपोनेंट और अनेक अन्य फैक्ट्रियों के नेताओं ने भाईचारे के सन्देश दिए। धरना और सभा का संचालन का.अनिल कुमार ने किया।

जैसे-जैसे शिफ्ट खत्म हुए, दूसरे प्लांटों के मजदूर बसों में या पैदल चलकर, संगठित तरीके से धरने पर पहुंचे। धरने में बैठने से पहले उन्होंने गेट के पीछे खड़े मारुती मजदूरों के साथ भाईचारा प्रकट करते हुए नारे लगाए। 9 जून के कार्यक्रम ने यह दिखाया कि गुड़गाँव-मानेसर के मजदूरों के बीच सच्ची एकता है, जो एकता 2005 के होंडा मजदूरों के प्रबल संघर्ष और 2009 के रीको मजदूरों के संघर्ष के दौरान बनी है। इन विजयी संघर्षों ने मजदूरों को कई अहम् सबक सिखाये हैं, जैसे कि विभिन्न पराजयों से भी उन्होंने नकारात्मक मिसालों से कई सबक सीखे हैं। इस क्षेत्र के मजदूर जुझारू हैं। यह संभव है कि अगर मारुती-सुजुकी मैनेजमेंट मजदूरों की मांगों को नहीं मानती है तो गुड़गाँव-मानेसर क्षेत्र के लाखों मजदूर सड़क पर उतर आयेंगे। 9 जून के शांतिपूर्ण धरने का यही सन्देश था।

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी मारुती-सुजुकी मजदूरों के जायज़ संघर्ष का पूरा समर्थन करती है और ज्वाइंट एक्शन कमिटी द्वारा आयोजित भाईचारे की कार्यवाहियों की सराहना करती है। धरने में भाग लेने वाले मजदूरों के बीच, मारुती-सुजुकी के मजदूरों के साथ भाईचारा प्रकट करते हुए हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की तरफ से जारी, पर्चे की हज़ारों प्रतियाँ बांटी गयीं।

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