ह्युंडाय मोटर्स इंडिया लिमिटेड (एच.एम.आई.एल.) के मज़दूरों और प्रबंधन के बीच संघर्ष और तीखा हो गया है।
ह्युंडाय मोटर्स इंडिया लिमिटेड (एच.एम.आई.एल.) के मज़दूरों और प्रबंधन के बीच संघर्ष और तीखा हो गया है।
याद होगा कि संघर्षशील यूनियन, ह्युंडाय मोटर्स एम्प्लोईज़ यूनियन (एच.एम.आई.ई.यू.) के कई संघर्ष करने के बावजूद, कंपनी ने इसे मान्यता देने से इनकार किया है। तामिलनाडू के श्रम आयुक्त के सामने कई आश्वासनों के बावजूद, प्रबंधन ने 32 निलंबित मज़दूरों को वापस काम पर नहीं रखा है। अब प्रबंधन ने किसी दूसरी यूनियन को मान्यता दे दी है।
एच.एम.आई.ई.यू. के मज़दूरों ने हड़ताल की सूचना दे दी है और मांग की है कि यूनियन की मान्यता गुप्त मतदान से की जानी चाहिये।
एच.एम.आई.एल. के चेन्नई के समीप दो कारखाने हैं जिनमें कुल मिला कर प्रति वर्ष छः लाख कार बनाने की क्षमता है। इसमें करीब 1870 स्थायी मज़दूर हैं और हजारों दूसरे मज़दूरों को अस्थायी, प्रशिक्षणार्थी या ठेका मज़दूरों के दर्जे में रखा गया है।