महाराष्ट्र में पुणे के समीप रंजनगांव में स्थित, व्हील्स इंडिया के मज़दूर अपने वेतन में बढ़ोतरी, नियमित नौकरी और स्थायी तरीके के काम में लगाये ठेके के मज़दूरों के लिये बराबरी के वेतन की मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
महाराष्ट्र में पुणे के समीप रंजनगांव में स्थित, व्हील्स इंडिया के मज़दूर अपने वेतन में बढ़ोतरी, नियमित नौकरी और स्थायी तरीके के काम में लगाये ठेके के मज़दूरों के लिये बराबरी के वेतन की मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
हड़ताल 11 मार्च, 2011 को शुरू हुई। मज़दूरों की यूनियन ने एक मांगपत्र पेश किया था जिसमें सभी मज़दूरों, नियमित मज़दूर और ठेका मज़दूर, दोनों की मांगें थीं। हड़ताल पर उतरने का कारण था कि
प्रबंधन ने 1970 के ठेका मज़दूर (नियंत्रण एवं उन्मूलन) कानून का उल्लंघन करके, ठेका और प्रशिक्षणार्थी मज़दूरों को नियमित मज़दूरों के साथ एक ही असेम्बली लाईन पर लगाया था। व्हील्स इंडिया के मज़दूर मांग कर रहे हैं कि कंपनी को ठेका मज़दूर कानून के संवैधानिक प्रावधानों का पालन करना चाहिये। रंजनगांव, पुणे के व्हील्स इंडिया कारखाने में 159 नियमित मज़दूर हैं और 800 से भी अधिक ठेका व प्रशिक्षणार्थी मज़दूर हैं।
मज़दूर उत्पादकता से जुड़े मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।
प्रबंधन मज़दूर-विरोधी हरकतें करता आया है। उसने मज़दूरों को अलग अलग पदों पर नियुक्त किया है, ताकि उन्हें सामूहिक सौदेबाजी और यूनियन के काम से दूर रखा जा सके। मज़दूरों ने ऐसी प्रथा को खत्म करने की मांग की है।
व्हील्स इंडिया कारों, यूटिलिटी गाडि़यों, ठेलों, बसों, ट्रेक्टरों और निर्माण उपकरणों के लिये इस्पात के पहिये बनाता है। व्हील्स इंडिया देश की जरूरत का दो-तिहाई हिस्सा पूरा करता है, और उसके पूरे कारोबार का 18 प्रतिशत उत्तरी अमरीका, यूरोप, एशिया पैसिफिक और दक्षिण अफ्रीका को निर्यात किया जाता है। इसके ग्राहकों में देश-विदेश की प्रमुख कार व बड़ी गाडि़यों के निर्माता हैं जैसे कि कैटरपिलर, कोमात्सू, वोल्वो, जे.सी.बी., हिन्दोस्तान मोटर्स, लार्सन एण्ड टूब्रो, ह्युंडाय और मित्सूबीशी। पूणे के अलावा, कंपनी के दूसरे कारखाने तामिलनाडु में पाडी और श्रीपेरुम्बुदूर में, उत्तर प्रदेश में रामपुर में, हरियाणा में बवाल में और झारखंड में पंत नगर में मौजूद हैं।