मारुती सुजुकी के मजदूरों के जायज संघर्ष का समर्थन करें!

मारुती सुजुकी के मजदूर मैनेजमेंट द्वारा चलाये जा रहे यूनियन की जगह पर अपना यूनियन बनाने के अधिकार के लिए हड़ताल पर गए हैं। मजदूर अपने काम की बदतर हालातों में सुधार के लिए, वेतन वृद्धि और अन्य जायज मांगों के लिए भी हड़ताल कर रहे हैं। कंपनी के सारे मजदूर, स्थाई, कैजुअल और प्रषिक्षणार्थी, इस संघर्ष में एकजुट हैं।

जून, 2011 के दोपहर से मानेसर स्थित मारुती सुजुकी प्लांट में हजारों मजदूर हड़ताल पर हैं, जिसके कारण फैक्टरी में सारा उत्पादन ठप्प पड़ा है।

मारुती सुजुकी के मजदूर मैनेजमेंट द्वारा चलाये जा रहे यूनियन की जगह पर अपना यूनियन बनाने के अधिकार के लिए हड़ताल पर गए हैं। मजदूर अपने काम की बदतर हालातों में सुधार के लिए, वेतन वृद्धि और अन्य जायज मांगों के लिए भी हड़ताल कर रहे हैं। कंपनी के सारे मजदूर, स्थाई, कैजुअल और प्रषिक्षणार्थी, इस संघर्ष में एकजुट हैं।

 7 जून, हड़ताल के चैथे दिन तक, मैनेजमेंट ने 11 मजदूरों को निलंबित कर दिया है। मजदूरों को फैक्टरी गेट पर हड़ताल-प्रदर्शनकरने से रोकने के लिए, मैनेजमेंट ने मजदूरों को गेट के अन्दर पार्क में बंद रखने का फासीवादी कदम उठाया है। प्लांट के अन्दर बंद मजदूरों को खाना, पानी, बिजली और शौच सुविधाओं से वंचित रखा गया है। मजदूरों के साथ समर्थन प्रकट करने वाले गेट के पास खड़े किसी भी व्यक्ति के हाथ-पैर तोड़ने के आदेष देकर मैनेजमेंट ने बाउंसर लगा रखे हैं।

इससे पहले नवम्बर 2000 और जनवरी 2001 के बीच, मारुती सुजुकी में हड़ताल हुयी थी। उसके बाद मैनेजमेंट ने अपने द्वारा समर्थित यूनियन की मदद से, मजदूरों पर हमले बढ़ा दिए हैं। उत्पादन टार्गेट पूरा करने के लिए मजदूरों को जो इंसेंटिव मिलना चाहिए उन्हें किसी न किसी बहाने रोक दिया जाता है। अगर रिलीवर नहीं आता है तो मजदूर को 16 घंटे लगातार काम करने को मजबूर किया जाता है। अगर कोई मजदूर ओवर टाइम करने से इनकार करता है तो उसे गाली-गलौच सुनना पड़ता है।

इस मानेसर प्लांट में प्रतिदिन 1200 गाडि़याँ – एस.एक्स. 4, दीजायर सेडान, स्विफ्ट और ए स्टार हैचबैक – उत्पादित होती हैं। हड़ताल की वजह से यह सारा उत्पादन ठप्प पड़ा है। पर मजदूर मैनेजमेंट के क्रूर हमलों और निलंबन के कदमों से न डरकर संघर्ष को आगे ले जा रहे हैं। उन्होंने यह फैसला किया है कि तब तक संघर्ष करते रहेंगे जब तक उनके यूनियन को मान्यता नहीं दी जाती, निलंबित मजदूरों को वापस नहीं लिया जाता और बाकी सारी मांगों पर चर्चा नहीं होती।

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी मारुती सुजुकी के मजदूरों के इस जायज़ संघर्ष का पूरा समर्थन करती है। यूनियन बनाना मजदूरों का मूल अधिकार है और मैनेजमेंट मजदूरों को इस अधिकार से वंचित नहीं कर सकता। मैनेजमेंट इस हड़ताल को “गैर कानूनी” बता रही है पर हड़ताल करना मजदूरों का अधिकार है। मैनेजमेंट मजदूरों के अधिकारों को छीनने और उन्हें अपना यूनियन बनाने से रोकने के लिए कठोर तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है। पूरे मानेसर-गुड़गाँव क्षेत्र में और पूरे देश में यही हालत है। अतः पहले की तरह, मानेसर-गुड़गाँव के मजदूरों और पूरे देश के मजदूरों की यह जिम्मेदारी है कि बहादुरी से आगे आकर मारुती-सुजुकी के मजदूरों के जायज़ संघर्ष का समर्थन करें।

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी द्वारा जारी, 8 जून, 2011

मारुती सुजुकी के मजदूरों के जायज संघर्ष के समर्थन में: मजदूर एकता कमेटी, लोक राज संगठन, हिन्द नौजवान एकता सभा

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