व्यवस्था परिवर्तन की जरुरत

संपादक महोदय,“पश्चिम बंगाल में चुनाव: बंगाल में व्यवस्था परिवर्तन के जरूरत!”, 17 अप्रैल, 2011 को छपे इस बेहद सामयिकी और सटीक बयान के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। यह बयान ऐसे वक्त छापा गया है जब पश्चिम बंगाल राज्य में करीब 35 वर्षों से वाम मोर्चा राज कर रहा है। यह एक महत्वपूर्ण बयान है जिसमें बंगाल में होने वाले चुनाव का विश्लेषण किया गया है और इस बात को स्पष्ट़ किया गया है और य

संपादक महोदय,“पश्चिम बंगाल में चुनाव: बंगाल में व्यवस्था परिवर्तन के जरूरत!”, 17 अप्रैल, 2011 को छपे इस बेहद सामयिकी और सटीक बयान के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। यह बयान ऐसे वक्त छापा गया है जब पश्चिम बंगाल राज्य में करीब 35 वर्षों से वाम मोर्चा राज कर रहा है। यह एक महत्वपूर्ण बयान है जिसमें बंगाल में होने वाले चुनाव का विश्लेषण किया गया है और इस बात को स्पष्ट़ किया गया है और यदि तृणमूल-कांग्रेस मोर्चा सत्ता में आता है तब किस तरह के “बदलाव” आ सकता है।

यह ऐसा बदलाव होगा जो सरमायदार चाहते हैं जिसमे सरमायदारी पार्टियों के एक मोर्चा जो कि बदनाम हो चुका है, की जगह सरमायदारी पार्टियों का दूसरा मोर्चा सत्ता में आएगा और सरमायदारों की सेवा करेगा।

भूख, बेरोजगारी और अनिश्चित भविष्य की समस्या को हल करने के लिए क्या बंगाल के लोग इस तरह का बदलाव चाहते है? या उन्हें एक अलग ही तरह के बदलाव की जरूरत है – क्या ये अहम सवाल हल होंगे?

यह बयान स्पष्ट करता है अंग्रेजों द्वारा बनाये गए प्रतिनिधित्व जनतंत्र के ढांचे पर आधारित वर्तमान व्यवस्था में बुनियादी तौर पर बदलाव इंकलाब के बगैर संभव नहीं है।

यही वह व्यवस्था है जिसका सी.पी.एम ने पोषण किया है, उसकी रक्षा करने में महारत हासिल की है, और आज सबसे बड़ी और मजबूत समर्थक बनकर सामने आई है, जो व्यवस्था बड़ी सरमायदार हितों की रक्षा करती है। सी.पी.एम का रास्ता इंकलाब के साथ गद्दारी का रास्ता रहा है, जिसमें वह आज खुद ही फंस गया है। बयान में यह भी बताया गया है कि सी.पी.आई, (माओवादी) सी.पी.एम के साथ दुश्मनी के चलते टी.एम.सी. और कांग्रेस को समर्थन देने को तैयार है। इन पार्टियों के हरकतों की वजह से कम्युनिज़्म की बदनामी हुई है।

इसके ठीक विपरीत, कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी ने साफ़ तौर से बताया है कि चुनाव के दौरान कम्युनिस्टों की क्या भूमिका होनी चाहिए, उनका काम है वर्ग संघर्ष और श्रमजीवी क्रांति को आगे बढ़ाना। इस मामले में मैं कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के कार्य की सराहना करता हूँ। आइये हम सब हिन्दोस्तान के नवीकरण के लिए मिलकर काम करें ताकि लोग खुद अपनी तकदीर के मालिक हों।

सरमायदारों के साथ समझौते की लाईन मुर्दाबाद!

सी.पी.आई (एम) और वाम मोर्चे की लाईन मुर्दाबाद!

टी.एम.सी. और कांग्रेस गठबंधन मुर्दाबाद!

इन्कलाब को सफल बनायें! असली परिवर्तन लाये!

आपका,

ए. नारायण, बेंगलूरु

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