दुनिया भर में करोड़ों मजदूरों ने मई दिवस मनाया

1 मई, 2011 को दुनिया भर में करोड़ों मजदूर पूंजीवादी व्यवस्था की नाइंसाफ़ी के खिलाफ़ सड़कों पर उतर आये और एक नयी दुनिया बनाने का फैसला लिया, जहाँ मानव द्वारा मानव का शोषण नहीं होगा।

लंदन (ब्रिटेन) में दसों हज़ारों मजदूरों ने कलेरकेनवेल्ल ग्रीन पर स्थित मार्क्स की समाधि से ट्राफलगर चैराहे तक एक रैली निकाली। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय रैली थी जिसमें ईरानी, तुर्की, हिन्दोस्तानी, श्रीलंका

1 मई, 2011 को दुनिया भर में करोड़ों मजदूर पूंजीवादी व्यवस्था की नाइंसाफ़ी के खिलाफ़ सड़कों पर उतर आये और एक नयी दुनिया बनाने का फैसला लिया, जहाँ मानव द्वारा मानव का शोषण नहीं होगा।

लंदन (ब्रिटेन) में दसों हज़ारों मजदूरों ने कलेरकेनवेल्ल ग्रीन पर स्थित मार्क्स की समाधि से ट्राफलगर चैराहे तक एक रैली निकाली। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय रैली थी जिसमें ईरानी, तुर्की, हिन्दोस्तानी, श्रीलंकाई, और कई अन्य राष्ट्रों के मजदूरों के जत्थों ने हिस्सा लिया और पूरे रैली में इंकलाबी नारे लगाते रहे। रैली में मुख्य नारे थे – “हमें दुनिया बदलनी है!”, “पूंजीवाद नाकाम है, मजदूरों का इंकलाब एकमात्र हल है!”, “नौकरियां बचाओ, बैंकों को नहीं!”, “लोगों का कल्याण चाहिए, जंग नहीं चाहिए!”, “संकट के लिए पूंजीपतियों से कीमत वसूल करो!”, “विकल्प के लिए संघर्ष करो!”, “अमीरों को पैसे देना बंद करो!”,

ब्रिटेन में मई दिवस

फ्रांस में पेरिस, मारसै, ल्योन, टूलौस सहित 200 अन्य जगहों पर लाखों लोग मई दिवस मनाने के लिए सड़कों पर उतर आये। प्रदर्शनकारी बेरोजगारी की ऊँची दर, जो कि 8.30 से ऊपर गयी है और सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरियों में कटौती के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे थे।

स्ट्रासबौर्ग, फ्रांस में रैली

इटली, बुल्गारिया, पुर्तगाल – इटली में टूरिन के नजदीक फीयात कंपनी के हेडक्वाटर और रोम और अन्य शहरों में जंगी मोर्चे निकाले गए। बुल्गारिया में सरकारी खर्च में कटौती के खिलाफ़ मई दिवस पर रैलियां निकाली गयी जिसमें हज़ारों मजदूरों ने हिस्सा लिया। पुर्तगाल में आर्थिक बेल-आउट योजना के तहत यूरोपीय संघ और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) द्वारा थोपी गयी शर्तों के मुताबिक सरकार द्वारा लगाये जाने वाले कटौतियों के खिलाफ दसों हज़ारों लोगों ने प्रदर्शन किया।

ग्रीस में सरकार द्वारा खर्चे में कटौती के खिलाफ़ प्रदर्शन करते हुए हजारों लोग सड़कों पर उतर आये।

ग्रीस

जर्मनी के तमाम बड़े और छोटे शहरों में मई दिवस पर निकाले गए प्रदर्शनों में 5लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। बर्लिन के 12000 लोगों ने एक जंगी प्रदर्शन में हिस्सा लिया और बर्लिन और हमबर्ग में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से टक्कर ली। प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर थे जिसमें लिखा था “आक्रोश का दिन और पूंजीवाद के खिलाफ़ जागतिक सामाजिक क्रांति” के लिए आह्वान कर रहे थे! मई दिवस की पूर्व-संध्या (30 अप्रैल, 2011) को फासीवाद-विरोधी और नव-नाजियों के बीच जबरदस्त झड़पें हुईं। फासीवादी संगठन एन.पी.डी. द्वारा आयोजित एक जुलूस जिसमें सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 200 लोग शामिल थे, उनके खिलाफ़ 4000 फासीवाद-विरोधी लोगों ने प्रदर्शन किया। जबकि स्टूटगार्ट में कुछ सौ नव-फासीवादियों के खिलाफ 5000 फासीवाद-विरोधी लोगों ने प्रदर्शन किया।

जर्मनी में रैली                जर्मनी  बर्लिन

स्पेन में जहाँ बेरोजगारी यूरोपीय इलाके में सबसे ज्यादा 21.3 प्रतिशत है, हजारों लोग पूर्वी बंदरगाह शहर वालेंसिया में जमा हुए और नए रोजगार पैदा करने में सरकार की नाकामी के खिलाफ प्रदर्शन किया।

स्पेन

मोस्को शहर में 5000 मजदूरों ने एक जूलूस निकाल कर लाल झंडे लहराते हुए मई दिवस मनाया। ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, और यूरोप के अन्य देशों में कई शहरों में मई दिवस की रैलियां निकाली गयी।

इस्तांबुल, तुर्की के तकसीम चैराहे पर 1977 से आज तक की सबसे बड़ी रैली निकाली गयी जिसमें 2 लाख मजदूरों ने हिस्सा लिया। 1977 की रैली के दौरान हुए गोलीबारी और भगदड़ में 34 मजदूरों की जान गयी थी। पिछले साल तक तुर्की में यूनियनों को इस चैराहे पर कोई भी रैली निकालने की मनाही थी। रैली के दौरान मजदूरों ने रोजगार, काम के बेहतर हालात, और अधिक वेतन की मांग की और पूंजीवादी शोषण की व्यवस्था को खत्म करने का फैसला लिया।

तकसीम चैराहा, इस्तांबुल, तुर्की

सिओंल, दक्षिण कोरिया में आयोजित मई दिवस प्रदर्शनों में दसों हजारों मजदूरों ने हिस्सा लिया। खाद्यान और अन्य जरूरत की चीजों की दामों में कटौती यह एक मुख्य मांग थी। होंगकोंग, ताइवान, और फिलीपिंस में भी हजारों मजदूरों ने मई दिवस प्रदर्शनों में जोरदार हिस्सा लिया। जकार्ता समेत इंडोनेशिया के अन्य शहरों में विशाल मई दिवस प्रदर्शन आयोजित किये गए।

 

मई दिवस, जकार्ता, इंडोनेशिया          काराकास, वेनेजुएला

कनाडा में ओट्टावा, मोंट्रियल, हलिफाक्स, विंडसर, एडमोंटन, वैनकोवर, और टोरोंटो समेत कई शहरों में मई दिवस पर रैलियां निकाली गयी। टोरोंटो में दो मुख्य कार्यक्रम आयोजित किये गए – प्रवासी मजदूरों के खिलाफ हमलों के खिलाफ “कोई भी गैरकानूनी नहीं” प्रदर्शन, और मई दिवस प्रदर्शन जिसमें सामाजिक सेवाओं पर खर्चों में सरकार द्वारा कटौती, और मजदूरों के संगठित होने के हक पर हमले की निंदा की गयी। ओटावा की रैली में वक्ताओं ने बताया कि किस तरह से कनाडा के मेनुफेक्चरिंग (उत्पादन) क्षेत्र को बर्बाद किया गया, जिसके चलते कनाडा के संसाधनों को निर्यात किया जा रहा है और लोगों के जीवन का स्तर गिर रहा है, ताकि कुछ चंद दुनिया के इजारेदार कम्पनियों के हित कायम रहे। यह पूरे देश में हो रहा है और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद मजदूरों ने जो अधिकार हासिल किये जैसे पेंशन, रोजगार की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा, सार्वजनिक सेवाएं, और हड़ताल का अधिकार, और अन्य सभी अधिकारों पर हमले किये जा रहे हैं।

ओट्टावा, कनाडा

संयुक्त राज्य अमरीका में न्यू योर्क, शिकागो, सन फ्रांसिस्को, मिल्वौकी और अन्य कई शहरों में मई दिवस रैलियां निकाली गयी।

संयुक्त राज्य अमरीका 

क्यूबा में हवाना, और वेनेजुएला, निकारागुआ और अन्य कई लाटिन अमरीकी देशों में भी विशाल मई दिवस रैलियां आयोजित की गयी।

हवाना, क्यूबा

मानागुआ, निकारागुआ

दुनिया भर में आयोजित मई दिवस प्रदर्शनों और रैलियों से दुनियाभर के मजदूरों की एकता और अपने और अन्य मेहनतकश लोगों के अधिकारों के लिए उनकी तैयारी का अंदाजा मिलता है। इसके साथ ही वह इस बात को महसूस करते हैं और विचार करते हैं कि किस तरह से पूंजीवादी व्यवस्था को खत्म करके एक नयी व्यवस्था बनाने की जरूरत है जहाँ मजदूर मेहनतकश असली मालिक होंगे और जंग, गरीबी, आभाव, और नाइंसाफी को दुनिया से खत्म किया जा सकेगा।

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