मांग पूरी नहीं हुई तो तेज़ करेंगे आंदोलन!
राजस्थान के हनुमानगढ़ में ‘किसान, मज़दूर, व्यापार संघर्ष समिति’ के बैनर तले राजस्थान की नोहर तहसील के अनेक गांवों के किसान नोहर में उपखंड अधिकारी के कार्यालय के सामने धरने पर बैठे हैं। 1 नवंबर से शुरू होकर, धरना 13 नवंबर को 13वें दिन लगातार जारी है। किसानों ने अपनी मांगों का ज्ञापन उपखंड अधिकारी को सौंपा तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री को भी भेजा। किसानों की मांग है कि सिंचाई की समस्याओं का तुरंत सामाधान किया जाना चाहिये, क्योंकि हमारी ये मांगें काफी दिनों से लंबित हैं।
इस इलाके के अनेक गांवों के किसान बारी-बारी से क्रमवार धरने पर बैठ रहे हैं। एक दिन, एक गांव के किसान धरने पर बैठते हैं तो दूसरे दिन, दूसरे गांव के। धरने में शामिल गांव हैं – रामगढ़, परलिका, गोगामेढी, ढीलकी, उज्ज्लावास, बरवाली, 24 एन.टी.आर., भूकरका, नेठराना, खचवाड़ा, भखाड़ा, सोती, अराईया वाली ढांणी और मुंसरी, आदि। इस प्रकार धरने की गतिशीलता निरंतर बनी हुई है।
विदित रहे कि किसानों ने पहले भी अपनी इन्हीं मांगों के लिये कई धरने किये, अनेक आंदोलन किये, कई ज्ञापन दिये, लेकिन प्रशासन ने उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं किया।
धरने के पहले दिन हुई सभा को कई नेताओं ने उत्साहवर्धक भाषणों से संबोधित किया। संबोधित करने वालों में शामिल हैं – लोक राज संगठन के सर्व हिन्द उपाध्यक्ष हनुमान प्रसाद शर्मा, कामरेड ओम सहू (पूर्व सरपंच), कामरेड मदन बेनीवाल (संयोजक किसान, मज़दूर, व्यापार संघर्ष समिति), जुगलाल खाती (अध्यक्ष जल उपोक्ता संगठन), रघुबीर छिंपा (पूर्व सरपंच), लक्ष्मी नारायण बेनीवाल, डाक्टर कृष्ण नोखवाल, मनीराम लकेसर और कन्हैया लाल जैन, आदि।
किसानों की मुख्य मांगें इस प्रकार से हैं:
- अमरसिंह ब्रांच में इसके हिस्से अनुसार प्रारंभ से 1998 तक चले पानी की आपूर्ति की जाये।
- अमरसिंह ब्रांच एवं इसकी वितरिकाएं एन.टी.आर., डी.पी.एन., एम.एस.आर. और बी.डी.आर., आदि की बाउंड्री निकलवाकर नहर क्षेत्र पर उगे पेड़ों को काटा जाये।
- अमरसिंह ब्रांच एवं इसकी नहरों व माईनरों की लम्बे समय से मरम्मत नहीं की गई है। अतः बजट आवंटित करके मरम्मत एवं सिल्ट की सफाई कराई जाये।
- बढ़ती पानी चोरी को राकने के लिये प्रभावी कार्यवाही की जाये, ताकि पानी चोर माफियाओं में भय पैदा हो और चोरी रुक सके।
- माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार अमरसिंह ब्रांच के शेष रहे मोघों को सही किया जाये, ताकि निर्धारित पानी से अधिक ले रहे पानी की बचत से टेल तक पानी पहुंच सके।
- मुख्य नहर में सीधे मोघे लगाने का प्रावधान नहीं है। अतः डिच माईनर निकालकर आस-पास की भूमि को सिंचाई की सुविधा दी जाये।
- पानी चोरी हेतु बने मापदंडों के विरुद्ध खालों के ऊपर की अवैध चिनाई को तोड़ा जाये।
प्रशासन ने किसानों के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिये बुलाया किन्तु यह वार्ता सफल न हो सकी। इन प्रतिनिधियों ने कहा है कि जब तक प्रशासन हमारी मांगों को मान नहीं लेता तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा और अब हम अपने आंदोलन को तेज़ करने पर विचार कर रहे हैं।