3मई, 2011 को गोरखपुर के बरगदवा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित अंकुर उद्योग लिमिटेड के मजदूरों पर मैनेजमेंट ने किराए के गुंडों से हमला कराया। हमला करके फैक्ट्री मालिक मजदूरों को सबक सिखाना चाहते थे क्योंकि उन्होंने मई दिवस की रैली में हिस्सा लिया था। गोरखपुर के पूंजीपतियों का असोसियेशन इस बात से बहुत गुस्सा था कि पूंजीपतियों के आदेश का उल्लंघन करते हुए मजदूरों ने मई दिवस की रैली में बड़े पैमाने प
3मई, 2011 को गोरखपुर के बरगदवा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित अंकुर उद्योग लिमिटेड के मजदूरों पर मैनेजमेंट ने किराए के गुंडों से हमला कराया। हमला करके फैक्ट्री मालिक मजदूरों को सबक सिखाना चाहते थे क्योंकि उन्होंने मई दिवस की रैली में हिस्सा लिया था। गोरखपुर के पूंजीपतियों का असोसियेशन इस बात से बहुत गुस्सा था कि पूंजीपतियों के आदेश का उल्लंघन करते हुए मजदूरों ने मई दिवस की रैली में बड़े पैमाने पर हिस्सा लिया था। अंकुर उद्योग के मालिकों ने 18 मजदूरों को सस्पेंड किया। जब मजदूरों ने इसका विरोध किया तो फैक्ट्री मालिकों के कहने पर किराए के गुंडों ने मजदूरों पर गोली चलाई, जिसमें कम से कम 17 मजदूर घायल हुए। इसके बाद मजदूरों ने गुंडों को फैक्ट्री में ही घेर लिया, लेकिन पुलिस ने बीच में आकर गुंडों को छुड़ाया और मजदूरों के गुस्से से उनको बचाया। पूंजीपतियों का असोसियेशन का गोरखपुर के बदनाम विधायक योगी आदित्यनाथ से करीबी सम्बन्ध है, जिसका पूरे प्रशासन पर नियंत्रण है।
इस विधायक ने मजदूरों को “माओवादी” करार देते हुए खुलकर पूंजीपतियों का साथ दिया। गोरखपुर के आयुक्त ने बयान जारी किया कि “मजदूरों को भड़काने वाले बाहर से आये लोगों को बक्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जायेगी”।
इससे पहले गोरखपुर के मजदूरों ने अपने नेता के गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 4दिनों के लिए जिला प्रशासन के काम को पूरी तरह से ठप्प कर दिया था।
किसी भी तरह के प्रदर्शन पर पाबंदी लगाने के प्रशासन के आदेश को चुनौती देते हुए गोरखपुर के मजदूरों ने 8 मई से सत्याग्रह पर बैठने का फैसला लिया है।