फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ़ इस्राइल द्वारा जंग मुर्दाबाद!

गाज़ा पर बर्बर हमले की विश्वव्यापक निंदा की परवाह किये बिना, कातिल जाउनवादी सेना, अमरीकी साम्राज्यवादियों से समर्थन पाकर, लगातार तीन हफ्तों तक फिलिस्तीनी लोगों पर हमला करती जा रही है। परन्तु अदम्य फिलिस्तीनी लोग तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुये, आत्म समर्पण करने से इंकार कर रहे हैं और अपने राष्ट्र के लिये लड़ने के संकल्प पर टिके हुये हैं।

गाज़ा पर बर्बर हमले की विश्वव्यापक निंदा की परवाह किये बिना, कातिल जाउनवादी सेना, अमरीकी साम्राज्यवादियों से समर्थन पाकर, लगातार तीन हफ्तों तक फिलिस्तीनी लोगों पर हमला करती जा रही है। परन्तु अदम्य फिलिस्तीनी लोग तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुये, आत्म समर्पण करने से इंकार कर रहे हैं और अपने राष्ट्र के लिये लड़ने के संकल्प पर टिके हुये हैं।

गाज़ा पट्टी पर कई दिनों तक लगातार बम बरसाने के बाद, इस्राइली सेना ने टैंकों के सहारे गाज़ा पर जमीनी हमला शुरु कर दिया। गाज़ा पट्टी एक छोटी सी भूमि की टुकड़ी है, जो तीनों तरफ से इस्राइल द्वारा घिरी हुई है और चौथी तरफ समुद्र है। इस छोटी सी जगह में, जो कि लगभग 40 कि.मी. लंबी और 5-8 कि.मी. चौड़ी है, 15 लाख फिलिस्तीनी लोग बेहद बुरी हालतों में जीते हैं। 2006 में गाज़ा पट्टी में हुये चुनावों में हमास जीता था और तब से इस्राइल ने अमरीकी समर्थन के साथ, उसकी सरकार को मान्यता देने से इंकार कर दिया है। फिलिस्तीनी लोगों को कुचलने के इरादे से, इस्राइल ने आर्थिक नाकेबंदी लागू की है तथा बार-बार सैनिक हमले किये हैं। जाउनवादियों ने खुलेआम ऐलान किया है कि फिलिस्तीनी सरकार को खत्म कर देना उनका इरादा है, जबकि हमास का उद्देश्य है फिलिस्तीनी लोगों की संप्रभुता व राष्ट्रीय अधिकारों को हासिल करने के लिये अमरीकी समर्थित जाउनवादियों के खिलाफ़ संघर्ष में डटे रहना।

दूसरे विश्व युध्द के पश्चात, बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादियों ने इस्राइल राज्य की स्थापना की थी। उसे एक फासीवादी राज्य बतौर स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य था उस इलाके के साम्राज्यवादी हितों की रक्षा करना। फिलिस्तीनी लोगों को अपनी भूमि से निर्ममता से विस्थापित करके इस्राइल राज्य की स्थापना की गई। उस समय से लेकर आज तक इस्राइली जाउनवादियों ने, अमरीकी साम्राज्यवादियों के पूर्ण समर्थन के साथ, उस अवैध कब्ज़े को बलपूर्वक बरकरार रखा है। फिलिस्तीनी लोग पड़ोसी राज्यों में शरणार्थियों के रूप में रहने को मजबूर हैं; उनकी अपनी कोई राष्ट्रभूमि नहीं है। साम्राज्यवादियों ने इस्राइल राज्य को भरपूर हथियारों से लैस कर रखा है। जाउनवादियों ने फिलिस्तीनी व अन्य अरब लोगों पर कई बार जंग छेड़े हैं और इस तरह उन्होंने और भी ज्यादा ज़मीन हथिया लिया है।

सीधे हमलों के अलावा, जाउनवादियों और बर्तानवी- अमरीकी साम्राज्यवादियों ने अरब लोगों को बांटने व उनके बीच दहशत फैलाने के लिये हर तरह की साजिश, धोखा-धड़ी व गंदी चाल चली है। दूसरे अरब राज्यों में बम रखे गये हैं, बेकसूर लोगों का कत्ल किया गया है और साथ ही साथ लंबे समय तक झूठा प्रचार किया गया है। अधिक से अधिक हथियारों से लैस, फासीवादी जाउनवादी राज्य के खुफिया दल अपनी आतंकवादी हरकतों के लिये बदनाम हैं। विभिन्न साम्राज्यवादी ताकतें इस्राइली जाउनवादी राज्य के इस आतंक का पूरा समर्थन करती हैं। खास तौर पर अमरीकी साम्राज्यवादियों ने, न जाने इससे पहले कितनी बार, और इस बार भी, संयुक्त राष्ट्र संघ में अपनी वीटो के अधिकार का इस्तेमाल करके दुनिया के अन्य देशों को इस्राइल के खिलाफ़ कोई कदम उठाने या उसे डांट लगाने से रोका है।

इस्राइली जाउनवादियों ने फिलिस्तीनियों के अपने राष्ट्र के अधिकार को कभी नहीं स्वीकार किया है। बहादुर फिलिस्तीनी लोगों ने भी अपने राष्ट्र के अधिकार के लिये संघर्ष को नहीं रोका है। उनके अदम्य संघर्ष को सारी दुनिया के आज़ादी पसंद लोगों का आदर व सराहना प्राप्त है। इन दिनों, दुनिया के लगभग सभी देशों में लोग फिलिस्तीनियों पर जाउनवादियों के कातिलाना हमलों को रोकने की मांग के साथ सड़कों पर उतर रहे हैं।

मजदूर एकता लहर फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण की संप्रभुता के हनन तथा फिलिस्तीनी लोगों पर वहशी हमलों के लिये इस्राइली सरकार की कड़ी निंदा करती है। हिन्दोस्तान के मेहनतकश लोग अपने बहादुर फिलिस्तीनी भाइयों के संघर्ष में उनकी फतह की शुभकामना करते हैं।

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