महाराष्ट्र के रेजिडेंट डॉक्टरों के जायज़ संघर्ष का समर्थन करें!

महाराष्ट्र के सार्वजनिक अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर अपनी जायज़ मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 25मार्च, 2011को 4बजे महाराष्ट्र के सभी सार्वजनिक अस्पतालों में काम करने वाले 4000से अधिक डॉक्टरों ने एक-दिवसीय हड़ताल की। ये डॉक्टर महाराष्ट्र असोसियेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर (मार्ड) के झंडे तले संगठित हुए हैं। रेलवे मजदूर, एयर-लाइन मजदूर, मिल मजदूर, म्यूनिसिपल मजदूर, डाक मजदूर, यूनिवर्सिटी शिक्षक,

महाराष्ट्र के सार्वजनिक अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर अपनी जायज़ मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 25मार्च, 2011को 4बजे महाराष्ट्र के सभी सार्वजनिक अस्पतालों में काम करने वाले 4000से अधिक डॉक्टरों ने एक-दिवसीय हड़ताल की। ये डॉक्टर महाराष्ट्र असोसियेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर (मार्ड) के झंडे तले संगठित हुए हैं। रेलवे मजदूर, एयर-लाइन मजदूर, मिल मजदूर, म्यूनिसिपल मजदूर, डाक मजदूर, यूनिवर्सिटी शिक्षक, और अन्य मेहनतकश लोगों के बीच रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए समर्थन जुटाने के लिए लोक राज संगठन और कामगार एकता चलवल अभियान चला रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों के मजदूर रेजिडेंट डॉक्टरों के संघर्ष के समर्थन में आगे आ रहे हैं।

रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगें हैं – सार्वजनिक अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा दिलाने के लिए अधिक वित्तीय संसाधनों का इन्तजाम, चिकित्सा कर्मचारियों के लिए सुरक्षा का इन्तजाम, ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट पढ़ाई के लिए फीस में हुयी बढ़ोतरी की वापसी, रेजिडेंट डॉक्टरों के काम के घंटों पर नियत्रंण, रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए स्वास्थ्य पोलिसी, महिला रेजिडेंट डॉक्टरों के लिये राज्य की महिला कर्मचारियों के बराबर प्रसूति की छुट्टी, इत्यादि।

कई दिनों तक सरकारी अधिकारियों के साथ समझौते की कोशिश असफल होने की वजह से रेजिडेंट डॉक्टरों को हड़ताल का यह कदम उठाना पड़ा है, क्योंकि  अधिकारियों ने कोई भी चर्चा करने से इंकार किया। हड़ताल के बाद ही अधिकारियों ने चर्चा करने की तैयारी दिखाई। अधिकारियों के साथ 29मार्च को हुई मीटिंग में उन्हें बताया गया कि चूँकि अब महाराष्ट्र विधान सभा का बजट सत्र चल रहा है इसलिए सरकार उनकी मांगों पर 8अप्रैल के बाद ही गौर करेगी।

लेकिन इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने ऐलान किया कि फीस को कम नहीं किया जायेगा। इससे डॉक्टरों में बहुत रोष है।

रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगें पूरी तरह से जायज़ हैं। मजदूर एकता लहर सरकार के डॉक्टर-विरोधी और जन-विरोधी रवैये की निंदा करती है और लोक राज संगठन द्वारा मजदूरों और अन्य मेहनतकशों के बीच रेजिडेंट डॉक्टरों के संघर्ष के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए चलाये गए अभियान का स्वागत करती है।

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