मेरे प्यारे साथियों और मजदूर एकता लहर के सभी पाठकों, हिन्दोस्तान में तथा पूरे विश्व में असुरक्षा और चिंता, आतंक, तनाव और आपसी शक का माहौल फैलाया जा रहा है। दक्षिण एशिया पर जंग के बादल मंडरा रहे हैं। यह सत्ता में बैठे साम्राज्यवादी और पूंजीवादी वर्गों का काम है, वे पूंजीवाद के गहराते संकट से बचने के लिये फासीवाद और जंग का सहारा ले रहे हैं। यह कुछ तथाकथित ''गैर-राज्य तत्वों'' क
मेरे प्यारे साथियों और मजदूर एकता लहर के सभी पाठकों, हिन्दोस्तान में तथा पूरे विश्व में असुरक्षा और चिंता, आतंक, तनाव और आपसी शक का माहौल फैलाया जा रहा है। दक्षिण एशिया पर जंग के बादल मंडरा रहे हैं। यह सत्ता में बैठे साम्राज्यवादी और पूंजीवादी वर्गों का काम है, वे पूंजीवाद के गहराते संकट से बचने के लिये फासीवाद और जंग का सहारा ले रहे हैं। यह कुछ तथाकथित ''गैर-राज्य तत्वों'' का काम नहीं है, जैसा कि पूंजीपति प्रचार कर रहे हैं।
यह स्पष्ट है कि 2009 बड़े-बड़े संघर्षों का वर्ष होगा। इसमें मजदूर वर्ग की अहम भूमिका होगी। कम्युनिस्टों और सभी प्रगतिशील ताकतों की काफी जिम्मेदारी होगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मजदूर वर्ग सत्ता में बैठे पूंजीपतियों के हमलों का विरोध करने तथा अपने हाथों में राज्य सत्ता लेने की तैयारी करने के लिये जनसमुदाय को अगुवाई दें।
पूंजीवादी व्यवस्था, जो इस समय अपने उच्चतम स्तर – साम्राज्यवाद – में है, आज सारी दुनिया में एक गहरे व सब तरफे संकट में फंसी हुई है। जब उनके मुनाफे खतरे में होते हैं, तो पूंजीपति वर्ग और भयानक तरीके से मजदूरों का शोषण करता है, किसानों को लूटता है और दूसरे देशों को दबाता है। वह और चतुराई से मजदूर मेहनतकशों को बांटने और गुमराह करने की साज़िशें बनाता है।
पूंजीपति अपने मुनाफों को बचाकर तथा पहले से ज्यादा मजबूत होकर संकट से बच निकलने के लिये फासीवाद और जंग का रास्ता अपनाना चाहते हैं। वे लोगों के बुनियादी अधिकारों को छीनने के लिये और हर प्रकार के विरोध को दोषी ठहराने के लिये ''आतंक पर जंग'' का झंडा बुलंद कर रहे हैं।
अमरीकी साम्राज्यवादी इस उप-महाद्वीप पर रौब जमाना चाहते हैं और पूरी दुनिया का नेता बनना चाहते हैं। इसके लिये वे एशिया में जंग को और दूरी तक फैलाना चाहते हैं और इसमें दूसरे देशों का समर्थन चाहते हैं। हिन्दोस्तान के साम्राज्यवादी पूंजीपति इस इलाके में अमरीका की रणनीति के साथ कदम मिलाकर बड़े जोश के साथ चल रहे हैं। वे उम्मीद करते हैं कि इस तरह हिन्दोस्तान मजबूत हो जायेगा और पाकिस्तान कमजोर होगा।
वर्तमान हालत में लोगों को बचाना और हिन्दोस्तान को इस इलाके में फासीवाद और जंग का कारक बनने से रोकना, यह हिन्दोस्तानी मजदूर वर्ग का फर्ज है। कम्युनिस्टों को मजदूर वर्ग को स्पष्ट, एकजुट और अडिग नेतृत्व देना होगा, ताकि मजदूर वर्ग अपनी सही भूमिका अदा कर सके।
लोगों का ध्यान भटकाने और धर्म, जाति, भाषा और राष्ट्रीयता के आधार पर लोगों को आपस में लड़वाने के लिये पूंजीपति कई दुष्ट साज़िशें बना रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि कम्युनिस्ट पूंजीपतियों के खिलाफ़ मजदूर वर्ग और मेहनतकश जन समुदाय को, अपने वर्ग के हित के लिये, एकजुट करने की अपनी योजना बनायें और उसे लागू करें।
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी ने 2008 में कई कामयाबियां हासिल की हैं। हमने पूरी जागरूकता के साथ, अलग-अलग इलाकों में हिन्दोस्तानी कम्युनिस्ट आंदोलन पर कम्युनिस्ट पाठशालायें आयोजित करके, मजदूरों के बीच कम्युनिस्टों की एक युवा सेना को प्रशिक्षित करने की योजना को सफलतापूर्वक लागू किया। हमने वर्तमान लोकतंत्र की व्यवस्था और राजनीतिक प्रक्रिया, उदारीकरण व निजीकरण के जरिये भूमंडलीकरण, शासक वर्ग की फासीवादी व बंटवारे की राजनीति का पर्दाफाश करने के लिये जन अभियान चलाये। हमने बहादुरी के साथ मेहनतकशों के बीच जाकर यह प्रचार किया कि समाजवाद ही इस संकट-ग्रस्त पूंजीवादी व्यवस्था का विकल्प है।
2009 में प्रवेश करते हुये, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी अपने संकल्प पर डटी रहेगी, कि हम क्रांतिकारी आधार पर हिन्दोस्तानी कम्युनिस्टों की एकता को पुन:स्थापित करेंगे और पूंजीपतियों के हमलों को हराने के लिये मजदूर वर्ग और मेहनतकशों की एकता मजबूत करने में अपना योगदान देंगे।
बढ़ते फासीवाद और जंग की तैयारियों को हराने के लिये यह आवश्यक है कि कम्युनिस्ट मेहनतकशों के बीच में जाकर सच्चाई का खुलासा करें और राजनीतिक संघर्ष में लोगों को लामबंध करें। हम सभी को इस काम में शानदार मिसाल बननी होगी।
अन्त में, मैं आप सभी को एक सक्रिय व कामयाब नव वर्ष की शुभकामना देता हूं। इस वर्ष को हिन्दोस्तानी मजदूर वर्ग के पुन:जागरण का वर्ष बनायें! भविष्य मेहनतकशों का है, हमारा खून चूसने वालों का नहीं।
लाल सिंह, महासचिव,
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी