रविवार, 13 मार्च को मुंबई के वरली बी.डी.डी. चॉल में सैकड़ों महिलाओं और दूसरे निवासियों ने मिलकर बड़े जोश के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। दूर की बस्ती पडगांव समेत कई अन्य मजदूर वर्ग रिहायशी इलाकों से महिलाओं ने भी इसमें भाग लिया।
रविवार, 13 मार्च को मुंबई के वरली बी.डी.डी. चॉल में सैकड़ों महिलाओं और दूसरे निवासियों ने मिलकर बड़े जोश के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। दूर की बस्ती पडगांव समेत कई अन्य मजदूर वर्ग रिहायशी इलाकों से महिलाओं ने भी इसमें भाग लिया।
पुरोगामी महिला संगठन की पहल पर यह समारोह आयोजित किया गया था। पुरोगामी महिला संगठन के प्रतिनिधियों ने 8 मार्च का महत्व समझाया, कि यह दिन प्रतिवर्ष अन्तर्राष्ट्रीय मेहनतकश महिला दिवस के रूप में, यानि उस दिन के रूप में मनाया जाता है जब दुनिया भर की महिलाएं वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था में चल रहे शोषण और दमन से मुक्ति के संघर्ष में दुगुनी ताकत के साथ आगे बढ़ने का प्रण लेती हैं।
इस इलाके की महिलाएं कुछ समय से लड़ाकू संघर्ष कर रही हैं, जिसके फलस्वरूप उन्होंने अधिकारियों को अनाज व दूसरी जरूरी चीजों के वितरण की राशन व्यवस्था को फिर से चालू करने को मजबूर किया है। अपने संघर्ष के दौरान महिलाएं सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के निष्पक्ष और सुगम काम-काज की देख-रेख के लिये समितियों में एकजुट हुईं हैं, जबकि सरकार राशन व्यवस्था को पूरी तरह मिटा देने की कोशिश कर रही थी। सभा में कार्यकर्ताओं ने मेहनतकशों के खाद्य के अधिकार को छीनने की सरकार की कोशिश की कड़ी निंदा की और संघर्ष के दौरान सीखे गये महत्वपूर्ण सबकों को दोहराया।
लोक राज संगठन और हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के प्रतिनिधियों ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने महिलाओं की दृढ़ता और जुझारू ताकत की सराहना की और महिलाओं को बड़ी से बड़ी संख्या में अपने अधिकारों की रक्षा के लिये आगे आने का आह्वान किया। अनेक महिला कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभव बताये और संघर्ष को आगे बढ़ाने के अपने इरादों को प्रकट किया।
सुप्रसिध्द गायक संभाजी भगत ने मेहनतकश महिलाओं की हालतों और संघर्षों पर आधारित गीतों से समां बांधा।