गुजरात के जनरल मोटर्स के हालोल कारखाने के मज़दूर 16 मार्च, 2011 से हड़ताल पर हैं। कंपनी प्रबंधन के अनुसार, हड़ताल की वजह से 700 से भी अधिककारों के उत्पादन की कमी हुई है। प्रबंधन ने हड़ताल कर रहे मज़दूरों को तुरंत काम पर वापस आने की धमकी दी है नहीं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जायेगा।
गुजरात के जनरल मोटर्स के हालोल कारखाने के मज़दूर 16 मार्च, 2011 से हड़ताल पर हैं। कंपनी प्रबंधन के अनुसार, हड़ताल की वजह से 700 से भी अधिककारों के उत्पादन की कमी हुई है। प्रबंधन ने हड़ताल कर रहे मज़दूरों को तुरंत काम पर वापस आने की धमकी दी है नहीं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जायेगा।
गुजरात सरकार जनरल मोटर्स के प्रबंधन की तरफदारी कर रही है। उसने इलाके में धारा 144 लागू कर दी है ताकि आंदोलन करने से और हड़ताल तोड़ने की कार्यवाईयों को विफल करने से मज़दूरों को रोका जा सके। सरकार ने हड़ताल को गैर कानूनी घोषित किया है।
हड़तालियों ने कारखाने पर धरने पर बैठने की चेतावनी दी है। यूनियन के एक प्रवक्ता ने कहा है कि निषेधात्मक आदेश के विरोध में वे उच्च न्यायालय के दरवाजे खटखटायेंगे। इस कारखाने में 900 मज़दूर काम करते हैं। कंपनी अस्थायी और शिक्षु (नौसिखिया) मज़दूरों पर वापस काम पर आने का भारी दबाव डाल रही है।
हालोल का कारखाना वड़ोदरा के समीप है और इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 85,000 इकाइयां है। हड़ताल की वजह से कंपनी दिन में 190 की जगह सिर्फ 70 इकाइयां ही बना पा रही है। मज़दूरों ने एक नये वेतन समझौते की मांग को लेकर हड़ताल की है। उनकी मांगों में फैक्टरी कानून के अनुसार ओवरटाईम के लिये वेतन, कार्यभार में कटौती और यूनियन के नेताओं को प्रबंधन द्वारा डीलर नेटवर्क में भेजने की और अकुशल व अर्र्धकुशल मज़दूरों से काम करवाने की प्रथा का खंडन शामिल है।