ऑल गारो हिल्स मस्टररोल वर्कर्स यूनियन तथा ऑल गारो हिल्स आंगनवाड़ी वर्कर्स एसोसियेशन ने तुरा में एक सभा में सरकार का जरूरी वस्तुओं की महंगाई की समस्या पर ध्यान आकर्षित किया है।
गारो पहाड़ियों में करीब 5000 मस्टररोल मज़दूर हैं जबकि आंगनवाड़ी मज़दूरों की संख्या करीब 1300 है, जिन्हें मात्र 1500 रु. मासिक मानदेय दिया जाता है।
ऑल गारो हिल्स मस्टररोल वर्कर्स यूनियन तथा ऑल गारो हिल्स आंगनवाड़ी वर्कर्स एसोसियेशन ने तुरा में एक सभा में सरकार का जरूरी वस्तुओं की महंगाई की समस्या पर ध्यान आकर्षित किया है।
गारो पहाड़ियों में करीब 5000 मस्टररोल मज़दूर हैं जबकि आंगनवाड़ी मज़दूरों की संख्या करीब 1300 है, जिन्हें मात्र 1500 रु. मासिक मानदेय दिया जाता है।
यूनियनें चाहती हैं कि मस्टररोल मज़दूरों को नियमित किया जाये। उन्हें मुश्किल काम करना पड़ता है और उनका वेतन बहुत ही कम है अत: वे पेंशन व उपदान की मांग कर रहे हैं। अभी के समय, अकुशल मज़दूरों की देहाड़ी 100 रु., अर्ध कुशल मज़दूरों की 120 रु. और कुशल मज़दूरों की 150 रु. है।
वे बरसाती, रबर के जूते और टॉर्च की मांग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें जोखिम भरी मशीनों के साथ-साथ, धूप और बारिश में काम करना पड़ता है तथा गारो पहाड़ियों के घने जंगलों के बीच में चलना पड़ता है। उनके इतने कम वेतन के बावजूद मज़दूरों को काम करने के लिये जरूरी सामग्री अपने पैसों से खरीदनी पड़ती है। उन्हें देश के और प्रांत की छुट्टियों के दिनों में भी काम पर आना पड़ता है। यूनियनों ने फैसला कर लिया है कि जंगल व लोकनिर्माण विभागों के और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के मस्टररोल मज़दूरों की त्रासदी के मामले को सरकार को जल्दी से जल्दी लेना होगा।
उन्होंने गारो पहाड़ियों के आंगनवाड़ी मज़दूरों के वेतन में बढ़ोतरी के लिये ज्वाइंट एक्शन कमेटी बनाने का भी फैसला लिया है। उनकी संयुक्त सभा ने जरूरी वस्तुओं की अभूतपूर्व महंगाई का भी धिक्कार किया। अधिकारियों द्वारा महंगाई पर लगाम लगाने का भी एक प्रस्ताव सभा ने पारित किया।